सलूंबर (उदयपुर). जिले के सलूंबर पंचायत समिति के ईसरवास ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने शुक्रवार को राज्य सरकार के नाम उपखंड अधिकारी प्रकाश चंद्र रेगर को एक सामूहिक ज्ञापन दिया. ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ईसरवास के राजस्व गांव ईसरवास डांगीयान, ईसरवास टापरान, ईसरवास रावान, सुरों का कुआं, जोधसागर की भागल, मानपुरा गांवों को यथावत सलूंबर पंचायत समिति में ही रखा जाए.
साथ ही उन्होंने बताया कि नई नीति की खामियां स्थानीय नागरिकों को झेलनी पड़ेगी और इन नागरिकों को पंचायती राज योजनाओं का नहीं मिलेगा. इन राजस्व गांवों में आज भी अधिक संख्या में आर्थिक पिछड़े हुए लोग हैं, जिनका रोजगार नरेगा पर निर्भर है.
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इस दौरान ग्रामीणों ने कानूनी दायरा बताते हुए ग्रामीणों ने संसद की ओर से पारित एक्ट 1996 का हवाला दिया कि अनुसूचित सूची वाले इलाकों में विशेष प्रकार की व्यवस्था लागू की गई है. इसके तहत ग्राम पंचायतों के पास विशेष शक्तियां हैं, जिसके तहत स्वयं ग्रामसभा की सहमति के बिना उस क्षेत्र का अधिग्रहण नहीं हो सकता.
लघु खनिज एवं संसाधनों के सबंध में भी निर्णय ग्राम सभा की सहमति से किया जाएगा. साथ ही ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से स्थानीय लोगों का हनन करते हुए उनकी बिना रजामंदी के उन्हें सलूंबर पालिका क्षेत्र में शामिल किया गया है, ग्रामीणों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है.
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बता दें कि हाल ही में सलूंबर नगर पालिका के विस्तार में 10 राजस्व गांव को शामिल करने के लिए सरकारी आदेश जारी किया गया था. वहीं इस आदेश से खफा ग्रामीण सड़कों पर उतर आए हैं. लोगों ने राज्य सरकार के नाम उपखंड अधिकारी प्रकाश चंद्र रेगर को ज्ञापन दिया. साथ ही ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि समय पर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो, आगामी दिनों में रणनीति के तहत आंदोलन किया जाएगा.