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Special: उदयपुर में कचरे से बना मनोहर पार्क, जहां हर कोई चाहता है वक्त बिताना, जानें कायाकल्प के पीछे की कहानी

उदयपुर में एक पार्क इन दिनों पर्यटकों व स्थानीयों के आकर्षण (Made an attractive park by using waste) का केंद्र बना हुआ है. लेकिन आपको जान कर हैरानी होगी कि इस पार्क को कचरों को संग्रहित कर बनाया गया है.

Made an attractive park by using waste
Made an attractive park by using waste
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Published : Dec 31, 2022, 6:30 PM IST

उदयपुर में कचरे से बना शानदार पार्क

उदयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता को लेकर जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं. जिसका असर अब लेकसिटी उदयपुर में भी दिखने (Made an attractive park by using waste) लगा है. पूर्व का वेनिस कहे जाने वाले इस शहर में सालभर पहले गंदगी का अंबार हुआ करता था. लेकिन आज यहां वेस्ट को बेस्ट में तब्दील कर एक पार्क बनाया गया है. जो आज अपने आप में बेहद खूबसूरत व बच्चों का पसंदीदा प्लेस बन गया है.

यहां एक साल पहले था गंदगी का अंबार: देश-दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर झीलों की नगरी उदयपुर में बड़ी संख्या में टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं. ऐसे में उदयपुर के ऐतिहासिक स्वरूप सागर किनारे नई पुलिया के पास गंदगी का अंबार दिखाई (Udaipur Municipal Corporation) देता था. लेकिन उदयपुर नगर निगम और धरोहर संस्थान ने इस स्थान का कायाकल्प कर दिया है. यहां पड़े वेस्टेज कूड़े कचरों व अपशिष्ट पदार्थों से एक बेहद खूबसूरत पार्क बनाया गया है. यहां पहले असामाजिक तत्व और मवेशी नजर आते थे, लेकिन आज यहां अभिभावक अपने बच्चों को घूमाने के लिए लाते हैं और यह स्थान बच्चों को भी खासा पसंद आ रही है.

पुराने अपशिष्ट पदार्थों से बना आकर्षण पार्क: स्वरुप सागर किनारे बने इस पार्क को पुराने अपशिष्ट पदार्थों व कचरों को संग्रहित कर बनाया गया है. जहां आपको हर तरफ (Garbage made park in Udaipur) सफाई के साथ ही पेड़-पौधे नजर आएंगे. इतना ही नहीं पुराने टायरों से बच्चों के मनोरंजन के लिए विशेष तरह के झूले लगाए गए हैं. जिसकी खास बात यह है कि इन झूलों की रस्सी भी बेकार, फटे पुराने कपड़ों से बनाई गई है, जो दिखने में बेहद खूबसूरत व आकर्षक है.

इसे भी पढ़ें - SPECIAL: उदयपुर में 500 साल से पानी पर बन रही जल सांझी, भगवान कृष्ण की लीलाओं को देखने आते हैं विदेशी सैलानी

पार्क में रंग बिरंगी चिड़ियों का झुंड: यहां अपशिष्ट पदार्थों का रिसाइकिल कर उससे प्लास्टिक तैयार की गई और फिर उससे रंग-बिरंगी चिड़ियों के झुंड लगाए गए. ऐसे में पार्क में आर्टिफिशियल चिड़ियों को देख आप भी हैरान रह जाएंगे, क्योंकि इन्हें देख आपको भी यही लगेगा कि ये असली हैं. खैर, फिलहाल तक इस पार्क (Historical Swaroop Sagar of Udaipur) का नामकरण नहीं किया गया है. उदयपुर नगर निगम ने इस पार्क के रखरखाव के लिए धरोहर संस्थान को इसका काम दिया है, जो आगामी 10 सालों तक इसके रखरखाव के साथ ही मेंटेनेंस पर भी ध्यान देगा.

वहीं, फतेहसागर और शहर के नजदीक होने के कारण यहां भारी संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं. जिसमें बच्चों के साथ ही बुजुर्ग, युवा, और महिलाएं भी शामिल हैं. इतना ही नहीं स्वरुप सागर किनारे होने के कारण खुली हवा के साथ ही यहां झील का भी आनंद लिया जा रहा है. एक साल पहले इसी गार्डन में गंदगी का अंबार नजर आता था, लेकिन अपशिष्ट पदार्थों का सदुपयोग कर इसे आकर्षक स्वरूप दिया गया.

उदयपुर नगर निगम के उपमहापौर पारस सिंघवी ने बताया कि वर्तमान में हर घर में अपशिष्ट पदार्थों को यूं ही कचरे की गाड़ी में फेंक दिया जाता है. जिससे बड़ी संख्या में कचरे और अन्य पदार्थों का कलेक्शन होता है. लेकिन अगर व्यक्ति चाहे तो प्लास्टिक के कचरे को आकारबद्ध कर सकता है. यानी वेस्ट को बेस्ट में तब्दील किया जा सकता है. वहीं, इस दौरान पार्क में घूमने आए लोगों ने बताया कि उन्हें यहां आना काफी पसंद है, क्योंकि यहां बैठने से लेकर सभी तरह की सुविधाओं का विशेष रूप से ख्याल रखा गया है.

उदयपुर में कचरे से बना शानदार पार्क

उदयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता को लेकर जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं. जिसका असर अब लेकसिटी उदयपुर में भी दिखने (Made an attractive park by using waste) लगा है. पूर्व का वेनिस कहे जाने वाले इस शहर में सालभर पहले गंदगी का अंबार हुआ करता था. लेकिन आज यहां वेस्ट को बेस्ट में तब्दील कर एक पार्क बनाया गया है. जो आज अपने आप में बेहद खूबसूरत व बच्चों का पसंदीदा प्लेस बन गया है.

यहां एक साल पहले था गंदगी का अंबार: देश-दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर झीलों की नगरी उदयपुर में बड़ी संख्या में टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं. ऐसे में उदयपुर के ऐतिहासिक स्वरूप सागर किनारे नई पुलिया के पास गंदगी का अंबार दिखाई (Udaipur Municipal Corporation) देता था. लेकिन उदयपुर नगर निगम और धरोहर संस्थान ने इस स्थान का कायाकल्प कर दिया है. यहां पड़े वेस्टेज कूड़े कचरों व अपशिष्ट पदार्थों से एक बेहद खूबसूरत पार्क बनाया गया है. यहां पहले असामाजिक तत्व और मवेशी नजर आते थे, लेकिन आज यहां अभिभावक अपने बच्चों को घूमाने के लिए लाते हैं और यह स्थान बच्चों को भी खासा पसंद आ रही है.

पुराने अपशिष्ट पदार्थों से बना आकर्षण पार्क: स्वरुप सागर किनारे बने इस पार्क को पुराने अपशिष्ट पदार्थों व कचरों को संग्रहित कर बनाया गया है. जहां आपको हर तरफ (Garbage made park in Udaipur) सफाई के साथ ही पेड़-पौधे नजर आएंगे. इतना ही नहीं पुराने टायरों से बच्चों के मनोरंजन के लिए विशेष तरह के झूले लगाए गए हैं. जिसकी खास बात यह है कि इन झूलों की रस्सी भी बेकार, फटे पुराने कपड़ों से बनाई गई है, जो दिखने में बेहद खूबसूरत व आकर्षक है.

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पार्क में रंग बिरंगी चिड़ियों का झुंड: यहां अपशिष्ट पदार्थों का रिसाइकिल कर उससे प्लास्टिक तैयार की गई और फिर उससे रंग-बिरंगी चिड़ियों के झुंड लगाए गए. ऐसे में पार्क में आर्टिफिशियल चिड़ियों को देख आप भी हैरान रह जाएंगे, क्योंकि इन्हें देख आपको भी यही लगेगा कि ये असली हैं. खैर, फिलहाल तक इस पार्क (Historical Swaroop Sagar of Udaipur) का नामकरण नहीं किया गया है. उदयपुर नगर निगम ने इस पार्क के रखरखाव के लिए धरोहर संस्थान को इसका काम दिया है, जो आगामी 10 सालों तक इसके रखरखाव के साथ ही मेंटेनेंस पर भी ध्यान देगा.

वहीं, फतेहसागर और शहर के नजदीक होने के कारण यहां भारी संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं. जिसमें बच्चों के साथ ही बुजुर्ग, युवा, और महिलाएं भी शामिल हैं. इतना ही नहीं स्वरुप सागर किनारे होने के कारण खुली हवा के साथ ही यहां झील का भी आनंद लिया जा रहा है. एक साल पहले इसी गार्डन में गंदगी का अंबार नजर आता था, लेकिन अपशिष्ट पदार्थों का सदुपयोग कर इसे आकर्षक स्वरूप दिया गया.

उदयपुर नगर निगम के उपमहापौर पारस सिंघवी ने बताया कि वर्तमान में हर घर में अपशिष्ट पदार्थों को यूं ही कचरे की गाड़ी में फेंक दिया जाता है. जिससे बड़ी संख्या में कचरे और अन्य पदार्थों का कलेक्शन होता है. लेकिन अगर व्यक्ति चाहे तो प्लास्टिक के कचरे को आकारबद्ध कर सकता है. यानी वेस्ट को बेस्ट में तब्दील किया जा सकता है. वहीं, इस दौरान पार्क में घूमने आए लोगों ने बताया कि उन्हें यहां आना काफी पसंद है, क्योंकि यहां बैठने से लेकर सभी तरह की सुविधाओं का विशेष रूप से ख्याल रखा गया है.

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