उदयपुर. निकाय चुनाव उदयपुर में जहां नगर निगम चुनाव में भाजपा जहां फिर से जीत का दावा कर रही है, तो वहीं भाजपा में चुनाव से पहले ही महापौर पद को लेकर खींचातानी शुरू हो गई है. ये रस्साकशी भाजपा पार्षद उम्मीदवार और आरपीएससी चेयरमैन रहे गोविंद सिंह टांक के बीच है.
दरअसल, नामांकन के आखिरी दिन पार्षद पद का पर्चा भरने बड़ी संख्या में उम्मीदवार कलेक्ट्रेट पहुंचे. लेकिन इस दौरान गोविंद सिंह टांक के साथ बड़ी संख्या में भाजपा के आला नेता भी दिखाई दिए. जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार उदयपुर में गोविंद सिंह तक भाजपा के महापौर उम्मीदवार होंगे. फिर मीडिया से बात करते हुए टांक ने शहर को विकसित करने का प्लान बताया. यहीं नहीं महापौर की उम्मीदवारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि, मैं महापौर ही क्या राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ सकता हूं.
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उदयपुर में ओबीसी की रिजर्व सीट इस बार महापौर पद के लिए निकली है. ऐसे में ओबीसी के प्रमुख दावेदार गोविंद सिंह टांक, मनोहर चौधरी और छोगालाल भाई में जुबानी जंग शुरू हो गई है. जहां मनोहर चौधरी और छोगालाल भाई पार्टी का सिपाही बन पार्षद का चुनाव जीतने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं. यहीं नहीं भाजपा पार्षद उम्मीदवार महापौर के नाम पर बोल रहे है कि ऐसा कोई भी महापौर नहीं बन सकता. ये फैसला पार्षदों के साथ-साथ प्रदेश भाजपा नेतृत्व का भी होता है.
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बता दें कि इससे पहले महापौर पद की लिस्ट में मनोहर चौधरी, छोगालाल भाई, जगदीश सुथार, देवनारायण धाबाई जैसे कई नाम शामिल थे, लेकिन गोविंद सिंह टांक का नाम आने के बाद उम्मीद यही जताई जा रही है कि भाजपा इन्हें ही महापौर बनाएगी. गौरतलब है कि राजस्थान की 49 निकायों के लिए 16 नवंबर को मतदान होना है, वहीं 19 नवंबर के लिए मतगणना होगी. वहीं अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 26 नवंबर को किया जाएगा.