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आपणी सरकार: उदयपुर भाजपा में महापौर पद को लेकर जुबानी जंग... जीएस टांक ने कहा- मेयर क्या राष्ट्रपति उम्मीदवार भी बन सकता हूं - निकाय चुनाव 2019

उदयपुर निकाय चुनाव में भाजपा में महापौर पद को लेकर जंग शुरू हुई हो गई. जहां एक तरफ पार्षद महापौर की उम्मीदवारी के फैसले पर पार्षदों के साथ-साथ प्रदेश भाजपा नेतृत्व का भी बात बोल रहे है. वहीं आरपीएससी पूर्व चेयरमैन गोविंद सिंह टांक का कहना है कि महापौर क्या राष्ट्रपति के उम्मीदवार भी बन सकते हैं.

GS Tank statement on Mayor, Udaipur Municipal Corporation,
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Published : Nov 5, 2019, 8:03 PM IST

उदयपुर. निकाय चुनाव उदयपुर में जहां नगर निगम चुनाव में भाजपा जहां फिर से जीत का दावा कर रही है, तो वहीं भाजपा में चुनाव से पहले ही महापौर पद को लेकर खींचातानी शुरू हो गई है. ये रस्साकशी भाजपा पार्षद उम्मीदवार और आरपीएससी चेयरमैन रहे गोविंद सिंह टांक के बीच है.

उदयपुर भाजपा में महापौर पद को लेकर जुबानी जंग

दरअसल, नामांकन के आखिरी दिन पार्षद पद का पर्चा भरने बड़ी संख्या में उम्मीदवार कलेक्ट्रेट पहुंचे. लेकिन इस दौरान गोविंद सिंह टांक के साथ बड़ी संख्या में भाजपा के आला नेता भी दिखाई दिए. जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार उदयपुर में गोविंद सिंह तक भाजपा के महापौर उम्मीदवार होंगे. फिर मीडिया से बात करते हुए टांक ने शहर को विकसित करने का प्लान बताया. यहीं नहीं महापौर की उम्मीदवारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि, मैं महापौर ही क्या राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ सकता हूं.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: सांसद पुत्री का पार्षद का टिकट फाइनल, सभापति पद की हैं बड़ी दावेदार

उदयपुर में ओबीसी की रिजर्व सीट इस बार महापौर पद के लिए निकली है. ऐसे में ओबीसी के प्रमुख दावेदार गोविंद सिंह टांक, मनोहर चौधरी और छोगालाल भाई में जुबानी जंग शुरू हो गई है. जहां मनोहर चौधरी और छोगालाल भाई पार्टी का सिपाही बन पार्षद का चुनाव जीतने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं. यहीं नहीं भाजपा पार्षद उम्मीदवार महापौर के नाम पर बोल रहे है कि ऐसा कोई भी महापौर नहीं बन सकता. ये फैसला पार्षदों के साथ-साथ प्रदेश भाजपा नेतृत्व का भी होता है.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: कोटा के सांगोद में रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटी कांग्रेस

बता दें कि इससे पहले महापौर पद की लिस्ट में मनोहर चौधरी, छोगालाल भाई, जगदीश सुथार, देवनारायण धाबाई जैसे कई नाम शामिल थे, लेकिन गोविंद सिंह टांक का नाम आने के बाद उम्मीद यही जताई जा रही है कि भाजपा इन्हें ही महापौर बनाएगी. गौरतलब है कि राजस्थान की 49 निकायों के लिए 16 नवंबर को मतदान होना है, वहीं 19 नवंबर के लिए मतगणना होगी. वहीं अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 26 नवंबर को किया जाएगा.

उदयपुर. निकाय चुनाव उदयपुर में जहां नगर निगम चुनाव में भाजपा जहां फिर से जीत का दावा कर रही है, तो वहीं भाजपा में चुनाव से पहले ही महापौर पद को लेकर खींचातानी शुरू हो गई है. ये रस्साकशी भाजपा पार्षद उम्मीदवार और आरपीएससी चेयरमैन रहे गोविंद सिंह टांक के बीच है.

उदयपुर भाजपा में महापौर पद को लेकर जुबानी जंग

दरअसल, नामांकन के आखिरी दिन पार्षद पद का पर्चा भरने बड़ी संख्या में उम्मीदवार कलेक्ट्रेट पहुंचे. लेकिन इस दौरान गोविंद सिंह टांक के साथ बड़ी संख्या में भाजपा के आला नेता भी दिखाई दिए. जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार उदयपुर में गोविंद सिंह तक भाजपा के महापौर उम्मीदवार होंगे. फिर मीडिया से बात करते हुए टांक ने शहर को विकसित करने का प्लान बताया. यहीं नहीं महापौर की उम्मीदवारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि, मैं महापौर ही क्या राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ सकता हूं.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: सांसद पुत्री का पार्षद का टिकट फाइनल, सभापति पद की हैं बड़ी दावेदार

उदयपुर में ओबीसी की रिजर्व सीट इस बार महापौर पद के लिए निकली है. ऐसे में ओबीसी के प्रमुख दावेदार गोविंद सिंह टांक, मनोहर चौधरी और छोगालाल भाई में जुबानी जंग शुरू हो गई है. जहां मनोहर चौधरी और छोगालाल भाई पार्टी का सिपाही बन पार्षद का चुनाव जीतने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं. यहीं नहीं भाजपा पार्षद उम्मीदवार महापौर के नाम पर बोल रहे है कि ऐसा कोई भी महापौर नहीं बन सकता. ये फैसला पार्षदों के साथ-साथ प्रदेश भाजपा नेतृत्व का भी होता है.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: कोटा के सांगोद में रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटी कांग्रेस

बता दें कि इससे पहले महापौर पद की लिस्ट में मनोहर चौधरी, छोगालाल भाई, जगदीश सुथार, देवनारायण धाबाई जैसे कई नाम शामिल थे, लेकिन गोविंद सिंह टांक का नाम आने के बाद उम्मीद यही जताई जा रही है कि भाजपा इन्हें ही महापौर बनाएगी. गौरतलब है कि राजस्थान की 49 निकायों के लिए 16 नवंबर को मतदान होना है, वहीं 19 नवंबर के लिए मतगणना होगी. वहीं अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 26 नवंबर को किया जाएगा.

Intro:उदयपुर में नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जहां फिर से जीत का दावा कर रही है तो वहीं भाजपा में चुनाव से पहले ही महापौर पद को लेकर सियासी युद्ध शुरू हो गया है भाजपा के कुछ पार्षद जहां चुनाव बाद महापौर पद के ऐलान की बात कह रहे हैं तो वहीं कुछ का कहना है कि पार्टी ने उन्हें अंतिम वक्त में उदयपुर की सेवा करने के लिए चुना है ऐसे में उदयपुर में अब गोविंद सिंह टाक के महापौर बनने की सियासी चर्चा शुरू हो गई है


Body:उदयपुर में नामांकन दाखिल करने की अंतिम दिन आज भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों द्वारा महापौर पद को लेकर भी सियासी घमासान शुरू हो गया है आपको बता दें कि उदयपुर में ओबीसी की रिजर्व सीट इस बार महापौर पद के लिए निकली है ऐसे में ओबीसी के प्रमुख दावेदार गोविंद सिंह टाक, मनोहर चौधरी और छोगालाल हुई जैसे शहरों में अब जुबानी जंग शुरू हो गई है जहां मनोहर चौधरी और छोगालाल भाई पार्टी का सिपाही बन पार्षद का चुनाव जीतने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं तो वही आरपीएससी के चेयरमैन रहे गोविंद सिंह टाक शहर को विकसित करने का प्लान बता रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि मैं महापौर ही क्या राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ सकता हूं
बता दें कि पार्षद पद का नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि थी ऐसे में बड़ी संख्या में उम्मीदवार कलेक्ट्री पहुंचे लेकिन इस दौरान गोविंद सिंह टाक के साथ बड़ी संख्या में भाजपा के आला नेता भी दिखाई दिए ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार उदयपुर में गोविंद सिंह तक भाजपा के महापौर उम्मीदवार होंगे


Conclusion:आपको बता दें कि इससे पहले महापौर पद को लेकर उदयपुर भाजपा में सियासी घमासान शुरू हो गया था मनोहर चौधरी छोगालाल भाई जगदीश सुथार देवनारायण धाबाई जैसे कई नाम शामिल थे लेकिन गोविंद सिंह टाक का नाम आने के बाद उम्मीद यही जताई जा रही है कि भाजपा इन्हें ही महापौर बनाएगी

बाइट - छोगालाल भाई पार्षद उम्मीदवार भाजपा
बाइट - गोविंद सिंह टाक भाजपा उम्मीदवार
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