उदयपुर. जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा को सिविल सेवा दिवस के अवसर पर मिशन कोटड़ा के लिए मुख्यंमंत्री सार्वजनिक सेवा उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित करने के बाद मिशन कोटड़ा की चर्चा पूरे प्रदेश में है. अभियान से उदयपुर जिले के दूरस्थ एवं सर्वाधिक पिछड़े ब्लॉक कोटड़ा में अवस्थित लोगों के जनजीवन में व्यापक परिवर्तन हुआ है, जिसकी मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव ने भी कई बार सराहना की है.
क्या है मिशन कोटड़ा?: जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने उदयपुर में पदभार संभाला, तो देखा कि यहां के जनजाति अंचल के लोग बहुत पिछड़े हुए हैं एवं योजनाओं का सही से लाभ नहीं ले पा रहे हैं. इस पर कलक्टर कोटड़ा पहुंचे, स्थिति की समीक्षा की तथा पाया कि यहां लोगों में जागरूकता का नितांत अभाव है. सरकारी मशीनरी और लोगों में तालमेल की भी कमी है और यहीं से शुरू हो गया मिशन कोटड़ा. ब्लॉक कोटड़ा में सभी विभागों के अधिकारियों ने मिशन मोड पर योजनाओं से वंचित लोगों को चिन्हित कर उन्हें सभी योजनाओं से लाभान्वित करने का कार्य 30 जनवरी, 2022 से शुरू किया.
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मिशन कोटड़ा से आया व्यापक परिवर्तनः मिशन कोटड़ा के सफल क्रियान्वयन से कोटडा उपखण्ड में पालनहार योजना के लाभार्थी 947 से बढ़कर 2034, पेंशन योजनाओं के लाभार्थी 33910 से बढ़कर 38616, दिव्यांग पंजीयन 650 से बढ़कर 1149, सिलिकोसिस पंजीयन 493 से बढ़कर 730 हो गया. कोटड़ा में राज्य सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया, देवला से कोटड़ा 50 किमी सड़क का निर्माण मिशन मोड पर किया. ऐसे ही डेयरी बूथ शून्य से 10, खेल स्टेडियम शून्य से 11, कृषि मण्डी शून्य से 1 हो गई. स्कूलों में नामांकन में 12.69 प्रतिशत का इजाफा हुआ. ऐसे ही गर्भवती महिलाओं के पंजीयन में भी 18.35 प्रतिशत का इजाफा हुआ जिससे संस्थागत प्रसव बढ़े एवं जच्चा-बच्चा की सुरक्षा सुनिश्चित हुई.
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इन योजनाओं पर हुआ मिशन मोड पर कामः मिशन कोटड़ा के तहत सड़क कनेक्टिविटी को काफी सुधारा गया. कोटड़ा जनजाति अंचल के कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए आदि महोत्सव का सफल आयोजन हुआ. कोटड़ा के स्थानीय कलाकारों को जी 20 बैठकों, गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता में भी प्रस्तुति का अवसर प्रदान किया गया. कोटड़ा की खेल प्रतिभाओं को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के अवसर प्रदान किए गए। मिशन कोटड़ा के तहत सीएसआर एवं डीएमएफटी के तहत भी विकास कार्य कलक्टर ने सुनिश्चित किए.