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उदयपुर जिला प्रशासन की पहल महिलाओं और बालिकाओं को लिए बनी जीवनदायिनी

उदयपुर में जिला प्रशासन की पहल पर जिले की महिलाओं में एनीमिया ग्रसित बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं का इलाज शुरु किया गया था. यह पहल  गंभीर रूप से बीमार उन महिलाओं के लिए जीवनदायिनी बन गई है.

एनीमिया ग्रसित बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं का इलाज शुरु
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Published : Aug 5, 2019, 1:24 PM IST

उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर जिले में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव आम लोगों को कई गंभीर बीमारियां दे रहा है. इन्हीं में से एक है एनीमिया जो कि खून की कमी से होती है. यह बीमारी मुख्यता महिलाओं में होती है. ऐसे में मेवाड़ के आदिवासी अंचल में इस बीमारी के चलते कई लोगों की जान भी चली गई थी.

उदयपुर जिला प्रशासन की पहल महिलाओं और बालिकाओं को लिए बनी जीवनदायिनी

लेकिन इस बार उदयपुर जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल शुरू की और एनीमिया ग्रसित महिलाओं का सर्वे शुरू किया. जिसके बाद उच्च जोखिम वाली लगभग 200 से अधिक महिलाओं को चिन्हित कर उनका इलाज शुरू किया गया.वही इस अभियान के दौरान चिन्हित की गई महिलाओं का इलाज अब उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल में शुरू कर दिया गया है.

आर सी एच ओ डॉक्टर अशोक आदित्य ने बताया कि गर्भवती को एनीमिया मुक्त करने के लिए एक-एक यूनिट ब्लड चढ़ाया जा रहा है. कुछ गर्भवती महिलाओं को यूक्रोज के इंजेक्शन की खुराक भी दी जा रही है.वहीं जिला प्रशासन कि अधिकारी ज्योति कलवानी का कहना है कि इस अभियान को जिला स्तर पर हर ग्राम पंचायत और स्कूल स्तर पर शुरू किया गया था, ताकि महिलाओं की इस गंभीर बीमारी का समय पर उपचार हो सके और उनका भविष्य सुरक्षित रह सके.

इसी पहल को लेकर उदयपुर जिला प्रशासन ने यह कार्य किया है.वहीं इस गंभीर बीमारी का उपचार करा रही महिलाएं भी जिला प्रशासन की इस पहल से खुश हैं उनका कहना है कि प्रशासन ने हमारी हर संभव मदद की है और इसी का नतीजा है कि भविष्य में हमें खून की कमी नहीं होगी.

उदयपुर जिले में उच्चतम जोखिम वाली महिलाएं

  • कोटडा 56
  • पलासिया 12
  • सायरा 10
  • झाडोल 9

उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर जिले में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव आम लोगों को कई गंभीर बीमारियां दे रहा है. इन्हीं में से एक है एनीमिया जो कि खून की कमी से होती है. यह बीमारी मुख्यता महिलाओं में होती है. ऐसे में मेवाड़ के आदिवासी अंचल में इस बीमारी के चलते कई लोगों की जान भी चली गई थी.

उदयपुर जिला प्रशासन की पहल महिलाओं और बालिकाओं को लिए बनी जीवनदायिनी

लेकिन इस बार उदयपुर जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल शुरू की और एनीमिया ग्रसित महिलाओं का सर्वे शुरू किया. जिसके बाद उच्च जोखिम वाली लगभग 200 से अधिक महिलाओं को चिन्हित कर उनका इलाज शुरू किया गया.वही इस अभियान के दौरान चिन्हित की गई महिलाओं का इलाज अब उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल में शुरू कर दिया गया है.

आर सी एच ओ डॉक्टर अशोक आदित्य ने बताया कि गर्भवती को एनीमिया मुक्त करने के लिए एक-एक यूनिट ब्लड चढ़ाया जा रहा है. कुछ गर्भवती महिलाओं को यूक्रोज के इंजेक्शन की खुराक भी दी जा रही है.वहीं जिला प्रशासन कि अधिकारी ज्योति कलवानी का कहना है कि इस अभियान को जिला स्तर पर हर ग्राम पंचायत और स्कूल स्तर पर शुरू किया गया था, ताकि महिलाओं की इस गंभीर बीमारी का समय पर उपचार हो सके और उनका भविष्य सुरक्षित रह सके.

इसी पहल को लेकर उदयपुर जिला प्रशासन ने यह कार्य किया है.वहीं इस गंभीर बीमारी का उपचार करा रही महिलाएं भी जिला प्रशासन की इस पहल से खुश हैं उनका कहना है कि प्रशासन ने हमारी हर संभव मदद की है और इसी का नतीजा है कि भविष्य में हमें खून की कमी नहीं होगी.

उदयपुर जिले में उच्चतम जोखिम वाली महिलाएं

  • कोटडा 56
  • पलासिया 12
  • सायरा 10
  • झाडोल 9
Intro:उदयपुर जिले में जिला प्रशासन की पहल पर एक अभियान की शुरुआत की गई थी जिसमें जिले की महिलाओं में एनीमिया ग्रसित बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उनका इलाज शुरू किया गया और अब जिला प्रशासन की पहल गंभीर रूप से बीमार उन महिलाओं के लिए जीवनदायिनी बन गई है जिनके लिए इस बीमारी का इलाज कराना संभव नहीं था पेश है एक रिपोर्ट


Body:राजस्थान के उदयपुर जिले में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव आम लोगों को कई गंभीर बीमारियां दे रहा है इन्हीं में से एक है एनीमिया जो कि खून की कमी से होती है यह बीमारी मुख्यता महिलाओं में होती है ऐसे में मेवाड़ के आदिवासी अंचल में इस बीमारी के चलते कई लोगों की जान भी चली गई थी लेकिन इस बार उदयपुर जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल शुरू की और एनीमिया ग्रसित महिलाओं का सर्वे शुरू किया जिसके बाद उच्च जोखिम वाली लगभग 200 से अधिक महिलाओं को चिन्हित कर उनका इलाज शुरू किया गया
वही इस अभियान के दौरान चिन्हित की गई महिलाओं का इलाज अब उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल में शुरू कर दिया गया है आर सी एच ओ डॉक्टर अशोक आदित्य ने बताया कि गर्भवती को एनीमिया मुक्त करने के लिए एक-एक यूनिट ब्लड चढ़ाया जा रहा है कुछ गर्भवती महिलाओं को यूक्रोज के इंजेक्शन की खुराक भी दी जा रही है
वहीं जिला प्रशासन कि अधिकारी ज्योति कलवानी का कहना है कि इस अभियान को जिला स्तर पर हर ग्राम पंचायत और स्कूल स्तर पर शुरू किया गया था ताकि महिलाओं की इस गंभीर बीमारी का समय पर उपचार हो सके और उनका भविष्य सुरक्षित रह सके और इसी पहल को लेकर उदयपुर जिला प्रशासन ने यह कार्य किया है




Conclusion:वही इस गंभीर बीमारी का उपचार करा रही महिलाएं भी जिला प्रशासन की इस पहल से खुश हैं उनका कहना है कि प्रशासन ने हमारी हर संभव मदद की है और इसी का नतीजा है कि भविष्य में हमें खून की कमी नहीं होगी

उदयपुर जिले में उच्चतम जोखिम वाली महिलाएं

कोटडा 56
पलासिया 12
सायरा 10
झाडोल 9



बाइट लक्ष्मी पीड़िता
बाइट जानकी पीड़िता की मां
बाइट डॉक्टर अशोक आदित्य ,आरसीएचओ
बाइट ज्योति कलवानी जिला रसद अधिकारी उदयपुर

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