उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर जिले में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव आम लोगों को कई गंभीर बीमारियां दे रहा है. इन्हीं में से एक है एनीमिया जो कि खून की कमी से होती है. यह बीमारी मुख्यता महिलाओं में होती है. ऐसे में मेवाड़ के आदिवासी अंचल में इस बीमारी के चलते कई लोगों की जान भी चली गई थी.
लेकिन इस बार उदयपुर जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल शुरू की और एनीमिया ग्रसित महिलाओं का सर्वे शुरू किया. जिसके बाद उच्च जोखिम वाली लगभग 200 से अधिक महिलाओं को चिन्हित कर उनका इलाज शुरू किया गया.वही इस अभियान के दौरान चिन्हित की गई महिलाओं का इलाज अब उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल में शुरू कर दिया गया है.
आर सी एच ओ डॉक्टर अशोक आदित्य ने बताया कि गर्भवती को एनीमिया मुक्त करने के लिए एक-एक यूनिट ब्लड चढ़ाया जा रहा है. कुछ गर्भवती महिलाओं को यूक्रोज के इंजेक्शन की खुराक भी दी जा रही है.वहीं जिला प्रशासन कि अधिकारी ज्योति कलवानी का कहना है कि इस अभियान को जिला स्तर पर हर ग्राम पंचायत और स्कूल स्तर पर शुरू किया गया था, ताकि महिलाओं की इस गंभीर बीमारी का समय पर उपचार हो सके और उनका भविष्य सुरक्षित रह सके.
इसी पहल को लेकर उदयपुर जिला प्रशासन ने यह कार्य किया है.वहीं इस गंभीर बीमारी का उपचार करा रही महिलाएं भी जिला प्रशासन की इस पहल से खुश हैं उनका कहना है कि प्रशासन ने हमारी हर संभव मदद की है और इसी का नतीजा है कि भविष्य में हमें खून की कमी नहीं होगी.
उदयपुर जिले में उच्चतम जोखिम वाली महिलाएं
- कोटडा 56
- पलासिया 12
- सायरा 10
- झाडोल 9