उदयपुर. जिले में 15 दिनों के भीतर ही झील में डूबने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है (Three deaths occurred in last 15 days due to drowning lakes). इसके बावजूद जिम्मेदार प्रशासन की आंखें खुलती नजर नहीं आ रही.
गर्मी के इस दौर में नहाने के लिए युवा झीलों के किनारे पहुंच रहे हैं. नहाने के दौरान एक सप्ताह में ही दो युवाओं की डूबने से मौत हो गई. जबकि पिछोला झील में चलती बोट से एक व्यापारी ने छलांग लगा दी. जिसमें उसकी मौत हो गई थी. गुरुवार को नहाने के दौरान एक 14 वर्षीय बालक की पिछोला झील में डूबने से मौत हो गई थी. इतना ही नहीं प्रशासन को इसपर एसडीआरएफ ने पिछले 1 साल से रेस्क्यू टीम तैनात करने के लिए पत्र लिखा है. लेकिन जिला प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा. प्रशासन की ओर से एसडीआरएफ को पैर रखने के लिए जमीन तक मुहैया नहीं कराई जा रही. वहीं इस बारे में उदयपुर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि इस विषय लेकर उदयपुर एडीएम को कहा गया है. इसके लिए फिलहाल फाइनल जगह तय नहीं हुई है.
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एसडीआरएफ ने 6 जून को रेस्क्यू टीम और सामान तैनात करने के लिए उदयपुर कलेक्टर से जगह मांगी थी. आरोप है कि अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया. एसडीआरएफ कमांडेंट पंकज चौधरी ने बताया कि उदयपुर की फतेहसागर और पिछोला झील पर एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम को तैनात करने के लिए जगह का चयन किया गया था. क्योंकि यहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट घूमने आते हैं. ऐसे में यहां पर तत्काल रूप से किसी हादसे के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ती है. हालांकि जिले में अभी मानसून पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुआ. लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में टूरिस्ट इन झीलों के किनारे घूमने के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन इन स्थानों पर रेस्क्यू टीमों को तैनात करके कई हादसों को बचा सकता है.
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पिछले 1 पखवाड़े में 3 हादसे: उदयपुर की पिछोला झील में चलती बोट से कूदकर एक व्यापारी राकेश (40) ने खुदकुशी कर ली. ऐसे में काफी समय बीत जाने के बाद भी रेस्क्यू टीम नहीं होने के कारण मृतक का शव पानी की गहराई में चला गया. जिसके कारण उन्हें 2 दिन बाद गोताखोरों और राहत दल की टीम को शव मिल पाया. उदयपुर की दूध तलाई मे नहाने के दौरान 17 जून को भूपाल सागर निवासी 18 वर्षीय हितेंद्र सिंह की मौत हो गई थी. वह अपने दोस्तों के साथ नहाने के लिए गया था. लेकिन पानी की गहराई में जाने से उसकी मौत हो गई. ऐसे में काफी समय बाद उसके शव को बाहर निकाला गया. गुरुवार को अपने भाइयों और मित्रों के साथ नहाने के लिए पिछोला के गणगौर घाट किनारे पहुंचे 14 वर्षीय बालक की डूबने से मौत हो गई. इस दौरान डूबते हुए युवक ने काफी आवाज दी. लेकिन डरते हुए किसी ने भी उसे बचाने की जुगत नहीं कर पाए. ऐसे समय पर बचाव टीम मौजूद होती तो युवक को बचाया जा सकता था.
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एसडीआरएफ ने रेस्क्यू सेंटर शुरू करने के जगह मांगी: फिलहाल एसडीआरएफ ने कलेक्टर को पत्र लिखकर रेस्क्यू सेंटर शुरू करने के लिए पिछोला और फतेहसागर झील किनारे जगह मांगी थी. सहायक कमांडेंट ने अपने पत्र में कलेक्टर को लिखा कि 24 मई को हुई बैठक में कमांडेड ने फतेहसागर और पिछोला को हॉट स्पॉट के रूप में चयनित कर सभी उपकरणों सहित रेस्क्यू टीम तैनात करने को कहा है. ऐसे में टीम कंपनी के पास फाइबर रेस्क्यू बोट, हाई स्पीड रेस्क्यू बोट सहित अन्य उपकरणों को रखने के लिए जगह मांगी गई थी. लेकिन अभी तक यह प्रशासन ने इस पर रुचि नहीं. दिखाई जिसके कारण आए दिन हादसे घटित हो रहे हैं.