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जयपुर की महारानी दीया कुमारी का राजसमंद में नहीं खिलने देंगे कमल : मेवाड़ क्षत्रिय महासभा

राजस्थान में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. पहले चरण में जहां भाजपा ने 16 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है तो वहीं अब भी 9 सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी है. लेकिन, इसी बीच राजस्थान की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी को लेकर सियासी ड्रामा शुरु हो गया है.

दीया कुमारी
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Published : Mar 24, 2019, 11:00 PM IST

उदयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. पहले चरण में जहां भाजपा ने 16 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है तो वहीं अब भी 9 सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी है. लेकिन, इसी बीच राजस्थान की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी को लेकर सियासी ड्रामा शुरु हो गया है.


दरअसल दीया कुमारी जयपुर शहर, टोंक-सवाईमाधोपुर और राजसमंद लोक सभा सीट से दावेदारी कर रही थीं. लेकिन, 3 में से 2 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. ऐसे में अब सिर्फ एक लोक सभा सीट बची है जो है राजसमंद. लेकिन, अब राजसमंद में भी दीया कुमारी का विरोध शुरू हो गया है.


लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने जहां अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है तो शेष रही सीटो में राजसमंद लोकसभा सीट से स्थानीय राजपूत को टिकट देने की मांग तेज हो चली है. राजसमंद से निवर्तमान सांसद हरिओम सिंह राठौड़ द्वारा चुनाव लड़ने से इंकार करने पर बीजेपी से दीया कुमारी को टिकट देने की चर्चाएं जोरों पर हैं. दीया कुमारी के नाम की चर्चाओं के बाद अब मेवाड़ में राजपूत समाज उनके विरोध में उतर आया है. उदयपुर में मेवाड़ क्षत्रिय महासभा ने आज स्थानीय राजपूत को प्रत्याशी बनाने की मांग की.

जयपुर की महारानी दीया कुमारी का राजसमंद में नहीं खिलने देंगे कमल

मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि दोनों राजनीतिक दल टिकट वितरण में उचित रूप से राजपूत समाज को प्रतिनिधित्व नहीं देगे, तो समाज इस बार नोटा का उपयोग करेगा. महासभा के संरक्षक मनोहरसिंह कृष्णावत ने कहा कि मेवाड़ के राजपूतों की तादाद उनका प्रभाव काफी ज्यादा है. ऐसे में बाहरी राजपूत प्रत्याशी को मौका देना राजनीतिक दलों को भारी पड़ पड़ेगा.


बता दें, दीया कुमारी का विरोध सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इस विरोध में भाजपा का एक खेमा भी लगा हुआ है. जबकि भाजपा का ही एक खेमा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दीया कुमारी को राजसमंद से चुनाव लड़ने की तैयारी में है. ऐसे में अब देखना होगा कि भाजपा आलाकमान क्या फैसला लेता है?

उदयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. पहले चरण में जहां भाजपा ने 16 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है तो वहीं अब भी 9 सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी है. लेकिन, इसी बीच राजस्थान की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी को लेकर सियासी ड्रामा शुरु हो गया है.


दरअसल दीया कुमारी जयपुर शहर, टोंक-सवाईमाधोपुर और राजसमंद लोक सभा सीट से दावेदारी कर रही थीं. लेकिन, 3 में से 2 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. ऐसे में अब सिर्फ एक लोक सभा सीट बची है जो है राजसमंद. लेकिन, अब राजसमंद में भी दीया कुमारी का विरोध शुरू हो गया है.


लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने जहां अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है तो शेष रही सीटो में राजसमंद लोकसभा सीट से स्थानीय राजपूत को टिकट देने की मांग तेज हो चली है. राजसमंद से निवर्तमान सांसद हरिओम सिंह राठौड़ द्वारा चुनाव लड़ने से इंकार करने पर बीजेपी से दीया कुमारी को टिकट देने की चर्चाएं जोरों पर हैं. दीया कुमारी के नाम की चर्चाओं के बाद अब मेवाड़ में राजपूत समाज उनके विरोध में उतर आया है. उदयपुर में मेवाड़ क्षत्रिय महासभा ने आज स्थानीय राजपूत को प्रत्याशी बनाने की मांग की.

जयपुर की महारानी दीया कुमारी का राजसमंद में नहीं खिलने देंगे कमल

मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि दोनों राजनीतिक दल टिकट वितरण में उचित रूप से राजपूत समाज को प्रतिनिधित्व नहीं देगे, तो समाज इस बार नोटा का उपयोग करेगा. महासभा के संरक्षक मनोहरसिंह कृष्णावत ने कहा कि मेवाड़ के राजपूतों की तादाद उनका प्रभाव काफी ज्यादा है. ऐसे में बाहरी राजपूत प्रत्याशी को मौका देना राजनीतिक दलों को भारी पड़ पड़ेगा.


बता दें, दीया कुमारी का विरोध सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इस विरोध में भाजपा का एक खेमा भी लगा हुआ है. जबकि भाजपा का ही एक खेमा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दीया कुमारी को राजसमंद से चुनाव लड़ने की तैयारी में है. ऐसे में अब देखना होगा कि भाजपा आलाकमान क्या फैसला लेता है?

राजपूत कर रहे राजकुमारी का विरोध

जयपुर की दीया का राजसमंद में नहीं खिलने देंगे कमल 


जस्थान में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है पहले चरण में जहां भाजपा ने 16 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी तो वहीं अब भी  9 सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी  लेकिन इसी बीच राजस्थान की पूर्व राजकुमारी को लेकर  सियासी ड्रामा शुरु हो गया है जी हां हम बात कर रहे हैं दीया कुमारी की  जो की राजस्थान की  जयपुर शहर टोंक सवाई माधोपुर और राजसमंद लोक सभा सीट से दावेदारी कर रही थी लेकिन  3 में से 2 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है ऐसे में आप सिर्फ एक लोक सभा सीट बची है जो है राजसमंद लेकिन अब राजसमंद में भी दीया कुमारी का विरोध शुरू हो गया है लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने जहां अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है तो शेष रही सीटो में राजसमंद लोकसभा सीट से स्थानीय राजपूत को टिकिट देने की मांग तेज हो चली है राजसमंद से निवर्तमान सांसद हरिओम सिंह राठौड़ द्वारा चुनाव लड़ने से इंकार करने पर बीजेपी से दीया कुमारी को टिकिट देने की चर्चाओं जोरों पर है दीया कुमारी के नाम की चर्चाओ के बाद अब मेवाड़ में राजपूत समाज उनके विरोध में उतर आया है उदयपुर में मेवाड़ क्षत्रिय महासभा ने आज स्थानीय राजपूत को प्रत्याशी बनाने की मांग की महासभा के पदाधिकारीयो ने कहा कि दोनो राजनीतिक दल टिकिट वितरण में उचित रूप से राजपूत समाज को प्रतिनिधित्व नही देगे, तो समाज इस बार नोटा का उपयोग करेगा महासभा के संरक्षक मनोहरसिंह कृष्णावत ने कहा कि मेवाड़ के राजपूतो की तादाद उनका प्रभाव काफी ज्यादा है, ऐसे में बाहरी राजपूत प्रत्याशी को मौका देना राजनीतिक दलों को भारी पड़ पड़ेगा आपको बता दें कि दीया कुमारी का ही विरोध सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इस विरोध में भाजपा का एक खेमा भी लगा हुआ है और एक है मैं यह नहीं चाहता कि दिया कुमारी को राजसमंद से लोकसभा का टिकट दिया जाए जबकि भाजपा का ही एक खेमा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दीया कुमारी को राजसमंद से चुनाव लड़ने की तैयारी में है ऐसे में अब देखना होगा कि भाजपा आलाकमान क्या फैसला लेता है




बाईट - मनोहरसिंह कृष्णावत, संरक्षक, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा
बाईट - बालूसिंह कानावत, अध्यक्ष, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा
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