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Special: कोरोना के 2 साल बाद फिर देखेगी गरबा की रौनक, बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग

कोरोना संक्रमण के कारण दो साल से गरबे की रौनक भले ही देखने को न मिली हो, लेकिन अबकी इस पर्व को धूमधाम से मनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. बाजारों में भी गरबा और उससे जुड़ी ड्रेस, पगड़ी और साफे की मांग एकाएक बढ़ गई है. कई होटलों की संगठनों की ओर से गरबा नृत्य का आयोजन भी किया जा रहा है.

बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग
बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग
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Published : Sep 22, 2022, 11:27 PM IST

उदयपुर: शारदीय नवरात्रि का पर्व 26 सितंबर से शुरू होने जा रहा है, जिसको लेकर बाजारों में अभी से गरबा की रौनक दिखने लगी है. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से गरबा का कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहा हो, लेकिन अबकी इस पर्व को धूमधाम से मनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. बाजारों में गरबा और उससे जुड़ी ड्रेस, पगड़ी और साफों और डांडिया स्टिक की भी बिक्री भी बढ़ गई है.

बात अगर झीलों की नगरी उदयपुर (city ​​of lakes udaipur) की करें तो यहां गरबा को लेकर युवाओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है. गुजराती काठियावाड़ी स्टाइल में सज संवरकर पंडालों में पहुंचने के लिए युवा ड्रेस और साफे की जमकर खरीददारी कर रहे हैं. बाजार में भी साफे की कई वैरायटी और डिजाइन (Various types of safa available) भी उपल्बध है. इस व्यापार से जुड़े व्यापारी भी बढ़ी मांग से खासा उत्साहित है.

बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग.

2 साल बाद लौटी रौनक: पिछले दो सालों से कोरोना के कारण गरबे पर ग्रहण लग गया था. लेकिन अब पुरानी रंगत फिर से लौटती नजर आ रही है, क्योंकि अबकी गरबा खेलने को युवाओं की ओर से विशेष तैयारियां की जा रही हैं. इसमें डांस प्रैक्टिस से लेकर परिधानों और साफे की खरीददारी तक शामिल है.

बाजार में उपलब्ध है साफे की ढेरों वैरायटियां: गरबा उत्सव को देखते हुए उदयपुर के बाजारों में भी अलग-अलग डिजाइन के साफे मंगवाए गए हैं. इसमें राजस्थानी साफे के अलावा गुजरात, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता से साफे मंगवाए गए हैं. व्यापारी विजय ने बताया कि गरबा को लेकर साफे की विशेष डिमांड देखी जा रही है. वहीं हमारे पास 100 रुपए से लेकर 5000 तक के अलग-अलग प्रकार औऱ डिजाइन के साफे हैं. उन्होंने बताया कि दो साल के बाद इस बार बड़े स्तर पर अलग-अलग जगह आयोजन होंगे. इसके लिए पहले से ही लोग तैयारियां कर रहे हैं. इसके लिए विशेष तरह की ड्रेस और साफे भी खरीद रहे हैं.

बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग
बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग

इसे भी पढ़ें - इस नवरात्रि राजस्थान में मां दुर्गा के इन प्रसिद्ध मंदिरों का करें दर्शन, म‍िलेगा मनोवांछित फल

व्यापारी ने बताया कि उनके पास मेवाड़ी, जोधपुरी, मारवाड़ी ग्राउंड साफे के अलावा फोल्डिंग साफे भी उपलब्ध हैं. साफा व्यापारी दिलीप ने बताया कि इस बार अलग-अलग डिजाइन के साफों की मांग है, क्योंकि हर युवा खास और अलग दिखना चाहता है. उन्होंने बताया कि राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में बनाए जाने वाले इन साफों की डिमांड अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रही है. गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में भी इस प्रकार के डिजाइन साफे की डिमांड बढ़ गई है.

उदयपुर: शारदीय नवरात्रि का पर्व 26 सितंबर से शुरू होने जा रहा है, जिसको लेकर बाजारों में अभी से गरबा की रौनक दिखने लगी है. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से गरबा का कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहा हो, लेकिन अबकी इस पर्व को धूमधाम से मनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. बाजारों में गरबा और उससे जुड़ी ड्रेस, पगड़ी और साफों और डांडिया स्टिक की भी बिक्री भी बढ़ गई है.

बात अगर झीलों की नगरी उदयपुर (city ​​of lakes udaipur) की करें तो यहां गरबा को लेकर युवाओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है. गुजराती काठियावाड़ी स्टाइल में सज संवरकर पंडालों में पहुंचने के लिए युवा ड्रेस और साफे की जमकर खरीददारी कर रहे हैं. बाजार में भी साफे की कई वैरायटी और डिजाइन (Various types of safa available) भी उपल्बध है. इस व्यापार से जुड़े व्यापारी भी बढ़ी मांग से खासा उत्साहित है.

बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग.

2 साल बाद लौटी रौनक: पिछले दो सालों से कोरोना के कारण गरबे पर ग्रहण लग गया था. लेकिन अब पुरानी रंगत फिर से लौटती नजर आ रही है, क्योंकि अबकी गरबा खेलने को युवाओं की ओर से विशेष तैयारियां की जा रही हैं. इसमें डांस प्रैक्टिस से लेकर परिधानों और साफे की खरीददारी तक शामिल है.

बाजार में उपलब्ध है साफे की ढेरों वैरायटियां: गरबा उत्सव को देखते हुए उदयपुर के बाजारों में भी अलग-अलग डिजाइन के साफे मंगवाए गए हैं. इसमें राजस्थानी साफे के अलावा गुजरात, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता से साफे मंगवाए गए हैं. व्यापारी विजय ने बताया कि गरबा को लेकर साफे की विशेष डिमांड देखी जा रही है. वहीं हमारे पास 100 रुपए से लेकर 5000 तक के अलग-अलग प्रकार औऱ डिजाइन के साफे हैं. उन्होंने बताया कि दो साल के बाद इस बार बड़े स्तर पर अलग-अलग जगह आयोजन होंगे. इसके लिए पहले से ही लोग तैयारियां कर रहे हैं. इसके लिए विशेष तरह की ड्रेस और साफे भी खरीद रहे हैं.

बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग
बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग

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व्यापारी ने बताया कि उनके पास मेवाड़ी, जोधपुरी, मारवाड़ी ग्राउंड साफे के अलावा फोल्डिंग साफे भी उपलब्ध हैं. साफा व्यापारी दिलीप ने बताया कि इस बार अलग-अलग डिजाइन के साफों की मांग है, क्योंकि हर युवा खास और अलग दिखना चाहता है. उन्होंने बताया कि राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में बनाए जाने वाले इन साफों की डिमांड अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रही है. गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में भी इस प्रकार के डिजाइन साफे की डिमांड बढ़ गई है.

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