उदयपुर. देश-दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर उदयपुर में हर साल लाखों पर्यटकों से गुलजार रहता है. इसी को देखते हुए सैलानियों को एक और सौगात मिलने जा रही है. अब लेक सिटी घूमने आने वाले पर्यटक एक और रोपवे का लुत्फ उठा सकेंगे. दो रोपवे के साथ उदयपुर राजस्थान का पहला शहर बन जाएगा.
नीमच माता मंदिर पर बन रहा रोपवे : उदयपुर के ऐतिहासिक फतेह सागर पाल किनारे पहाड़ी पर सदियों पुराना नीमच माता का मंदिर स्थित है. यहां बड़ी संख्या में भक्त और सैलानी माता रानी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. अब यहां आने वाले पर्यटक माता रानी के दर्शन करने के साथ रोपवे का आनंद भी उठा सकेंगे. उदयपुर शासन-प्रशासन की ओर से एक प्राइवेट कंपनी नीमच रोपवे बना रही है. इस रोपवे की लंबाई 450 मीटर होगी. इस पर 4 टावर लगेंगे. उदयपुर यूआईटी के तकनीकी सलाहकार बीएल कोठारी ने बताया कि नीमच माता में बाहर से आने वाले पर्यटक हवाई सफर का आनंद ले सकेंगे. इसके लिए सैलानियों को 100 रुपये जीएसटी शुल्क के साथ देना होगा.
इसके निर्माण में 10-12 करोड़ रुपए लगेंगे : इस रोपवे को बनाने के लिए उदयपुर यूआईटी ने कोलकाता के दामोदर इंफ्रा लिमिटेड कंपनी को ठेका दिया है. इसका काम 2022 में शुरू किया गया था. रोपवे संचालन के लिए यूआईटी ने कंपनी से 25 साल का एग्रीमेंट भी किया है. यूआईटी के तकनीकी सलाहकार ने बताया कि 2 साल तक कंपनी यूआईटी को एक-एक साल के 90 लाख देगी. हर साल कंपनी 10 फीसदी पैसा बढ़ाकर यूआईटी को देगी. इस रोपवे का पूरा डिजाइन एमएनआईटी कॉलेज जयपुर के अप्रूव ने किया था. इसके बाद पीडब्ल्यूडी चीफ इंजीनियर ने इसे लागू करने की अनुमति दी.
यूआईटी के अधिकारियों का मानना है कि 2023 के नवरात्रि तक इसका काम पूरा हो सकता है. उन्होंने बताया कि उदयपुर की फतेहसागर झील देखने आने वाले बड़ी संख्या में टूरिस्ट इस रोपवे के का आनंद उठा सकेंगे. इसके साथ ही नीमच माता दर्शन के लिए भक्तों को ऊंची पहाड़ी वाली रास्ते पर घंटों नहीं चलना पड़ेगा. आसपास के इलाके में रोजगार भी बढ़ेगा.
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पिछोला झील स्थित करणी माता पर रोपवे : इससे पहले उदयपुर की पिछोला झील किनारे पहाड़ी पर स्थित करणी माता रोपवे संचालित किया जा रहा है. करणी माता रोपवे का निर्माण 2008 में हुआ था. इसकी लंबाई 378 मीटर है. यहां चेयर लिफ्ट से ट्रैकिंग करते हुए पैदल पहुंच सकते हैं. अब नीमच माता रोपवे बनने से भी पर्यटकों को काफी राहत होगी. नीमच माता मंदिर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. इसका फायदा सबसे ज्यादा बुजुर्गों श्रद्धालुओं को होगा, जिन्हें चढ़ाई करने या पैदल चलने में परेशानी है.
उदयपुर के अलावा इन शहरों में रोपवे : जयपुर के चोमू में वीर हनुमान मंदिर में रोपवे स्थित है. इसकी लंबाई 400 मीटर है. 2019 में इसका निर्माण किया गया था. अजमेर के पुष्कर जिले में दूसरा 700 मीटर का रोपवे है. इसके साथ ही जालौर जिले के भीनमाल में राजस्थान का सबसे पहला 800 मीटर लंबा रोपवे है.
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नीमच माता का प्राचीन मंदिर : उदयपुर की फतेह सागर पाल के नारे प्राचीन नीमच माता का मंदिर पहाड़ी पर स्थित है.नीमच माता मंदिर जाने के लिए सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है.जिसकी चढ़ाई करीब 800 मीटर के आस पास है.नीमच माता मंदिर की चढ़ाई करने के लिए सीढ़ियां बनाई गई है.
उदयपुर में लगातार टूरिस्ट बढ़ रहे : सारी दुनिया में एक अलग पहचान बनाने वाला यह शहर 'राजस्थान का कश्मीर' कहा जाता है. यहां आने वाला हर सैलानी इस शहर की तारीफ करते नहीं थकता. यहां की खूबसूरत वादियां सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं. और यहां की झीलें शहर की सुंदरता में चार चांद लगाती हैं.