उदयपुर. प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुरुवार को मेवाड़ के दौरे पर पहुंची. जहां उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इस दौरान एयरपोर्ट पर एक बार फिर 'केसरिया में हरा-हरा, राजस्थान में वसुंधरा' जैसे नारे भी सुनने को मिले. बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं को देख वसुंधरा भी गदगद दिखीं. एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही कार्यकर्ताओं ने वसुंधरा को गुलदस्ता और माला पहनाकर उनका स्वागत किया. हालांकि इस दौरान एयरपोर्ट पर वसुंधरा राजे मीडिया से बात करने से बचती रही. बता दें कि हाल ही में कांग्रेस नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे के शासन काल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ एक दिन का जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर अनशन किया था.
एयरपोर्ट पर पहुंचे भाजपा के कई दिग्गज : इस दौरान उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी, उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा, विधायक धर्मनारायण जोशी, फूल सिंह मीणा, अर्जुन जीनगर, पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी, शहर जिला अध्यक्ष रविंद्र श्रीमाली, देहात जिला अध्यक्ष चंद्रगुप्त चौहान सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. वहीं एयरपोर्ट पर जनता सेना सुप्रीमो रणधीर सिंह भिंडर अपनी पत्नी के साथ राजे का स्वागत करने के लिए पहुंचे. रणधीर सिंह भिंडर और गुलाबचंद कटारिया की पुरानी राजनीतिक अदावत रही है. लेकिन गुलाबचंद कटारिया के गवर्नर बनने के बाद एक बार फिर भिंडर के भाजपा में शामिल होने के कयास तेज हो गए हैं.
वसुंधरा टटोलेगी की मेवाड़ की सियासी नब्ज : भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के दौरे के बाद वसुंधरा राजे मेवाड़ वागड़ की सियासी नब्ज को टटोलने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं से साथ मुलाकात करेंगी. एयरपोर्ट से राजे डूंगरपुर के लिए निकली जहां आसपूर विधानसभा क्षेत्र के म्याला गांव में आज भागवत कथा में शामिल होगी. इस यात्रा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उनका भिन्न भिन्न जगहों पर स्वागत किया जाएगा. वही कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वसुंधरा उदयपुर जाएंगी. जहां वो रात्रि विश्राम करेंगी. वहीं शाम को उदयपुर के लोपडा गांव जाएंगी. जहां आदिवासी मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के पीड़ित परिवार के लोगों को सांत्वना भी देगी. फिलहाल वसुंधरा का उदयपुर में 2 महीने में यह दूसरा दौरा है. इसको लेकर राजनीतिक पंडित अलग-अलग राजनीति कयास लगा रहे हैं.