उदयपुर. राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को मतदान होना है. ऐसे में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे प्रचार भी परवान चढ़ता जा रहा है. इस बार दक्षिणी राजस्थान की सबसे हॉट सीट उदयपुर शहर है. इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की निगाहें टिकी हुई हैं. कांग्रेस ने इस सीट से अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ को मैदान में उतारा है. पिछले कई सालों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस भाजपा के इस किले को इस बार भेदने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं. वहीं, पार्टी प्रत्याशी गौरव वल्लभ के लिए माहौल बनाने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता अब सड़क पर उतरेंगे. साथ ही उदयपुर शहर सीट में दो रोड शो होंगे, जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शामिल होंगे.
गौरव वल्लभ के लिए प्रचार करेंगे राहुल गांधी : 21 नवंबर को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी उदयपुर आ रहे हैं, जहां वो पार्टी प्रत्याशी गौरव वल्लभ के लिए रोड शो करने के साथ ही एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ही प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी मौजूद रहेंगे. हालांकि, राहुल गांधी के रोड से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को (17 नवंबर) उदयपुर में पैदल यात्रा करेंगे. इसके इतर 21 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मावली में जनसभा को संबोधित करेंगे. इसी दिन शाम 4 बजे राहुल गांधी सुखाड़िया सर्कल से महाराणा भूपाल स्टेडियम तक पार्टी प्रत्याशी गौरव वल्लभ के समर्थन में पद यात्रा कर शाम 4:30 बजे महाराणा भूपाल स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करेंगे.
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भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की जुगत में जुटी कांग्रेस : राजस्थान की सियासत में उदयपुर शहर सीट अपने आप में एक महत्वपूर्ण स्थान और दबदबा रखती है. इस सीट पर मोहनलाल सुखाड़िया, भानु कुमार शास्त्री, डॉ. गिरिजा व्यास और गुलाबचंद कटारिया समेत कई दिग्गजों ने चुनाव लड़ा है. पिछले चार चुनावों से भाजपा यहां लगातार जीत दर्ज करती आ रही है. वहीं, भाजपा के टिकट पर गुलाबचंद कटारिया यहां से चुनाव जीतकर कभी गृहमंत्री तो कभी नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी संभाल चुके हैं, लेकिन अब वो असम के राज्यपाल बन चुके हैं. ऐसे में उनकी गैर मौजूदगी में पहली बार भाजपा यहां चुनाव लड़ रही है. वहीं, भाजपा ने इस बार यहां से ताराचंद जैन को मैदान में उतारा है.
अब तक ये रहे विधायक : साल 1951 में हुए पहले चुनाव में राम राज्य परिषद दल से देवी सिंह यहां से चुनाव जीते थे. उसके बाद 1957 में कांग्रेस के मोहनलाल सुखाड़िया विजयी हुए, जो आगे चलकर राजस्थान के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद 1962 और 1967 में सुखाड़िया ने इस सीट पर जीत दर्ज की. वहीं, 1972 में जन संघ से भानु कुमार शास्त्री जीते और 1977 में गुलाबचंद कटारिया यहां से विजयी हुए थे. उसके बाद 1980 के चुनाव में भी गुलाबचंद कटारिया इस सीट से चुनाव जीते. हालांकि, 1985 में डॉ. गिरिजा व्यास इस सीट से विधायक बनकर विधानसभा पहुंची थीं. 1990 में शिव किशोर सनाढ्य चुनाव जीते और 1993 में भी उन्हें यहां से जीत मिली.
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साल 1998 में इस सीट पर कांग्रेस के त्रिलोक पूर्बिया विजयी हुए और उसके बाद 2003 में गुलाबचंद कटारिया फिर से उदयपुर लौटे और चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे. हालाकि इसके बाद 2008, 2013 और 2018 में भी कटारिया यहां से लगातार जीत दर्ज करते रहे हैं. उदयपुर से विधायक रहते हुए वे दो बार प्रदेश के गृहमंत्री और दो बार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे. इसके बाद 2018 में कटारिया ने डॉ. गिरिजा व्यास को 9200 वोटों से मात देकर जीत दर्ज की थी.