उदयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर प्रवास के दूसरे दिन शुक्रवार को सर्किट हाउस में जनसुनवाई (Public hearing in Udaipur by CM Gehlot) की. इस दौरान सीएम ने लोगों की समस्याओं को सुना. वहीं गहलोत ने आम लोगों की समस्या के निवारण को लेकर उदयपुर शासन-प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बांसवाड़ा के लिए रवाना हो गए.
गुरुवार रात ली उदयपुर संभाग पदाधिकारियों की बैठक: गहलोत ने उदयपुर संभाग कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ होटल ताज अरावली में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने आगामी चुनाव को लेकर प्रमुखता से चर्चा करने के साथ अन्य मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा.
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मुंबईया बाजार में उठाया चाय लुफ्त: गहलोत फतेहसागर किनारे स्थित मुंबईया बाजार भी पहुंचे और यहां पर चाय का लुत्फ भी उठाया. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा व खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री को मुंबईया बाजार पहुंचा देख बड़ी संख्या में शहरवासी भी पहुंचे. शहरवासियों ने मुख्यमंत्री का पुष्पहार से स्वागत भी किया और परिवेदनाएं भी सौंपी.
मुख्यमंत्री ने इंदिरा रसोई का किया औचक निरीक्षण: राज्य स्तरीय जनजाति खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारंभ समारोह उपरांत निकले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराणा भूपाल स्टेडियम के बाहर गुरु गोविंद सिंह स्कूल के सामने स्थित इंदिरा रसोई संख्या 55 का औचक निरीक्षण किया. शहरी आजीविका केन्द्र की महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित इस रसोई के भीतर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने रसोई संचालिका रानू व व कुक से मुलाकात की.
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उन्होंने रसोई की सफाई एवं स्वच्छता को सराहा तथा खाने की गुणवत्ता के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने इस दौरान संचालिका से स्वयं सहायता समूह के गठन और उनके द्वारा संचालित आयजनक गतिविधियों के बारे में विस्तार से पूछा. मुख्यमंत्री व अतिथियों ने इस दौरान यहां पर चाय का भी स्वाद लिया. रसोई से निकलते हुए मुख्यमंत्री ने संचालक को कहा कि आपकी रसोई को 10 में से 10 नंबर देता हूं.
सीएम ने लगाई नगर निगम आयुक्त की क्लास : जन सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ओमप्रकाश राठौड़ ने सीएम को शिकायत की थी कि पटवारी कॉलोनी स्थित उसके आवास पर कोर्ट स्टे होने के बावजूद नगर निगम ने तोड़फोड़ कर दी. वहां बड़ा खड्ढा खोद दिया, जबकि संभागीय आयुक्त ने भी इस पर स्टे दे रखा है. इस पर सीएम गहलोत ने वहां मौजूद संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट को पूछा कि क्या स्टे दिया हुआ है. इस पर संभागीय आयुक्त ने बोले दिया है. जिसके बाद तुरंत निगम कमिश्नर बाहरठ को बुलाया गया. सीएम ने कमिश्नर को सवाल पूछा कि स्टे के बावजूद तोड़फोड़ क्यों की गई. दबी जुबान से कमिश्नर कुछ बोले, लेकिन आवाज नहीं आने पर सीएम बोले थोड़ा जोर से बोलो. इसके बाद कमिश्नर पर नाराजगी जताते हुए इस पूरे मामले की जांच के लिए कलेक्टर ताराचंद मीणा को निर्देश दिए.