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Nani Bai ka Mayra : मेवाड़ में शुरू हुई कथा, जया किशोरी बोलीं- बच्चों को बचपन से ही संस्कार दें मां-बाप - Rajasthan Hindi news

उदयपुर के फतहनगर में तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा कथा की शुरुआत (Jaya Kishori in Nani Bai ka Mayra) मंगलवार से हुई. इस दौरान कथावाचक जया किशोरी ने बच्चों में छोटी उम्र से ही भक्ति भाव का ज्ञान देने की बात कही.

Nani Bai ka Mayra in Udaipur
उदयपुर में नानी बाई का मायरा
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Published : Feb 14, 2023, 6:53 PM IST

Updated : Feb 14, 2023, 7:48 PM IST

मेवाड़ में शुरू हुई नानी बाई का मायरा कथा

उदयपुर. जिले के फतहनगर में नानी बाई के मायरे का तीन दिवसीय आयोजन मंगलवार से शुरू हुआ. विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद कथावाचक जया किशोरी व्यासपीठ पर विराजमान हुईं और भजन से कथा की शुरुआत की. इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय नजर आया. जया किशोरी ने नानी बाई के मायरे की कथा की शुरुआत नरसी मेहता के जन्म से की. इसके बाद उन्होंने नरसी मेहता के बारे में विस्तार से श्रोताओं को जानकारी दी.

जया किशोरी ने कहा कि नरसी जी का जन्म एक बेहद साधारण परिवार में हुआ था. वो जन्म से ही गूंगे और बहरे थे. गांव में उस दौरान एक महामारी का दौर चल रहा था, जिसकी चपेट में उनके माता-पिता भी आ गए. उन्होंने कहा कि 2 से 3 साल पहले तक कम ही लोगों को पता होता था कि महामारी क्या होती है. कोरोना आने के बाद अब सभी लोगों को इसका पता चल गया है.

पढ़ें. Nani Bai ka Mayra : जया किशोरी ने कहा- बच्चों को काबिल बना कर माता-पिता नहाते हैं गंगा

जया किशोरी ने श्रद्धालुओं को दिया संदेश : उन्होंने कहा कि जब भी किसी कथा कीर्तन का आयोजन होता है तो इसमें बड़े बुजुर्ग ही आते हैं. अपने बच्चों को यह कहकर नहीं लाते कि इनका कथा में क्या काम है. ऐसे में बच्चा हरदम कथा और कीर्तन से दूर होने लग जाता है. जया किशोरी ने कहा कि ऐसा माता-पिता को नहीं करना चाहिए. बच्चों को बचपन से कीर्तन और भक्ति का ज्ञान सिखाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इन दिनों देखने को मिलता है कि माता-पिता बच्चों को समझाने की बजाय कहते हैं कि जब यह बड़े हो जाएंगे तब समझ जाएंगे. लेकिन जब बच्चे समझदार हो जाते हैं, तब अपने माता-पिता को समझाने लग जाते हैं. बच्चों को संस्कार देने की उम्र बचपन में होती है. माता-पिता का दिया हुआ ज्ञान उसका जीवन साकार करता है. इसके बाद जया किशोरी ने 'थाली भरकर लाई रे खीचड़ो ऊपर घी की बाटकी जीमो' भजन गाया, जिसपर श्रद्धालु झूमते हुए नजर आए.

फतहनगर में तीन दिवसीय आयोजन : उदयपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर फतहनगर में नानी बाई का मायरा कथा का आयोजन किया जा रहा है. इसमें कथावाचक जया किशोरी कथा वाचन करेंगी. इस कथा का आयोजन 1 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा. कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. गुरुवार को नानी बाई का भात भरने के लिए ठाकुर जी पधारेंगे.

मेवाड़ में शुरू हुई नानी बाई का मायरा कथा

उदयपुर. जिले के फतहनगर में नानी बाई के मायरे का तीन दिवसीय आयोजन मंगलवार से शुरू हुआ. विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद कथावाचक जया किशोरी व्यासपीठ पर विराजमान हुईं और भजन से कथा की शुरुआत की. इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय नजर आया. जया किशोरी ने नानी बाई के मायरे की कथा की शुरुआत नरसी मेहता के जन्म से की. इसके बाद उन्होंने नरसी मेहता के बारे में विस्तार से श्रोताओं को जानकारी दी.

जया किशोरी ने कहा कि नरसी जी का जन्म एक बेहद साधारण परिवार में हुआ था. वो जन्म से ही गूंगे और बहरे थे. गांव में उस दौरान एक महामारी का दौर चल रहा था, जिसकी चपेट में उनके माता-पिता भी आ गए. उन्होंने कहा कि 2 से 3 साल पहले तक कम ही लोगों को पता होता था कि महामारी क्या होती है. कोरोना आने के बाद अब सभी लोगों को इसका पता चल गया है.

पढ़ें. Nani Bai ka Mayra : जया किशोरी ने कहा- बच्चों को काबिल बना कर माता-पिता नहाते हैं गंगा

जया किशोरी ने श्रद्धालुओं को दिया संदेश : उन्होंने कहा कि जब भी किसी कथा कीर्तन का आयोजन होता है तो इसमें बड़े बुजुर्ग ही आते हैं. अपने बच्चों को यह कहकर नहीं लाते कि इनका कथा में क्या काम है. ऐसे में बच्चा हरदम कथा और कीर्तन से दूर होने लग जाता है. जया किशोरी ने कहा कि ऐसा माता-पिता को नहीं करना चाहिए. बच्चों को बचपन से कीर्तन और भक्ति का ज्ञान सिखाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इन दिनों देखने को मिलता है कि माता-पिता बच्चों को समझाने की बजाय कहते हैं कि जब यह बड़े हो जाएंगे तब समझ जाएंगे. लेकिन जब बच्चे समझदार हो जाते हैं, तब अपने माता-पिता को समझाने लग जाते हैं. बच्चों को संस्कार देने की उम्र बचपन में होती है. माता-पिता का दिया हुआ ज्ञान उसका जीवन साकार करता है. इसके बाद जया किशोरी ने 'थाली भरकर लाई रे खीचड़ो ऊपर घी की बाटकी जीमो' भजन गाया, जिसपर श्रद्धालु झूमते हुए नजर आए.

फतहनगर में तीन दिवसीय आयोजन : उदयपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर फतहनगर में नानी बाई का मायरा कथा का आयोजन किया जा रहा है. इसमें कथावाचक जया किशोरी कथा वाचन करेंगी. इस कथा का आयोजन 1 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा. कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. गुरुवार को नानी बाई का भात भरने के लिए ठाकुर जी पधारेंगे.

Last Updated : Feb 14, 2023, 7:48 PM IST
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