उदयपुर. कन्हैयालाल हत्याकांड के मुख्य चश्मदीद गवाह राजकुमार शर्मा को (eyewitnesses of Kanhaiyalal murder case) अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. राजकुमार शर्मा (eyewitnesses Rajkumar release from MB hospital) की तबीयत में सुधार होने के बाद उन्हें एमबी अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. फिलहाल राजकुमार शर्मा के स्वास्थ्य पर चिकित्सक लगाता नजर रख रहे हैं. तबीयत में कुछ सुधार होने और इन्फेक्शन से बचाने के लिए डॉक्टरों ने राजकुमार शर्मा को अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेज दिया है.
डॉक्टरों ने राजकुमार की नियमित जांच घर पर ही करवाने का भरोसा दिया है.राजकुमार के शरीर का एक हिस्सा अब भी काम नहीं कर रहा है, जबकि आधा शरीर कुछ हद तक ठीक है. दरअसल, बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड में राजकुमार शर्मा मुख्य गवाह हैं. राजकुमार शर्मा को 1 अक्टूबर को ब्रेन हैमरेज हुआ हो गया था जिसके बाद उनके परिवार के लोग उन्हें एमबी अस्पताल लेकर गए थे.
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जयपुर से डॉक्टरों की टीम भेजी थी...
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों की एक टीम को सीएम गहलोत के निर्देश पर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उदयपुर भेजा गया था. इस टीम में न्यूरो सर्जन मनीष अग्रवाल और राशिम कटारिया शामिल थे. इन्होंने राजकुमार शर्मा का ब्रेन हैमरेज के बाद ऑपरेशन किया था.
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राजकुमार शर्मा की पत्नी पुष्पा शर्मा ने बताया कि उदयपुर हत्याकांड के बाद पिछले कुछ महीने से उनके पति तनाव में थे. तीन महीने बाद बेटी की शादी होनी है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से प्राइवेट नौकरी तो लगवाई गई, लेकिन बहुत कम वेतन था. उन्हें इस पूरी वारदात का मुख्य गवाह बनाया गया, लेकिन पिछले 3 महीने में हमारे परिवार पर क्या बीती वह सिर्फ हम ही समझ सकते हैं.
मानसिक तानव से बिगड़ी हालत
पुष्पा शर्मा ने बताया कि इस हत्याकांड से पहले राजकुमार को किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन वारदात के बाद से उन्हें इतना मानसिक तनाव हो गया कि उनकी हालत बिगड़ती चली गई और ब्रेन हैमरेज हो गया. डॉक्टरों के लाख प्रयासों के बाद भी हालत बिगड़ती गई. उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से मामले के बाद से उन्हें सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन उससे हमारा पेट नहीं भरता है.