उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर जिले में 28 जून 2022 की काली तारीख को शायद ही कोई भूल पाएगा. इस दिन दो आरोपियों ने दुकान में घुसकर कन्हैयालाल साहू की गला रेतकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था. आज कन्हैयालाल हत्याकांड की पहली बरसी है. हत्याकांड की पहली बरसी पर ईटीवी भारत कन्हैयालाल साहू के घर पहुंचा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कन्हैयालाल की पत्नी और दोनों बेटों ने एक साल की यादों को साझा किया.
हत्याकांड का वीडियो देख दिल सहम जाता है : कन्हैयालाल के बेटे यश ने बताया कि 28 जून 2022 को वो घर पर ही था. सुबह उसके पिता हंसी-खुशी दुकान के लिए निकले थे. मम्मी ने पापा के लिए टिफिन पैक करके दिया था. पापा वापस शाम को घर आने वाले थे, लेकिन दोपहर में ऐसी सूचना मिली कि हमारी पूरी दुनिया ही बदल गई. टेलीफोन पर पता चला कि पापा की हत्या हो गई. मोबाइल पर एक वीडियो भी आया था, जिसको देखकर मैं कांप गया. यश ने बताया कि आज भी मेरे दिमाग में वो चीजें घूमती रहती हैं, जब मैं रात को सोने के लिए जाता हूं तो कई बार सपने में हत्याकांड का वीभत्स वीडियो दिखता है. कई बार डरकर उठ जाता हूं. कन्हैयालाल की पत्नी ने बताया कि इस हत्याकांड के बाद परिवार की खुशियों पर ग्रहण लग गया. पापा की याद में बेटे रात भर बैठे रहते हैं.
आरोपियों को फांसी न होने तक तीन संकल्प : कन्हैयालाल के बेटे यश ने बताया कि अपने पिता के अंतिम संस्कार के बाद उन्होंने तीन संकल्प लिए थे. जब तक हत्यारों को फांसी नहीं होगी तब तक वह चप्पल नहीं पहनेंगे, बाल नहीं कटवाएंगे और अस्थियों को विसर्जित नहीं करेंगे. एक साल बाद भी उन्होंने घर पर ही पिता की अस्थियों को रखा हुआ है. यश न्याय की आस में पिछले एक साल से नंगे पैर हैं. चिलचिलाती धूप हो या सर्दी यश नंगे पांव ही उदयपुर कलक्ट्रेट स्थित अपने ऑफिस पहुंचते हैं. कई लोगों ने कहा कि बहुत समय बीत गया, तुम्हें अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए. यश कहते हैं कि आज भी पापा की यादें हमारे दिलों में ताजा हैं. उन्होंने कहा कि काश कोई ऐसी चीज मिल जाए, जिससे मेरे पापा फिर से लौट आएं, लेकिन ऐसा हो नहीं सकता.
पति के जाने के बाद त्योहार की खुशी नहीं : कन्हैयालाल की पत्नी जसोदा ने कहा कि हत्यारों ने हमारी खुशियों को छीन लिया. बीते एक साल में जो पहाड़ हम पर टूटा है, वह हम ही जानते हैं. उनके (कन्हैया) जाने के बाद कई त्योहार आए, लेकिन उन त्योहारों से खुशी नहीं होती. पूरे परिवार का पालन पोषण कन्हैयालाल पर ही निर्भर था. उनके जाने के बाद परिवार को संभाल पाना मेरे लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण रहा. इस दौरान बोलते-बोलते कन्हैयालाल की पत्नी फूट-फूट कर रोने लगीं.
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राजस्थान और समाज को दिया संदेश : कन्हैयालाल के बेटे यश ने पापा की पहली बरसी पर राजस्थान और समाज को संदेश देते हुए कहा कि अपने आस-पड़ोस के लोगों से सावधान रहना चाहिए. किसी भी व्यक्ति पर आसानी से भरोसा नहीं करना चाहिए. मेरे पिता ने भरोसा किया, जिसका अंजाम हम भुगत रहे हैं. इसके साथ ही सरकार को कंट्रोवर्शियल मुद्दों पर डिबेट बंद करना चाहिए, जिससे इस तरह के हादसे न हों.
घर पर आज भी पुलिस का पहरा : कन्हैयालाल के घर के बाहर तीन अलग-अलग पारियों में पुलिस के 4 जवान तैनात रहते हैं. पूछताछ के बाद ही घर में किसी अनजान व्यक्ति को प्रवेश देते हैं. इतना ही नहीं कन्हैयालाल के दोनों बेटे यश और तरुण के साथ भी एक-एक जवान मौजूद रहते हैं. इसके अलावा सुरक्षा के लिए घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.