उदयपुर. पुलिस ने नकली करेंसी चलाने वाले रैकेट का खुलासा किया है. पुलिस ने इस रैकेट के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. उसके पास से पुलिस ने नकली नोट बनाने के उपकरण और 64500 रुपए भी बरामद किए गए हैं. पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो अब तक 10 लाख के नकली नोट बाजार में चला चुका है. दो साल पहले यूट्यूब पर नकली नोट बनाने का गुर सीखा था. पिछले एक साल से नकली नोट छापकर बाजार में खफा रहा था. इसके लिए उसने अपना एक नेटवर्क बना रखा था.
उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि मास्टरमाइंड को प्रतापगढ़ से गिरफ्तार किया गया है. प्रतापगढ़ के गौरव कुमावत और मध्य प्रदेश के मंदसौर निवासी चेतन भावसार को नकली करेंसी चलाने के जुर्म में गिरफ्तार किया है. एसपी ने बताया कि चेतन के पास से पुलिस ने 500-500 रुपए के भारतीय मुद्रा के 64,500 रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं. इतना ही नहीं गौरव के घर से पुलिस को नकली नोट बनाने की इलेक्ट्रॉनिक संसाधन भी मिले हैं.
अब तक 10 लाख रुपए खफा चुका है बाजार में : वहीं पुलिस पूछताछ में आरोपी गौरव ने बताया कि कि वो पिछले लंबे समय से 10 रुपए के नकली नोट छाप चुका है. वही अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इन पैसों को बाजार में चला भी चुका है. फिलहाल पुलिस इन दोनों ही आरोपियों से इस पूरे मामले को लेकर गहन पूछताछ कर रही है. वहीं पुलिस को इनके गिरोह के अन्य सदस्यों की भी जानकारी मिली है. जिसको पुलिस उठा रही है. पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली. जिसके बाद पुलिस ने टीमों का गठन कर आरोपियों के घर दबिश दी. इस दौरान आरोपी की कार की तलाशी लेने पर 64,500 रुपए नकद बरामद किए गए. इस मामले को लेकर चेतन से जब पूछताछ की गई तो उसने यह सारा पैसा प्रतापगढ़ के गौरव कुमावत सैलाना का बताया. जिसके बाद पुलिस ने प्रतापगढ़ के गौरव के घर दबिश दी. जहां पुलिस को नकली नोट छापने के उपकरण और अन्य सामान्य बरामद किए.
पुलिस जांच में हुए चौंकाने वाले खुलासे: पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी गौरव ने आईटीआई की शिक्षा प्राप्त कर करीब 2 साल से अपने साथियों के साथ मिलकर यूट्यूब से नकली नोट बनाने का तरीका सीखा. जिसके बाद अपने साथियों के साथ मिलकर नकली नोट बनाना शुरू किया. पिछले 1 साल से आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर नकली नोट छाप रहा था. इसके साथ ही नकली नोट को बाजार में खफा भी रहा है.
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