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मिस इंडिया खिताब जीतने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचीं सुमन राव, शेयर की सफलता की कहानी

मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद पहली बार सुमन राव अपने पैतृक आमेट तहसील के आईडाणा गांव पहुंची. जहां ग्रामिणों द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान उन्होंने अपनी सक्सेस स्टोरी गांव वालों के साथ शेयर की.

मेरे लिये माँ-बाप दोनों ही बराबर हैं..
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Published : Jun 26, 2019, 7:06 PM IST

Updated : Jun 26, 2019, 11:06 PM IST

राजसमंद. मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद सुमन राव ने जहां एक ओर पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया हैं वहीं बुधवार को जब वो अपने गांव आईडाणा पहुंचीं तो ग्रामिणों ने उनका जोरदार स्वागत किया. सुमन के स्वागत में पलक पावडे़ बिछा कर ढोल-नगाड़े की आवाज पर किया गया.

मिस इंडिया और अपने गांव की बेटी सुमन राव को देखने के लिए भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए. जगह-जगह लोगों ने सुमन राव का स्वागत सत्कार किया. सुबह उदयपुर से सड़क मार्ग से अपने गांव पहुंची सुमन राव को उदयपुर और राजसमंद के रास्ते में जगह-जगह लोगों ने उन्हें दुपट्टा ओढ़ा कर स्वागत किया.

मेरे लिये माँ-बाप दोनों ही बराबर हैं..

इसके बाद वे अपने पैतृक गांव आईडाणा बस स्टैंड पहुंची जहां पर लोगों ने ढोल-नगाड़े की धुन पर अपनी बेटी का स्वागत सत्कार किया और रैली निकालते हुए राजकीय स्कूल पहुंचे. जहां पर सुमन राव के स्वागत के लिए ग्राम वासियों द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें सभी ग्राम वासियों ने सुमन राव के मिस इंडिया का खिताब जीतने पर उन्हें बधाई दी. वहीं सुमन राव ने अपने गांव के लोगों को संबोधित करते हुए कहा मुझे इतना प्यार देने के लिये आप सभी लोगों का धन्यवाद.

उन्होंने ग्रामिणों को बताया कि मिस इंडिया सिर्फ सुंदरता नहीं देखता एक प्रोजेक्ट होता है. जिसके साथ हर लड़की वहां पर जाती है. उन्होंने कहा कि वैसे ही मेरा प्रोजेक्ट था. उन्होंने बताया कि मेरे प्रोजेक्ट का नाम जेंडर इक्वलिटी था, जिसका मतलब हैं पुरुषों और महिलाओं में कोई अंतर नहीं होना. उन्होंने कहा कि हम सभी बोलते हैं कि बेटा-बेटी बराबर है, मगर ऐसा नहीं हैं.

आगे उन्होंने कहा कि सब लोग मुझे मंच पर आकर बधाई दिये और सभी लोगों ने मेरे पापा का नाम लिया लेकिन किसी ने मेरा मां का नाम नहीं लिया. मेरे लिये माता-पिता दोनों ही महत्वपूर्ण और बराबर हैं. दोनों ने ही मुझे बराबर सपोर्ट किया है. इसलिए दोनों को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए. इसलिए दोनों का नाम सबको पता होना चाहिए क्योंकि महिलाओं को भी सम्मान देना होगा.

राजसमंद. मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद सुमन राव ने जहां एक ओर पूरे प्रदेश का नाम रौशन किया हैं वहीं बुधवार को जब वो अपने गांव आईडाणा पहुंचीं तो ग्रामिणों ने उनका जोरदार स्वागत किया. सुमन के स्वागत में पलक पावडे़ बिछा कर ढोल-नगाड़े की आवाज पर किया गया.

मिस इंडिया और अपने गांव की बेटी सुमन राव को देखने के लिए भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए. जगह-जगह लोगों ने सुमन राव का स्वागत सत्कार किया. सुबह उदयपुर से सड़क मार्ग से अपने गांव पहुंची सुमन राव को उदयपुर और राजसमंद के रास्ते में जगह-जगह लोगों ने उन्हें दुपट्टा ओढ़ा कर स्वागत किया.

मेरे लिये माँ-बाप दोनों ही बराबर हैं..

इसके बाद वे अपने पैतृक गांव आईडाणा बस स्टैंड पहुंची जहां पर लोगों ने ढोल-नगाड़े की धुन पर अपनी बेटी का स्वागत सत्कार किया और रैली निकालते हुए राजकीय स्कूल पहुंचे. जहां पर सुमन राव के स्वागत के लिए ग्राम वासियों द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें सभी ग्राम वासियों ने सुमन राव के मिस इंडिया का खिताब जीतने पर उन्हें बधाई दी. वहीं सुमन राव ने अपने गांव के लोगों को संबोधित करते हुए कहा मुझे इतना प्यार देने के लिये आप सभी लोगों का धन्यवाद.

उन्होंने ग्रामिणों को बताया कि मिस इंडिया सिर्फ सुंदरता नहीं देखता एक प्रोजेक्ट होता है. जिसके साथ हर लड़की वहां पर जाती है. उन्होंने कहा कि वैसे ही मेरा प्रोजेक्ट था. उन्होंने बताया कि मेरे प्रोजेक्ट का नाम जेंडर इक्वलिटी था, जिसका मतलब हैं पुरुषों और महिलाओं में कोई अंतर नहीं होना. उन्होंने कहा कि हम सभी बोलते हैं कि बेटा-बेटी बराबर है, मगर ऐसा नहीं हैं.

आगे उन्होंने कहा कि सब लोग मुझे मंच पर आकर बधाई दिये और सभी लोगों ने मेरे पापा का नाम लिया लेकिन किसी ने मेरा मां का नाम नहीं लिया. मेरे लिये माता-पिता दोनों ही महत्वपूर्ण और बराबर हैं. दोनों ने ही मुझे बराबर सपोर्ट किया है. इसलिए दोनों को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए. इसलिए दोनों का नाम सबको पता होना चाहिए क्योंकि महिलाओं को भी सम्मान देना होगा.

Intro:
मिस इंडिया बनने के बाद पहली बार अपने गांव आए सुमन राव का गांव वालों ने किया जोरदार स्वागत.

राजसमंद- मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद पहली बार सुमन राव अपने पैतृक गांव आमेट तहसील केआईडाना गांव पहुंची.जहां पर उनका स्वागत ग्राम वासियों द्वारा पलक पावडे बिछा कर ढोल नगाड़े की साफ किया गया. मिस इंडिया और अपने गांव की बेटी सुमन राव को देखने के लिए भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए जगह-जगह लोगों ने सुमन राव का स्वागत सत्कार किया.सुबह उदयपुर से सड़क मार्ग से अपने गांव पहुंची सुमन राव को उदयपुर और राजसमंद के रास्ते में जगह-जगह लोगों ने उन्हें दुपट्टा उठा कर स्वागत किया.


Body:इसके बाद वे अपने पैतृक गांव आईडाना बस स्टैंड पहुंची जहां पर लोगों ने ढोल नगाड़े की धुन पर अपनी बेटी का स्वागत सत्कार किया और रैली निकालते हुए राजकीय स्कूल पहुंचे.जहां पर सुमन राव के स्वागत के लिए ग्राम वासियों द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें सभी ग्राम वासियों ने सुमन राव के मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने पर उन्हें बधाई दी.तो वही सुमन राव ने अपने गांव वासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी लोगों का धन्यवाद जो आप लोगों ने मुझे इतना प्यार दिया. उन्होंने गांव वासियों को बताया कि मिस इंडिया सिर्फ सुंदरता नहीं देखता एक प्रोजेक्ट होता है.जिसके साथ हर लड़की वहां पर जाती है. उन्होंने कहा कि वैसे ही मेरा प्रोजेक्ट था.उन्होंने बताया कि मेरे प्रोजेक्ट का नाम जनरल इक्वलिटी इसका मतलब होता है. पुरुषों और महिलाओं में कोई अंतर नहीं उन्होंने कहा कि ऐसा हम लोग बोलते सब हैं. की बेटा बेटी बराबर है.उन्होंने बताया कि सब लोग मुझे मंच पर आकर बधाई दे रहे थे. सभी लोगों ने मेरे पापा का नाम लिया लेकिन मेरी मम्मी का नाम किसी ने नहीं लिया मेरे लिए माता पिता दोनों ही महत्वपूर्ण है.दोनों ने ही मुझे बराबर सपोर्ट किया है. इसलिए दोनों को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए.


Conclusion:इसलिए दोनों का नाम सबको पता होना चाहिए क्योंकि महिलाओं को भी सम्मान देना होगा
Last Updated : Jun 26, 2019, 11:06 PM IST
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