टोंक. जिले में कर्फ्यू के दौरान कोरोना का सर्वे करने गई मेडिकल, शिक्षा विभाग और महिला बाल विकास की टीम पर हमला किया गया. इस हमले में महिलाओं के साथ मारपीट, महिलाओं के साथ बदसलूकी करने और जातिसूचक शब्दों कहने का मामला सामने आया है. साथ ही सर्वे के रिकॉर्ड को भी छीनकर फाड़ने की रिपोर्ट लिखवाई गई है. इस मामले में थाना कोतवाली में 10 नामजद महिला और पुरुषों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई हैं.
कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई कि कोरोना की महामारी के कारण Covid-19 की डोर टू डोर सर्वे के लिए गई महिला शिक्षकों और आंगनबाडी टीम से 24 से अधिक महिला और पुरूषों ने बदसलूकी की. वहीं मारपीट करते हुए जाति सूचक शब्दों से अपमान भी किया गया. जानकारी के मुताबिक वार्ड 51 काली पलटन दीवानजा का कुंआ टोंक इलाके में गुरुवार को महिला शिक्षिका अल्पना जोनवाल, संजू मीणा, शशि जैन, मजीदा बी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन्द्रा खंगार और आशा सहयोगीनी रोशनी सेवालिया ने मामला दर्ज कराया हैं. जिसमें बताया कि कोरोना महामारी का सर्वे के लिए टीम गई थी.
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इस दौरान सईनुन्निसा, फरजाना कुरैशी, साजिदा, सन्नू, सईद कुरैशी, चांद कुरैशी, अनवर अली, शकूर भाई, आजम खान, दिलदार सहित करीबन 30-40 लोग आ गए. जिन्होंने सर्वे टीम के साथ बदसलूकी की. इतना ही नहीं आरोपियों ने अपशब्द और जाति सूचक शब्द कहकर अपमानित किया. जिसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई. जिसके बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुखराम खोखर, पुलिस उपाधीक्षक सौरभ तिवारी, कोतवाल बंशीलाल पुलिस जाप्ता लेकर मौके पर पहुंचे. जिन्होंने महिला कर्मचारियों को वहां से रवाना किया.
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इस घटना के बाद कोरोना के सर्वे कर रही महिला अध्यापिकाओं, ANM और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में भय और दहशत का माहौल हैं.अब सर्वे कर रही महिलाओं की सुरक्षा भी एक मुद्दा बन गया है.