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टोंकः मातृ-पित्र दिवस के रूप में मनाया गया वैलेंटाइन डे, बच्चों ने की परिजनों की पूजा

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Published : Feb 14, 2020, 10:05 PM IST

टोंक के निवाई में संत आसाराम गोशाला में 14 फरवरी, वैलेंटाइन डे को मातृ-पित्र दिवस के रूप में मनाया गया. जहां क्षेत्र के स्कूली बच्चों ने अपने माता-पिता की पूजा की और उनका आशिर्वाद लिया.

टोंक में मातृ-पित्र दिवस, MATRI-PITR DIVAS, MATRI-PITR DIVAS in Tonk
टोंक में मातृ-पित्र दिवस

टोंक. जहां पूरा विश्व आज वेलेंटाइन डे के रूप में 14 फरवरी को मना रहा है, वही टोंक के निवाई में संत आसाराम गोशाला में बच्चों ने मातृ-पित्र दिवस में मनाया. इस अवसर पर विभिन स्कूलों और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से बच्चे और अभिभावक पंहुचे. जहां बच्चों ने माता-पिता कापूजा अर्चना की. वहीं माता-पिता ने अपने बच्चों को भविष्य की अपार शुभकामनाएं दी.

टोंक में मातृ-पित्र दिवस

बता दें कि इस आशाराम गौशाला में 14 साल से वेलेंटाइन डे को मातृ-पित्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. जिसमें बच्चें सामने बैठकर माता-पिता की पुजा करते है. इस अवसर पर बच्चों ने अपने माता-पिता को तिलक लगाया, माला पहनाई, उनकी परिक्रमा की और उनकी आरती उतारी.

ये पढ़ेंः टोंक : हथियारों के दम पर बुजुर्ग दंपति से लूट, 60 हजार नगदी और 40 तोला सोना लेकर नकाबपोश फरार

इस कार्यक्रम को लेकर गौशाला संचालक ने बताया कि गौशाला में 14 साल से 14 फरवरी को मातृ-पित्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. वेलनटाइन डे हमारी संस्कृति का हिस्सा नही है. इसलिए मॉडिफाई कर मातृ-पित्र दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. जिसका उद्देश्य भावी पीढ़ी को हमारी संस्कृति से रूबरू कराना है.

टोंक. जहां पूरा विश्व आज वेलेंटाइन डे के रूप में 14 फरवरी को मना रहा है, वही टोंक के निवाई में संत आसाराम गोशाला में बच्चों ने मातृ-पित्र दिवस में मनाया. इस अवसर पर विभिन स्कूलों और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से बच्चे और अभिभावक पंहुचे. जहां बच्चों ने माता-पिता कापूजा अर्चना की. वहीं माता-पिता ने अपने बच्चों को भविष्य की अपार शुभकामनाएं दी.

टोंक में मातृ-पित्र दिवस

बता दें कि इस आशाराम गौशाला में 14 साल से वेलेंटाइन डे को मातृ-पित्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. जिसमें बच्चें सामने बैठकर माता-पिता की पुजा करते है. इस अवसर पर बच्चों ने अपने माता-पिता को तिलक लगाया, माला पहनाई, उनकी परिक्रमा की और उनकी आरती उतारी.

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इस कार्यक्रम को लेकर गौशाला संचालक ने बताया कि गौशाला में 14 साल से 14 फरवरी को मातृ-पित्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. वेलनटाइन डे हमारी संस्कृति का हिस्सा नही है. इसलिए मॉडिफाई कर मातृ-पित्र दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. जिसका उद्देश्य भावी पीढ़ी को हमारी संस्कृति से रूबरू कराना है.

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