टोंक. जिले में अवैध बजरी खनन का खेल कई हादसों और सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद आज जारी है. यह अलग बात है कि टोंक पुलिस हादसों के बाद बजरी के वाहनों को जब्त कर खुद को बचाने का काम कर लेती है. पर हकीकत यह है कि टोंक जिले में धड़ल्ले से अवैध बजरी खनन जारी है.
बजरी के वाहन से जिले में एक युवक कि मौत के बाद एक्शन में आई सदर थाना पुलिस ने बजरी से भरी पांच ट्रैक्टर ट्रॉलियों को जब्त किया. पुलिस ने गश्त के दौरान अवैध बजरी खनन माफियाओं पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुभाषचन्द्र मिश्रा के आदेशानुसार और वृत्ताधिकारी चन्द्रसिंह रावत के निर्देशन में पांच ट्रैक्टर-ट्रॉली जप्त की है.
एसआईटी टीम टोंक के थाने से रवाना होकर नयागांव तन बनास नदी पहुंचे जहां पर लगभग 8-10 ट्रैक्टर ट्रॉली बजरी भरते हुऐ दिखाई दिये. जिनको पकड़ने का प्रयास किया तो पुलिस जाप्ता को देखकर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के चालक अपने वाहनों को बनास नदी से लेकर भागने का प्रयास करने लगे. जिसके बाद आरोपियों का पीछा करके चार ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को पकड़ लिया गया, लेकिन उनके चालक फरार हो गये.
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हालांकि एक वाहन चालक रामअवतार पुत्र छीतर लाल जाट (42) साल निवासी ग्राम सोहेला पुलिस थाना बरोनी को गिरप्तार कर शेष ट्रैक्टर चालको की तलाश शुरू की है. थानाधिकारी ने बताया कि अवैध बजरी खनन करने वालो के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई जारी है.
शिक्षक और युवा भामाशाह कर रहे लोगों की सांसों की रक्षा
टोंक के देवली में महामारी के इस भीषण दौर में जहां तरफ शिक्षक, सेवारत कर्मचारी लगातार प्रशासन के साथ अपनी सेवाएं तो दे ही रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ तीन शिक्षकों की ओर से चलाई गई मुहिम 'मिशन ऑक्सीजन' से जुड़कर अन्य सरकारी शिक्षक, सेवानिवृत्त कर्मचारी और कुछ युवा भामाशाहों ने राजकीय चिकित्सालय देवली के लिए दो लाख से भी अधिक की सहयोग राशि दो दिन से भी कम समय में जुटा ली.
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साथ ही दस ऑक्सीजन सिलेंडर और बीस प्रेशर कंट्रोल रेगुलेटर विथ फ्लो मीटर ब्लॉक मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता और प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. सुधीर माथुर को सीबीईओ देवली मोतीलाल ठागरिया और मिशन ऑक्सीजन टीम के सदस्यों की ओर से रविवार को सुपुर्द कीए गए. इस प्रयास में व्याख्याता रईस मोहम्मद, वरिष्ठ अध्यापक अमित पांचाल और अनिल गौतम ने इस मुहिम को वाट्सएप के जरिए चलायाय.
अनिल गौतम ने बताया कि देवली अस्पताल को स्थायी सम्पत्ति के रूप में ऑक्सीजन सिलेंडर और रेगुलेटर उपलब्ध करवाएं हैं. जिससे कि महामारी के बाद भी सदैव अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की सुविधा बनी रहेगी.