टोंक. महज 19 से 21 साल की उम्र में महंगे शौक ने तीन दोस्तों को वाहन चोर बना दिया. वाहन चोर जब पुलिस के हत्थे चढ़े तो उनसे 2 दर्जन मोटर साइकीलें बरामद हुई. वहीं अन्य जिलों में हुई चोरी की वारदातों के बारे में भी चोरों से पूछताछ की जा रही है. बता दें टोंक में दुपहिया वाहनों की बढ़ती चोरियां पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई थी. ऐसे में दुपहिया वाहन चोर गिरोह के 3 सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ दूसरे गिरोह तक पहुंचने में आसानी होगी.
एक साथ एक ही कंपनी की 2 दर्जन मोटर साइकिलें चोर गिरोह के पास से मिली तो राज खुला की बाइक आसानी से बिक जाती है. यही कारण था की ग्रामीण परिवेश के जीतराम, राकेश और लालाराम के निशाने पर अस्पताल, मैरिज हाल और भीड़भाड़ वाले इलाकों में दुपहिया वाहन जब निशाने पर होते थे, तो निजी कंपनी की बाइकें ही चोरी होती थी. महंगे शौक और शराब के साथ ऐश आराम की जिंदगी ने इन युवाओं को अपराध के रास्ते पर लाकर अपराधी बना दिया और पढ़ने की उम्र में शातिर चोर बना दिया. अब टोंक पुलिस इनसे चोरी की अन्य वारदातें खुलवाने की दिशा में काम कर रही है.
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टोंक जिले में चोरी की बढ़ती वारदातें और नशे का कारोबार पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है, ऐसे में भटके हुए युवाओं पर पुलिस की पैनी नजर का ही परिणाम है कि डीएसटी की टीम ने सीसी टीवी कैमरों के साथ अपने खुफिया तंत्र को मजबूत करते हुए दुपहिया वाहन चोर गिरोह के 3 सदस्यों को 2 दर्जन चोरी की मोटर साइकिलों के साथ गिरफ्तार किया है.