टोंक. जिला मुख्यालय पर आबकारी विभाग के अधिकारियों पर अवैध शराब बेचने वालों पर कार्रवाई नहीं करने का लाइसेंस धारी शराब विक्रेताओं ने आरोप लगाया. वह अवैध रूप से पुराने लाइसेंस पर शहर में दुकानों पर शराब बिकवाने के गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी दुकानों की चाबियां आबकारी अधिकारी के ऑफिस को सौंप दी, लेकिन न तो अधिकारियों ने शिकायतों पर कोई कार्रवाई की न ही मीडिया के सवालों का सही जवाब दिया.
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शहर में लाइसेंस धारी शराब विक्रेताओं का अपने ही महकमे के अधिकारियों पर आरोप है कि अवैध रूप से शहर में शराब बेचने वालों की शिकायत करना अब उन्हें भारी पड़ रहा है और अधिकारी शिकायत करने वालो को ही परेशान करते हैं. शायद अधिकारियों की मंशा भी यही है कि अवैध शराब का कारोबार फले-फुले. इस लिए अब हमारा दुकान चलाना मुश्किल है और हमने अपनी दुकानों की चाबियां अधिकारियों को सौंप दी है. हम अब सरकारी गोदाम से शराब का स्टॉक उठाने में भी असमर्थ है.
कुछ इस तरह का नजारा देखने को मिला आबकारी कार्यालय में जहां तैनात इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप लाइसेंस धारी शराब विक्रेताओं ने लगाए. शराब विक्रेता सामने खड़े होकर अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते रहे वह अपनी दुकानो की चाबियां सौंपकर चले गए पर व्यापारियों के आरोपों का अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था.
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व्यापारियों ने स्पष्ट कहा कि आपको दिखाते हैं कि किस प्रकार अवैध रुप से शराब बेचने वालो का कारोबार चल रहा है, लेकिन डीईओ के पास कोई जवाब नहीं था. टोंक में व्यापारियों ने डीईओ अनिल यादव और सीआई मोना कंवर पर गंभीर आरोप लगाए, लेकिन दोनों ही अधिकारी सरकारी नियमों और कार्रवाई करने की बात करते रहे.