टोंक. जिले के सआदत अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने की बात कहकर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को डिस्चार्ज किया गया. साथ ही अस्पताल प्रशासन द्वारा कहा गया है कि हमारे पास महज 30 सिलेंडर हैं और वह भी खत्म होने को हैं, ऐसे में अब सामान्य मरीजो को डिस्चार्ज किया गया है.
वहीं अलवर ऑक्सीजन के लिए भेजी गई गाड़ी में समय पर ऑक्सीजन नहीं भरे जाने के कारण ऑक्सीजन की कमी आई है. ऐसे में अस्पताल प्रशासन के पास मरीजों को डिस्चार्ज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. सचिन पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक में हालात इतने बुरे हो गए हैं कि लोग कोरोना मरीज और उनके परिजन इधर से उधर भटकने को मजबूर हैं. जब पुराने कोरोना मरीजों को ही डिस्चार्ज कर दिया गया तो नए मरीजो को एडमिट करने का तो सवाल ही नहीं था.
टोंक जिला मुख्यालय के कोविड अस्पताल के हालात पूरी तरह से बिगड़ चुके हैं. ऑक्सीजन नहीं होने के चलते भर्ती मरीजों को डिस्चार्ज कर भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है, जो कि कोरोना की भयावहता की कहानी खुद बया कर रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर कोरोना पॉजिटिव मरीज जाएं तो कहां जाएं.
अस्पताल बना पुलिस छावनी
कोरोना पॉजिटिव मरीजों को डिस्चार्ज करने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले अस्पताल परिसर पुलिस छावनी बन गया और हंगामे जैसे हालात नहीं बने, इसके लिए एडीशनल एसपी, डिप्टी और कोतवाली का जाप्ता अस्पताल में तैनात कर दिया गया है.