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टोंक: जिला कारागृह में जेल निरीक्षण दल को कुछ भी नहीं मिला आपत्तिजनक, तलाशी अभियान पर उठ रहे सवाल

टोंक जिला कारागृह पिछले डेढ़ महीने से बंदियों से मारपीट और चौथ वसूली के आरोप की वजह से सुर्खियों में है. कोतवाली थाने में रिपोर्ट भी दर्ज हुई है. इसके बाद गृह विभाग के आदेश पर जेल निरीक्षण दल गुरुवार रात यहां लाव लश्कर के साथ पहुंचा तो लगा कि कुछ बड़ा खुलासा होगा. लेकिन करीब 5 घंटे जेल में बिताने के बाद जेल निरीक्षण दल को कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला. इससे कार्रवाई पर सवाल भी खड़ा हो रहा है.

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Published : Sep 18, 2020, 12:35 PM IST

Inspection team, Tonk district jail, टोंक न्यूज़
टोंक जिला कारागृह में जेल निरीक्षण दल ने ली तलाशी

टोंक. जिले की जिस जेल में बंदियों से लगातार पैसा वसूलने और सुविधाएं उपलब्ध कराने की शिकायतें मिल रही थी, उस जेल में गुरुवार रात तलाशी अभियान में कुछ भी नहीं मिला. इससे कार्रवाई पर सवाल भी खड़ा हो रहा है. सवाल ये उठ रहा है कि आखिर क्या जेल में तलाशी अभियान की पूर्व सूचना जेल में प्रशासन और कैदियों को मिल चुकी थी. क्या वाकई जब भारी लवाजमे के साथ तलाशी अभियान हुआ तो जेल में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है.

टोंक जिला कारागृह में जेल निरीक्षण दल ने ली तलाशी

गौरतलब है कि टोंक जिला कारागृह पिछले डेढ़ महीने से बंदियों से मारपीट और चौथ वसूली के आरोप की वजह से सुर्खियों में है. कोतवाली थाने में रिपोर्ट भी दर्ज हुई है. ऐसे में गुरुवार रात यहां लाव लश्कर के साथ जांच दल पहुंचा तो लगा कि कुछ बड़ा खुलासा होगा. इसके चलते कई पत्रकार भी या पहुंचे, लेकिन करीब 5 घंटे जेल में बिताने के बाद जब वापस लौटे जेल निरीक्षण दल के जांच प्रभारी और सहायक कलेक्टर मोहर सिंह मीणा ने जो बताया वो किसी के भी गले नही उतर रहा. उन्होंने कहा कि जेल में सब कुछ ठीक है और अंदर कुछ भी गलत नहीं मिला.

पढ़ें: चूरू: बिछड़ने और फिर 17 साल बाद मिलने की सतीश की कहानी...

बता दें पिछले डेढ़ महीने से जेल के प्रभावशाली बंदियों पर जेल अधिकारियों से सांठगांठ कर अवैध रूप से चौथ वसूली करने और मना करने पर मारपीट करने सहित 6 शिकायतें मुख्यमंत्री, डीजी जेल, जिला कलेक्टर और एसपी को की जा चुकी है. इस मामले में कोर्ट की दखल के बाद कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज होने के उम्मीद जगी थी कि मामले जांच होगी. लेकिन, फिलहाल अभी तक कोई जांच नहीं होने से प्रशासन की नीयत पर सवाल उठना लाजमी है.

पढ़ें: बहरोड़: हत्या के प्रयास का आरोपी गिरफ्तार, दो साल से था फरार

वहीं, गृह विभाग के आदेश पर जांच करने गए सहायक कलेक्टर मोहर सिंह मीणा ने बताया कि शिकायतों के मामले में भी जल्द ही टीम जेल का दौरा करेगी. जेल में चौथ वसूली के मामले में प्रशासन द्वारा अब तक जांच को लंबित रखना और सूचना देकर जेल में जांच के लिए पहुंचने वाले अधिकारियों से जांच की निष्पक्षता की उम्मीद करना बेमानी होगा.

टोंक. जिले की जिस जेल में बंदियों से लगातार पैसा वसूलने और सुविधाएं उपलब्ध कराने की शिकायतें मिल रही थी, उस जेल में गुरुवार रात तलाशी अभियान में कुछ भी नहीं मिला. इससे कार्रवाई पर सवाल भी खड़ा हो रहा है. सवाल ये उठ रहा है कि आखिर क्या जेल में तलाशी अभियान की पूर्व सूचना जेल में प्रशासन और कैदियों को मिल चुकी थी. क्या वाकई जब भारी लवाजमे के साथ तलाशी अभियान हुआ तो जेल में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है.

टोंक जिला कारागृह में जेल निरीक्षण दल ने ली तलाशी

गौरतलब है कि टोंक जिला कारागृह पिछले डेढ़ महीने से बंदियों से मारपीट और चौथ वसूली के आरोप की वजह से सुर्खियों में है. कोतवाली थाने में रिपोर्ट भी दर्ज हुई है. ऐसे में गुरुवार रात यहां लाव लश्कर के साथ जांच दल पहुंचा तो लगा कि कुछ बड़ा खुलासा होगा. इसके चलते कई पत्रकार भी या पहुंचे, लेकिन करीब 5 घंटे जेल में बिताने के बाद जब वापस लौटे जेल निरीक्षण दल के जांच प्रभारी और सहायक कलेक्टर मोहर सिंह मीणा ने जो बताया वो किसी के भी गले नही उतर रहा. उन्होंने कहा कि जेल में सब कुछ ठीक है और अंदर कुछ भी गलत नहीं मिला.

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बता दें पिछले डेढ़ महीने से जेल के प्रभावशाली बंदियों पर जेल अधिकारियों से सांठगांठ कर अवैध रूप से चौथ वसूली करने और मना करने पर मारपीट करने सहित 6 शिकायतें मुख्यमंत्री, डीजी जेल, जिला कलेक्टर और एसपी को की जा चुकी है. इस मामले में कोर्ट की दखल के बाद कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज होने के उम्मीद जगी थी कि मामले जांच होगी. लेकिन, फिलहाल अभी तक कोई जांच नहीं होने से प्रशासन की नीयत पर सवाल उठना लाजमी है.

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वहीं, गृह विभाग के आदेश पर जांच करने गए सहायक कलेक्टर मोहर सिंह मीणा ने बताया कि शिकायतों के मामले में भी जल्द ही टीम जेल का दौरा करेगी. जेल में चौथ वसूली के मामले में प्रशासन द्वारा अब तक जांच को लंबित रखना और सूचना देकर जेल में जांच के लिए पहुंचने वाले अधिकारियों से जांच की निष्पक्षता की उम्मीद करना बेमानी होगा.

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