टोंक. जिले के मेहंदवास थाना क्षेत्र में 13 दिन पहले निमोला गांव के पूर्व सरपंच महेन्द्र मीणा का शव संदिग्ध अवस्था में पड़ा हुआ मिला था. जिसके बाद परिजनों ने पूर्व सरपंच महेन्द्र मीणा की हत्या करने की आशंका जताते हुए मेहंदवास थाने में तीन चार लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी लेकिन, अब तक 13 दिन बीत जाने के बाद भी टोंक पुलिस ने पूर्व सरपंच महेन्द्र मीणा की हत्या करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार तक नही किया.
जिसके कारण नाराज पीड़ित परिवार और मीणा समाज के सैकडों लोग जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और पूर्व सरपंच महेन्द्र मीणा की हत्या करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने और हत्या का खुलासा करने की मांग की. जिस पर टोंक के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन शर्मा ने पीड़ित परिवार और मीणा समाज को आश्वासन दिया कि तीन दिन में हत्या का खुलासा कर दिया जायेगा.
टोंक जिला मुख्यालय के मेहंदवास थाना क्षेत्र के निमोला गांव में 24 जनवरी की रात को निमोला गांव के पूर्व सरपंच महेन्द्र मीणा का शव रोड किनारे संदिग्ध अवस्था में पड़ा हुआ मिला था. जिसकी सूचना पर मेहंदवास थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी और शव को टोंक के सआदत अस्पताल लेकर पहुंची. यहां डॉक्टरों ने पूर्व सरपंच महेन्द्र मीणा को मृत घोषित कर दिया.
पूर्व सरपंच के परिवारजन भी सआदत अस्पताल पहुंचे थे और हत्या करने का आरोप लगाकर हत्या करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद टोंक पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधु और टोंक के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन शर्मा मौके पर पहुंचे थे और घटनास्थल का निरिक्षण किया था.
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मीणा समाज और पीड़ित परिवारजन के आक्रोश को देखते हुए टोंक के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन शर्मा ने आश्वासन दिया कि तीन दिन में हत्या का खुलासा कर दिया जायेगा और इस पूरे मामले की जांच उनियारा पुलिस उपाधीक्षक दिनेश राजौरा कर रहे है. पीड़ित परिवार की ओर से दी गई नामजद रिपोर्ट के आधार पर नामजद लोगों से गहनता से पूछताछ की जा रही है. साथ ही मृतक का पोस्टमार्टम भी तीन डॉक्टरों की टीम से करवाया गया था. फिलहाल टोंक पुलिस इस पूरे मामले में जांच कर रही है.