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टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी जौनापुरिया के साथ एक दिन...

लोकसभा के चुनावी समर में शहर की राजनीति से संसद तक का सफर तय करने लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोर आजमाइश में जुटी हैं. आज हम एक दिन के लिए टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी सुखबीर जौनापुरिया के साथ हैं.

टोंक/सवाईमाधोपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी जौनापुरिया के साथ एक दिन...
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Published : Apr 18, 2019, 12:10 AM IST

टोंक/सवाईमाधोपुर. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशी का दिन राजस्थान की तपती गर्मी के बीच कैसे गुजरता है. इसे जानने के लिए हमारी टीम ने टोंक सवाई माधोपुर से बीजेपी प्रत्याशी सुखबीर जौनापुरिया के साथ एक दिन बिताया और जाना कि आखिर सुबह 6 बजे से देर रात तक क्या-क्या करते हैं. नेताजी के दिन की शुरुआत योगा या पार्क से होती है. गांव-गांव जाकर वोट मांगने के दौरान कभी विकास,कभी मोदी और कभी विपक्षी प्रत्याशी पर हमला बोलने से नहीं चूकते हैं.

टोंक/सवाईमाधोपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी जौनापुरिया के साथ एक दिन...
एक पूरा दिन सुखबीर जौनापुरिया के साथ में हमने पाया कि जौनापुरिया अपने दिन की शुरुआत करते है मॉर्निग वाक और योगा के साथ ओर इसके बाद निकल पड़ता है उनकी गाड़ियों का काफिला प्रचार पर. पहला पड़ाव होता है प्रचार का बासेड़ा गांव जंहा नेता जी के इंतजार में मालपुरा विधायक सहित बीजेपी कार्यकर्ता थे. पहले से मौजूद,गांव पंहुच कर होता है स्वागत सत्कार और भाषण में मोदी-मोदी और उसके बाद नेताजी निकल पड़ते है अगले पड़ाव पर तभी रास्ते मे कुछ बुजुर्ग इंतजार में खड़े नजर आते हैं तो गाड़ियों का काफिला रुक जाता है, बात होती है और वोटों की मनुहार भी,उम्मीद यही की जनता एक बार ओर दे दे सेवा का मौका.

गाड़ियों का काफिला दूसरे गांव पहुंचता है यहां पर भीड़ कम है तो टूटी हुई सड़क और बिजली पानी जैसे मुद्दों की जनता की कसक भी, बात होती है और आगे बढ़ जाते हैं नेताजी बस्सी गांव के स्वागत के बाद सांगल्यवास गांव में गांव की कुछ महिलाएं पेड़ की छांव में इंतजार कर रही होती है, ऐसे में क्षेत्रीय विधायक कन्हैया लाल का भाषण होता है पर जनता की यही पुकार हमें मिले मजदूरी पूरी तो सरकार दे किसानों को फसल का पूरा मूल्य.

अब काफिला रफ्तार पकड़ रहा होता है पर टूटी सड़के ओर गांवो की समस्याओं से आज के भारत और ग्रामीणों की मुसीबतों का अहसास होता है कि आजादी के 72 साल बाद भी गांवो में जीवन यापन करना कितना मुश्किल है. 3 सालों से सड़क पानी से जुंझते टांकवास और बोटुनंदा से होकर थडोली के सफर में टूटी सड़के चलती गाड़ी में नेताजी के साथ हमारा भी पेट का पानी हिला देती है. बीजेपी प्रत्याशी के मोदी के बखान और विकास के बीच विपक्ष पर हमले जारी रहते है. इकके बाद काफिला पहुंचता है कुकड गांव में जहां बेंड बाजों से स्वागत होता है इस बीच हमारी बात सुखबीर जौनापुरिया से होती है...

सुखबीर जौनापुरिया ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अजरुद्दीन को 1 लाख 35 हजार 606 वोटों से हराकर किया था क्लीन बोल्ड. शाम ढलते-ढलते उनका काफिला पंहुच गया है रामपुरा ,बख़्यापुरा रिन्डल्या जहां बिजली गायब थी पर भाषण जारी रहा और बिजली कटौती पर कांग्रेस को कोसना भी वह नहीं भूले. करीब 10 बजे की प्रचार की सीमा खत्म होने से पहले सुखबीर जौनापुरिया पंहुचते है टोरडी गांव में जो कि अंतिम पड़ाव है यहां डीजे के साथ स्वागत पर भीड़ की कमी नजर आती है क्योंकी निर्धारित समय से नेताजी 2 घंटे देरी से पहुंचे थे.

सुखबीर सिंह जौनापुरिया के साथ एक पूरा दिन बिताकर हमने पाया कि आज भी आजादी के 72 साल बाद विकास कही न कही ठहर गया है और समस्याओं का अंबार लगा है.

टोंक/सवाईमाधोपुर. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशी का दिन राजस्थान की तपती गर्मी के बीच कैसे गुजरता है. इसे जानने के लिए हमारी टीम ने टोंक सवाई माधोपुर से बीजेपी प्रत्याशी सुखबीर जौनापुरिया के साथ एक दिन बिताया और जाना कि आखिर सुबह 6 बजे से देर रात तक क्या-क्या करते हैं. नेताजी के दिन की शुरुआत योगा या पार्क से होती है. गांव-गांव जाकर वोट मांगने के दौरान कभी विकास,कभी मोदी और कभी विपक्षी प्रत्याशी पर हमला बोलने से नहीं चूकते हैं.

टोंक/सवाईमाधोपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी जौनापुरिया के साथ एक दिन...
एक पूरा दिन सुखबीर जौनापुरिया के साथ में हमने पाया कि जौनापुरिया अपने दिन की शुरुआत करते है मॉर्निग वाक और योगा के साथ ओर इसके बाद निकल पड़ता है उनकी गाड़ियों का काफिला प्रचार पर. पहला पड़ाव होता है प्रचार का बासेड़ा गांव जंहा नेता जी के इंतजार में मालपुरा विधायक सहित बीजेपी कार्यकर्ता थे. पहले से मौजूद,गांव पंहुच कर होता है स्वागत सत्कार और भाषण में मोदी-मोदी और उसके बाद नेताजी निकल पड़ते है अगले पड़ाव पर तभी रास्ते मे कुछ बुजुर्ग इंतजार में खड़े नजर आते हैं तो गाड़ियों का काफिला रुक जाता है, बात होती है और वोटों की मनुहार भी,उम्मीद यही की जनता एक बार ओर दे दे सेवा का मौका.

गाड़ियों का काफिला दूसरे गांव पहुंचता है यहां पर भीड़ कम है तो टूटी हुई सड़क और बिजली पानी जैसे मुद्दों की जनता की कसक भी, बात होती है और आगे बढ़ जाते हैं नेताजी बस्सी गांव के स्वागत के बाद सांगल्यवास गांव में गांव की कुछ महिलाएं पेड़ की छांव में इंतजार कर रही होती है, ऐसे में क्षेत्रीय विधायक कन्हैया लाल का भाषण होता है पर जनता की यही पुकार हमें मिले मजदूरी पूरी तो सरकार दे किसानों को फसल का पूरा मूल्य.

अब काफिला रफ्तार पकड़ रहा होता है पर टूटी सड़के ओर गांवो की समस्याओं से आज के भारत और ग्रामीणों की मुसीबतों का अहसास होता है कि आजादी के 72 साल बाद भी गांवो में जीवन यापन करना कितना मुश्किल है. 3 सालों से सड़क पानी से जुंझते टांकवास और बोटुनंदा से होकर थडोली के सफर में टूटी सड़के चलती गाड़ी में नेताजी के साथ हमारा भी पेट का पानी हिला देती है. बीजेपी प्रत्याशी के मोदी के बखान और विकास के बीच विपक्ष पर हमले जारी रहते है. इकके बाद काफिला पहुंचता है कुकड गांव में जहां बेंड बाजों से स्वागत होता है इस बीच हमारी बात सुखबीर जौनापुरिया से होती है...

सुखबीर जौनापुरिया ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अजरुद्दीन को 1 लाख 35 हजार 606 वोटों से हराकर किया था क्लीन बोल्ड. शाम ढलते-ढलते उनका काफिला पंहुच गया है रामपुरा ,बख़्यापुरा रिन्डल्या जहां बिजली गायब थी पर भाषण जारी रहा और बिजली कटौती पर कांग्रेस को कोसना भी वह नहीं भूले. करीब 10 बजे की प्रचार की सीमा खत्म होने से पहले सुखबीर जौनापुरिया पंहुचते है टोरडी गांव में जो कि अंतिम पड़ाव है यहां डीजे के साथ स्वागत पर भीड़ की कमी नजर आती है क्योंकी निर्धारित समय से नेताजी 2 घंटे देरी से पहुंचे थे.

सुखबीर सिंह जौनापुरिया के साथ एक पूरा दिन बिताकर हमने पाया कि आज भी आजादी के 72 साल बाद विकास कही न कही ठहर गया है और समस्याओं का अंबार लगा है.

Intro:
बीजेपी प्रत्याशी के साथ पूरा दिन।

एंकर :- लोकसभा चुनाव प्रचार और राजस्थान की तपती गर्मी के बीच कैसे गुजरता है प्रत्याशियों के प्रचार में दिन की जिज्ञासा को शांत करने के लिए हमारी टीम ने बिताया पूरा एक दिन टोंक सवाई माधोपुर से बीजेपी प्रत्याशी सुखबीर जौनापुरिया के साथ ओर जाना कि आखिर सुबह 6 बजे से देर रात तक कैसे गुजरा जौनापुरिया का पूरा दिन,नेता जी के दिन की शुरुआत योगा या पार्क से होती है तो गांव-गांव जाकर वोट मांगने के दौरान कभी विकास,कभी मोदी और कभी विपक्षी प्रत्याशी पर हमला बोलने से नही चूकते है नेताजी।

ओपनिग पीटूसी रविश टेलर


Body:
वीओ 01 एक पूरा दिन सुखबीर जौनापुरिया के साथ के में हमने पाया कि जौनापुरिया अपने दिन की शुरुआत करते है मॉर्निग वाक ओर योगा के साथ ओर इसके बाद निकल पड़ता है उनकी गाड़ियों का काफिला प्रचार पर पहला पड़ाव होता है प्रचार का बासेड़ा गांव जंहा नेता जी के इंतजार में मालपुरा विधायक सहित बीजेपी कार्यकर्ता है पहले से मौजूद,गांव पंहुच कर होता है स्वागत सत्कार और भाषण में मोदी -मोदी और उसके बाद नेताजी निकल पड़ते है अगले पड़ाव पर तभी रास्ते मे कुछ बुजुर्ग इंतजार में खड़े नजर आते है तो गाड़ियों का काफिला रुक जाता है,बात होती है और वोटों की मनुहार भी,उम्मीद यही की जनता एक बार ओर दे दे सेवा का मौका ओर पंहुच जाता है गाड़ियों का काफिला दूसरे गांव पर भीड़ कम है तो टूटी हुई सड़क और बिजली पानी जैसे मुद्दों की जनता की कसक भी,बात होती है और अगर बढ़ जाते है नेताजी बस्सी गांव के स्वागत के बाद सांगल्यवास गांव में गांव की कुछ महिलाएं पेड की छांव में इंतजार कर रही होती है,ऐसे में क्षेत्रीय विधायक कन्हैया लाल का भाषण होता है पर जनता की यही पुकार हमे मिले मजदूरी पूरी तो सरकार दे किसानों को फसल का पूरा मूल्य।

वाक थ्रू ग्रामीण महिलाओ के साथ।

वीओ 02 सेहत के प्रति सतर्क बीजेपी प्रत्याशी खान-पान का पूरा रखते है ख्याल ओर यही कारण है कि गांव में बीच बीच मे गाड़ी में ही अल्पाहार वह करते नजर आते है,नेताजी को 2 विधानसभा वाले टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर गांव गांव जाकर करना है प्रचार इसी लिए अब काफिला रफ्तार पकड़ रहा होता है पर टूटी सड़के ओर गांवो की समस्याओं से आज के भारत और ग्रामीणों की मुसीबतों का अहसास होता है कि आजादी के 72 साल बाद भी गांवो में जीवन यापन करना कितना मुश्किल है,3 सालो से सड़क पानी से जुंझते टाँकवास ओर बोटुनंदा से होकर थडोली के सफर में टूटी सड़के चलती गाड़ी में नेताजी के साथ हमारा भी पेट का पानी हिला देती है पर बीजेपी प्रत्याशी के मोदी के बखान ओर विकास के बीच विपक्ष पर हमले जारी रहते है काफला पंहुच चुका होता है कुकड गांव में जंहा बेंड बाजो से होता है स्वागत ओर तभी हमारी बात होती है सुखबीर जौनापुरिया से तो क्या कहते है नेताजी जरा सुनिये।

वन टू वन सुखबीर सिंह जौनापुरिया के साथ।


Conclusion:वीओ 03 सुखबीर जौनापुरिया ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कोंग्रेस के प्रत्याशी अजरुद्दीन को 1 लाख 35 हजार 606 वोटों से हराकर किया था क्लीन बोल्ड और एक बार है जनता के बीच अपना अधिकांश समय जनता के बीच गुजारने के साथ संसद में सर्वाधिक मौजूद रहने वाले राजस्थान से नंबर 1 सांसद जौनापुरिया अब पंहुचे है भीमगंज जंहा भाषण के बीच हलवे का स्वाद चखना वह नही भूलते है और शाम होते होते वह मेहरू पंहुचते है स्वागत सत्कार और भाषण जारी है शाम ढलते-ढलते उनका काफिला पंहुच गया है रामपुरा ,बख़्यापुरा रिन्डल्या जंहा बिजली गायब है पर भाषण जारी है और बिजली कटौती पर कोंग्रेस को कोसना भी वह नही भूलते है रामपुरा होते हुए तिलांजु पंहुचे नेताजी का स्वागत है तो ग्रामीण महिलाएं लोकतंत्र के पर्व में नाचकर स्वागत कर रही है अपने प्रत्याशी का रात ढल रही है और 10 बजे की प्रचार की सीमा खत्म होने से पहले सुखबीर जौनापुरिया पंहुचते है टोरडी गांव में जो कि अंतिम पड़ाव है आज के प्रचार का डीजे से होता है स्वागत पर भीड़ की कमी नजर आती है क्यो की निर्धारित समय से नेताजी पंहुचे 2 घंटे देरी से।

क्लोजिंग पीटूसी रविश टेलर।

वीओ 04 सुखबीर जौनापुरिया के साथ एक पूरा दिन बिताकर हमने पाया कि आज भी आजादी के 72 साल बाद विकास कही न कही ठहर गया है और समस्याओं का अंबार लगा है वही सुबह 6 बजे उठकर दिनचर्या शुरू करने वाले सुखबीर जौनापुरिया रात में अंतिम सभा के बाद भी अगली सुबह को प्रचार के लिए बिल्कुल फिट नजर आते है और यही उनका मूल मंत्र भी है की जो फिट है वही हिट है।

नोट इस स्टोरी के लिए कुछ एक्स्ट्रा विसुअल 01 योग और मॉर्निग वाक के Ftp से भेज रहा हु क्यो की वह मोजो से नही हो पाए थे।
जरूरत लगे तो यंहा से उठा ले।
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