श्रीगंगानगर: हाथों में मेहंदी, पैरों में कुमकुम, खनकती पायल के साथ सोलह शृंगार कर दुल्हन की तरह सजी-धजी भारतीय नारी करवा चौथ पर दिन भर भूखी-प्यासी रहकर अपने जीवन साथी के लिए लंबी उम्र की कामनाएं करती है. राजस्थान की गहलोत सरकार की ओर से करवा चौथ के दिन सरकारी छुट्टी ना करके सरकार ने लाखों महिला कर्मचारियों के प्रति बेरुखी का परिचय दिया है. शायद यही कारण है कि करवा चौथ का व्रत राजस्थान के शिक्षा विभाग से लेकर तमाम सरकारी दफ्तरों में कार्यरत लाखों महिला कर्मचारियों के लिए परेशानियों से भरा है. क्योंकि पिछले वर्षो की तरह इस वर्ष राजस्थान सरकार द्वारा करवा चौथ पर अवकाश ना होने का फरमान जारी किया है. जिसके चलते दफ्तरों में तैनात इन महिला कर्मचारियों को करवाचौथ का व्रत अपने दफ्तरों व स्कूलों के दैनिक कामकाज निपटाते हुए करना पड़ रहा है.
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करवा चौथ का व्रत रखने वाली इन महिलाओं का कहना है कि आमतौर पर अनावश्यक और कम महत्व वाले अवसरों पर सरकार अवकाश की घोषणा अक्सर करती है. लेकिन साल में एक बार आने वाला महिलाओं का सबसे बड़ा त्योहार करवा चौथ के दिन उनकी छुट्टी नहीं की जाती है. जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियां उठानी पड़ती है. हालांकि कई साल पहले वसुंधरा सरकार ने करवा चौथ के दिन 5 साल तक सरकारी छुट्टी देकर राज्य की लाखों महिला कर्मचारियों से खूब वाहवाही बटोरी थी. ऐसे में अब गहलोत सरकार द्वारा करवा चौथ के दिन राज्य की महिला कर्मचारियों को दैनिक कामकाज से छुट्टी ना देकर सरकार इनके प्रति बेरुखी दिखाई है.
वहीं एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है तो दूसरी तरफ महिलाओं के इस सबसे बड़े पर्व पर उन्हें छुट्टी से दूर रखकर उनको नजरअंदाज किया है. ऐसे में सरकारी दफ्तरों में ड्यूटी पर तैनात करवा चौथ का व्रत रखने वाली ये महिलाएं मुख्यमंत्री से करवा चौथ पर छुट्टी की मांग कर रही है. करवाचौथ पर फिर भले ही छुट्टी आधे दिन की ही कर दी जाए. ताकि करवा चौथ के दिन व्रत रखने वाली राज्य की लाखों महिला कर्मचारी अपने परिवार के साथ बेहतर तरीके से खुशियां मना सकें.