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आजादी 'काले पानी' से : पंजाब से आ रहा पानी...55 लाख लोगों की जिंदगी में घोल रहा है जहर...हकीकत सुन आप भी चौंक जाएंगे

पंजाब से राजस्थान आने वाली नहरों में दूषित पानी की कहानी हमने पिछले दो एपिसोड में बताई थी. हमने बताया था कि कैसे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले की जीवनदायिनी नहरों में पंजाब से बहकर आ रहा काला पानी उनकी जिंदगी में जहर घोल रहा है. लेकिन इस पानी के कितने भयंकर परिणाम हो सकते हैं इसकी हकीकत से अभी बहुत से लोग अंजान हैं.

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Published : Jul 31, 2019, 2:03 PM IST

श्रीगंगानगर. बीते कई सालों से दोनों जिलों की करीब 55 लाख आबादी इस काले पानी के दंश को झेल रही है. लोग ये जानते तो हैं कि वे जो पानी पी रहे हैं वो पीने योग्य नहीं. लेकिन इसे पीने के कितने गंभीर परिणाम हो सकते हैं, इसका एहसास शायद अभी तक उन्हें नहीं है. यही कारण है कि पिछले एक दशक से अधिक समय से आ रहे इस दूषित पानी को रोकने के लिए लोग अभी तक नहीं जागे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की मुहिम है कि काले पानी से लोगों को आजादी दिलाई जा सके.

पंजाब के हरिके डैम से निकलती राजस्थान फीडर में केमिकल युक्त बायोवेस्ट से पानी का रंग पूरी तरह काला नजर आता है. यह पानी पीने और सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन इसकी गुणवत्ता देखेंगे तो इसे पीने के लिए इस्तेमाल करना तो दूर यह खेती और पशुओं के इस्तेमाल योग्य भी नहीं लगता. केमिकल युक्त व दूषित हेवी मेटल्स का पानी पंजाब से लेकर राजस्थान के कई एरिया में जिस तेजी से लोगों को अपने आगोश में समेट रहा है. इससे यह कह सकते हैं कि आने वाले समय में हालात बेकाबू होने वाले हैं.

पढें: आजादी 'काले पानी' से : हनुमानगढ़ भी झेलता पंजाब के दंश को...

दूषित व हेवी मेटल्स युक्त इस पानी ने सबसे ज्यादा असर राजस्थान के श्रींगगानगर और हनुमानगढ़ जिले में सबसे ज्यादा है. इस पानी से जो बीमारियां तेजी से फैली है उसमें कैंसर, काला पीलिया, महिलाओ में गॉल ब्लैडर में कैंसर व हड्डियों से संबंधित रोग लोगों में पनप रहे हैं. दूषित पानी से बढ़ रही बीमारियों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. श्रीगंगानगर जिला अस्पताल के कैंसर यूनिट प्रभारी प्रमोद सिनसिनवार बताते हैं कि दूषित जल के लगातार लंबे समय तक सेवन करने से लोगों में कई तरह के घातक रोग होने की आशंकाएं रहती हैं.

पढें: आजादी 'काले पानी' से : पंजाब से बहकर आता 'काला जहर'...

उनके मुताबिक जिला अस्पताल में बने कैंसर रोग परामर्श एवं निदान शिविर में पिछले कुछ समय में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. जिसका एक कारण दूषित व हेवी मेटल्स युक्त पानी भी है. डॉक्टर प्रमोद सिनसिनवार बताते हैं कि पंजाब से गंगनहर में जो पानी बहकर आ रहा है उसमे आर्सेनिक, लेड व मर्करी जैसे खतरनाक धातु आ रहे हैं. ऐसे में इस पानी का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से मनुष्य भयंकर रोगों में जकड़ सकता है. जिसमें (लंग) फेफड़े का कैंसर, गॉल ब्लैडर कैंसर, आंतों की बीमारियां फैलने की आशंकाएं रहती हैं.

पंजाब से आ रहा पानी 55 लाख लोगों की जिंदगी में घोल रहा है जहर

श्रीगंगानगर में बीते 3 साल में कैंसर के रोगी (ब्रेस्ट और सर्वाइकल)

  • कुल 895 केस आए सामने
  • स्क्रीनिंग के बाद 238 पाए गए नॉर्मल
  • 90 में पाया गया ब्रेस्ट कैंसर
  • 1 मरीज सर्वाइकल पॉजिटिव
  • अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक
  • डायबिटीज के मरीज- 9611
  • B.P. के मरीज- 22661

डॉक्टर प्रमोद सिनसिनवार बताते हैं कि पिछले 2 सालों की बात करें तो ऐसे रोगियों के आंकड़ों में 40% तक की बढ़ोतरी हुई है जिनमे प्रथमदृष्टया केंसर के लक्षण देखे जा सकते है. जो कि चौंकाने वाली स्थिति है. श्रीगंगानगर जिले में महिलाओं में सबसे ज्यादा गॉल ब्लैडर में कैंसर के मरीज हैं. इन मरीजों की तादाद उन जगहों पर अधिक है जो गंग नहर के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले हैं. कारण पूछने पर उनका कहना है कि ये लोग नहर का पानी सीधा इस्तेमाल करते हैं.

श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में नहरों से आने वाले पानी से जिस तेजी के साथ बीमारियां पनप रही हैं. उससे साफ पता चलता है कि आने वाले समय में हालात बेकाबू हो सकते हैं. ऐसे में दूषित जल पर जल्दी रोक नहीं लगाई गई तो यह काला पानी लोगों को मौत के आगोश में समेट लेगा. हालांकि सरकारें और उनके विभाग इन भयानक रोगों के फैलाव की पुष्टि नहीं करते लेकिन अब यह सच जनता तक पहुंचने लगा है.

श्रीगंगानगर. बीते कई सालों से दोनों जिलों की करीब 55 लाख आबादी इस काले पानी के दंश को झेल रही है. लोग ये जानते तो हैं कि वे जो पानी पी रहे हैं वो पीने योग्य नहीं. लेकिन इसे पीने के कितने गंभीर परिणाम हो सकते हैं, इसका एहसास शायद अभी तक उन्हें नहीं है. यही कारण है कि पिछले एक दशक से अधिक समय से आ रहे इस दूषित पानी को रोकने के लिए लोग अभी तक नहीं जागे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की मुहिम है कि काले पानी से लोगों को आजादी दिलाई जा सके.

पंजाब के हरिके डैम से निकलती राजस्थान फीडर में केमिकल युक्त बायोवेस्ट से पानी का रंग पूरी तरह काला नजर आता है. यह पानी पीने और सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन इसकी गुणवत्ता देखेंगे तो इसे पीने के लिए इस्तेमाल करना तो दूर यह खेती और पशुओं के इस्तेमाल योग्य भी नहीं लगता. केमिकल युक्त व दूषित हेवी मेटल्स का पानी पंजाब से लेकर राजस्थान के कई एरिया में जिस तेजी से लोगों को अपने आगोश में समेट रहा है. इससे यह कह सकते हैं कि आने वाले समय में हालात बेकाबू होने वाले हैं.

पढें: आजादी 'काले पानी' से : हनुमानगढ़ भी झेलता पंजाब के दंश को...

दूषित व हेवी मेटल्स युक्त इस पानी ने सबसे ज्यादा असर राजस्थान के श्रींगगानगर और हनुमानगढ़ जिले में सबसे ज्यादा है. इस पानी से जो बीमारियां तेजी से फैली है उसमें कैंसर, काला पीलिया, महिलाओ में गॉल ब्लैडर में कैंसर व हड्डियों से संबंधित रोग लोगों में पनप रहे हैं. दूषित पानी से बढ़ रही बीमारियों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. श्रीगंगानगर जिला अस्पताल के कैंसर यूनिट प्रभारी प्रमोद सिनसिनवार बताते हैं कि दूषित जल के लगातार लंबे समय तक सेवन करने से लोगों में कई तरह के घातक रोग होने की आशंकाएं रहती हैं.

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उनके मुताबिक जिला अस्पताल में बने कैंसर रोग परामर्श एवं निदान शिविर में पिछले कुछ समय में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. जिसका एक कारण दूषित व हेवी मेटल्स युक्त पानी भी है. डॉक्टर प्रमोद सिनसिनवार बताते हैं कि पंजाब से गंगनहर में जो पानी बहकर आ रहा है उसमे आर्सेनिक, लेड व मर्करी जैसे खतरनाक धातु आ रहे हैं. ऐसे में इस पानी का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से मनुष्य भयंकर रोगों में जकड़ सकता है. जिसमें (लंग) फेफड़े का कैंसर, गॉल ब्लैडर कैंसर, आंतों की बीमारियां फैलने की आशंकाएं रहती हैं.

पंजाब से आ रहा पानी 55 लाख लोगों की जिंदगी में घोल रहा है जहर

श्रीगंगानगर में बीते 3 साल में कैंसर के रोगी (ब्रेस्ट और सर्वाइकल)

  • कुल 895 केस आए सामने
  • स्क्रीनिंग के बाद 238 पाए गए नॉर्मल
  • 90 में पाया गया ब्रेस्ट कैंसर
  • 1 मरीज सर्वाइकल पॉजिटिव
  • अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक
  • डायबिटीज के मरीज- 9611
  • B.P. के मरीज- 22661

डॉक्टर प्रमोद सिनसिनवार बताते हैं कि पिछले 2 सालों की बात करें तो ऐसे रोगियों के आंकड़ों में 40% तक की बढ़ोतरी हुई है जिनमे प्रथमदृष्टया केंसर के लक्षण देखे जा सकते है. जो कि चौंकाने वाली स्थिति है. श्रीगंगानगर जिले में महिलाओं में सबसे ज्यादा गॉल ब्लैडर में कैंसर के मरीज हैं. इन मरीजों की तादाद उन जगहों पर अधिक है जो गंग नहर के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले हैं. कारण पूछने पर उनका कहना है कि ये लोग नहर का पानी सीधा इस्तेमाल करते हैं.

श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में नहरों से आने वाले पानी से जिस तेजी के साथ बीमारियां पनप रही हैं. उससे साफ पता चलता है कि आने वाले समय में हालात बेकाबू हो सकते हैं. ऐसे में दूषित जल पर जल्दी रोक नहीं लगाई गई तो यह काला पानी लोगों को मौत के आगोश में समेट लेगा. हालांकि सरकारें और उनके विभाग इन भयानक रोगों के फैलाव की पुष्टि नहीं करते लेकिन अब यह सच जनता तक पहुंचने लगा है.

Intro:श्रीगंगानगर : पंजाब से राजस्थान आने वाली नहरों में दूषित पानी आता है.यह सर्वविदित है. विशेषकर,श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले के लोगों के लिए यह नई बात भी नहीं है। सभी को पता है नहरों में क्या-क्या बहकर आता है,लेकिन नहरों में आ रहे इस दूषित व केमिकल युक्त काले पानी से मनुष्य जीवन पर किस प्रकार का खतरा मंडरा रहा है इसका एहसास शायद अभी तक आम जनता को नहीं है। यही कारण है कि पिछले एक दशक से अधिक समय से आ रहे इस दूषित पानी को रोकने के लिए लोग नहीं जागे हैं। ऐसे में ईटीवी भारत की मुहिम है कि काले पानी से लोगों को आजादी दिलाई जाए,ताकि काले पानी से लोगों को बीमारियों से भी मुक्ति मिल सके।


Body:पंजाब के हरिके हेड से निकलती राजस्थान फीडर में केमिकल युक्त बायोवेस्ट दूषित जल से पानी का रंग पूरी तरह काला नजर आता है। इस नहर का पानी पंजाब के चार जिलों फिरोजपुर, फरीदकोट,मुक्तसर साहिब और फाजिल्का से राजस्थान पहुंचता है।जहां पश्चिमी राजस्थान के 8 जिलों में यह दूषित व केमिकल युक्त पानी पीने के इस्तेमाल में लिया जा रहा है। यह पानी पीने और सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन पानी की गुणवत्ता देखकर पीने के लिए इस्तेमाल करना तो दूर यह पानी खेती और पशुओं के इस्तेमाल योग्य भी नहीं लगता है। पंजाब से श्रीगंगानगर जिले में बहकर आने वाली गंग नहर में पिछले लंबे समय से आ रहे केमिकल युक्त व दूषित हेवी मेटल्स का पानी पंजाब से लेकर राजस्थान के जैसलमेर तक के एरिया में जिस तेजी से लोगों को अपने आगोश में समेट रहा है। उससे कह सकते हैं कि आने वाले समय में हालात बेकाबू होने वाले हैं। दूषित व हेवी मेटल्स युक्त इस पानी ने सबसे ज्यादा असर पंजाब के फिरोजपुर,फरीदकोट,मुक्तसर साहिब और फाजिल्का जिलों को प्रभावित किया है। इन जिलों में इस पानी से जो बीमारियां तेजी से फैली है उसमें कैंसर,काला पीलिया, महिलाओ में गॉल ब्लैडर में कैंसर व हड्डियों से संबंधित रोग लोगों में पनप रहे हैं।

पंजाब से कैंसर रोगी आते है बीकानेर इलाज करवाने।

पंजाब से लोग कैंसर का इलाज करवाने के लिए बड़ी संख्या में बीकानेर पहुंच रहे हैं। बठिंडा से बीकानेर जाने वाली इस ट्रेन में कैंसर रोगियों की संख्या इतनी अधिक होती है कि अब लोगों ने इस ट्रेन का नाम ही कैंसर ट्रेन रख दिया है। कैंसर रोग की जकड़ में आ चुके पंजाब के अधिकतर कमजोर तबके व गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोग होते हैं। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर पंजाब के अधिकतर रोगी बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में पहुंचकर अपना इलाज करवाते हैं। कमोबेस यही इस्तिथि श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के लोगो की है जो अपनी बीमारियों का इलाज करवाने के लिए या तो साहुकारों से कर्ज लेकर डॉक्टरों तक पहुचते है या फिर बीकानेर-जयपुर जैसी जगहों पर इलाज करवाने जाते है। कैंसर की बीमारी से जूझ रहे गरीब परिवार अपना इलाज करवाने के लिए कर्ज पर रुपए उधार लेकर भी अस्पतालों में जाते हैं। ऐसे में इन परिवारों के सामने एक बड़ी समस्या यह भी है कि साहूकारों से उठाया गया कर्ज़ इन लोगों से उतारा नहीं जाता है और आर्थिक तंगी से परेशान ऐसे परिवारों को फिर अपना घर जमीन भी बेचनी पड़ती है।

हैवी मेटल्स व दूषित जल से तेजी से बढ़ रही है बीमारियां।

दूषित पानी से बढ़ रही बीमारियों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। श्रीगंगानगर जिला अस्पताल के कैंसर यूनिट प्रभारी प्रमोद सिनसिनवार बताते हैं कि दूषित जल के लगातार लंबे समय तक सेवन करने से लोगों में कई तरह के घातक रोग होने की संभावना रहती हैं। ऐसे में हेवी मेटल्स युक्त पानी को लंबे समय तक इस्तेमाल किया जाए तो कैंसर जैसे घातक रोग भी हो सकते है। जिला अस्पताल में बने कैंसर रोग परामर्श एवं निदान शिविर में पिछले कुछ समय में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।जिसका एक कारण दूषित व हेवी मेटल्स युक्त पानी भी है। डॉक्टर प्रमोद सिनसिनवार बताते हैं कि पंजाब से गंगनहर में जो पानी बहकर आ रहा है उसमे आर्सेनिक,लेड व मर्करी जैसे खतरनाक धातु आ रहे हैं। ऐसे में इस पानी का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से मनुष्य भयंकर रोगों में जकड़ सकता है। जिसमें (लंग) फेफड़े का कैंसर,गॉल ब्लैडर कैंसर,आंतों की बीमारियां फैलने की संभावना रहती है.डॉक्टर प्रमोद सिनसिनवार बताते हैं कि पिछले 2 सालों की बात करें तो ऐसे रोगियों के आंकड़ों में 40% तक की बढ़ोतरी हुई है जिनमे प्रथमदृष्टया केंसर के लक्षण देखे जा सकते है। जो कि चौंकाने वाली स्थिति है.डॉक्टर सिनसिनवार बताते हैं कि श्रीगंगानगर जिले में महिलाओं में सबसे ज्यादा गॉल ब्लैडर में कैंसर के मरीज है। इनकी मानें तो नहर के किनारे पर रहने वाले लोगों में ऐसे रोगों की तादाद अधिक है। जिसका कारण यह भी है कि ये लोग नहर से सीधा रो वाटर पीने के इस्तेमाल में लेते हैं। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में नहरों से आने वाले पानी ने जिस तेजी के साथ बीमारियों को पनपाया है उससे साफ पता चलता है कि आने वाले समय में हालात बेकाबू हो सकते हैं. ऐसे में दूषित जल पर जल्दी रोक नहीं लगाई गई तो यह काला पानी यहां के लोगों को मौत के आगोस में समेट लेगा। वही दूषित पानी से हों रही भयंकर बीमारियों को देखकर लोग भी अब डरने लगे है।

बाइट : प्रमोद सिनसिनवार,केंसर रोग विशेषज्ञ
बाइट : आरजू,स्टूडेंट
बाइट : सोनिया,स्टूडेंट


Conclusion:जान का दुश्मन बनने लगा काला पानी।
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