श्रीगंगानगर. कोरोना काल में विद्यार्थी महाविद्यालयों में पढ़ने के लिए नहीं आ पा रहे हैं. ऐसे समय में विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब ना हो इसके लिए अध्यापकों ने संबंधित टॉपिक का वीडियो बनाकर यूट्यूब पर वीडियो डालने का रास्ता निकाला है. ताकि पढ़ने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब ना हो, लेकिन जिले के दूरदराज अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते गांवो में इंटरनेट रेंज नहीं होने के चलते उन विद्यार्थियों को पढ़ाई से अब भी महरूम होना पड़ रहा है.
राजकीय महाविद्यालय में अधिकतर विद्यार्थी सीमावर्ती एरिया से पढ़ने के लिए आते हैं. ऐसे में उनके गांव में इंटरनेट रेंज नहीं होने के चलते पिछले 5 माह से यह विद्यार्थी पढ़ाई से महरूम हैं.
नया सत्र शुरू होने के बाद पिछले 5 माह से पढ़ाई शुरू होने के इंतजार में बैठे विद्यार्थियों को अब कक्षाएं लगने का इंतजार है. कॉलेज प्राचार्य आर.सी.श्रीवास्तव की मानें तो सीमावर्ती क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ-साथ महंगा एंड्राइड मोबाइल खरीदना भी गरीब घरों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए मुश्किल है. अंबेडकर महाविद्यालय में अधिकतर विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश के साथ-साथ गरीब घरों से पढ़ने के लिए आते हैं.
ऐसे में इन विद्यार्थियों के सामने इस बात का भी संकट खड़ा है कि वे महंगे एंड्राइड मोबाइल कैसे खरीदें. यही कारण है कि ऐसे विद्यार्थी पढ़ाई का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. जिसके चलते उनका अध्यन अब खराब हो रहा है. हालांकि कॉलेज प्रशासन ऐसे विद्यार्थियों को पढ़ाई में परेशानी आने पर फोन पर समाधान करने की बात कह रहा हैं.
प्राचार्य की मानें तो ऐसे विद्यार्थियों को नोट्स वगैरह भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि ऐसे विद्यार्थियों को जब ग्रामीण क्षेत्र से कॉलेज में आने की अनुमति ही नहीं है तो इन्हें पढ़ाई का मटेरियल कैसे मिलेगा. वहीं, प्राचार्य बता रहे हैं कि कोरोना संकट को देखते हुए विश्वविद्यालय इस बार सिलेबस में कटौती करने की योजना बना रहा है.