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भाजपा की टिकट वितरण में क्या यें है देरी की वजह ! - election in-charge Abhishek Matoria

भारतीय जनता पार्टी की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए निकाय चुनाव के लिए टिकट का वितरण किया जाएगा. वहीं चुनाव प्रभारी अभिषेक मटोरिया ने बताया कि योग्यता रखने वाले व्यक्ति और कार्यकर्ता पर ही पार्टी दांव लगाएगी.

श्रीगंगानगर निकाय चुनाव,Sriganganagar civic election
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Published : Nov 3, 2019, 11:53 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में निकाय चुनाव के लिए टिकट वितरण पर सबकी नजरें टिकी हुई है. भाजपा के टिकट वितरण में देरी करने के पीछे पार्टी की गाइडलाइंस और मजबूत कार्यकर्ता तलाश करके नगर परिषद चुनाव जीतने की रणनीति नजर आ रही है. पार्टी टिकट वितरण से पहले लिए गए आवेदनों की जिस बारीकियों से स्क्रूटनी कर रही है, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि पार्टी टिकट वितरण के बाद कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना नहीं करना चाहती है.

पार्टी की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा टिकट का वितरण

वहीं चुनाव प्रभारी अभिषेक मटोरिया ने कार्यकर्ताओं से टिकट के लिए आवेदन लेने के दौरान साफ संकेत दिए दिया था कि पार्टी की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ही टिकट का वितरण किया जाएगा. वहीं योग्यता रखने वाले व्यक्ति और कार्यकर्ता पर ही पार्टी दांव लगाएगी. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने बहुत सारे ऐसे लंबे चौड़े मापदंड तय किए हैं. जिनको देखते हुए वार्ड पार्षद की टिकटों का वितरण किया जाएगा.

पढ़ेंः जयपुर और अजमेर से हैदराबाद जाने वाली ट्रेनों में बढ़ाए कोच

मटोरिया की मानें तो टिकट के लिए पार्टी ने इस बार बागी और अपराधियों के लिए भी विशेष कॉलम डाला है. टिकट मांगने वाले ऐसे कार्यकर्ता पर कोई केस चल रहा है ,किसी थाना में एफआईआर दर्ज है या किसी प्रकार का कोई कोर्ट में केस विचाराधीन है तो उसको देखते हुए एक कॉलम डाला गया है. जिसमें बागी, दागी और जो अपराधिक रिकॉर्ड के आवेदन आएंगे. उनके ऊपर निश्चित रूप से पार्टी ने जो नीति अपनाई है. इसके तहत ही काम करते हुए पूरी गंभीरता से निर्णय किया जाएगा.

वहीं उन्होंने बताया कि टिकट वितरण में देरी का एक बड़ा कारण कई वार्डो से आए अधिक नाम आना है. प्रत्येक वार्ड में टिकट के लिए अधिक आवेदन आने से आवेदनों की छंटनी में होने वाली देरी है. भाजपा की टिकट के लिए कई वार्डों में 15 तक आवेदन आए हैं. जिनमें एक व्यक्ति को टिकट देना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है. साथ ही पार्टी ने यह भी तय किया है कि जो जिस वार्ड का है उसी वार्ड के उम्मीदवार को आरक्षण के हिसाब से प्राथमिकता दी जाएगी. मापदंडों को देखते हुए उम्मीदवारों को पार्टी टिकट देगी.

श्रीगंगानगर. जिले में निकाय चुनाव के लिए टिकट वितरण पर सबकी नजरें टिकी हुई है. भाजपा के टिकट वितरण में देरी करने के पीछे पार्टी की गाइडलाइंस और मजबूत कार्यकर्ता तलाश करके नगर परिषद चुनाव जीतने की रणनीति नजर आ रही है. पार्टी टिकट वितरण से पहले लिए गए आवेदनों की जिस बारीकियों से स्क्रूटनी कर रही है, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि पार्टी टिकट वितरण के बाद कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना नहीं करना चाहती है.

पार्टी की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा टिकट का वितरण

वहीं चुनाव प्रभारी अभिषेक मटोरिया ने कार्यकर्ताओं से टिकट के लिए आवेदन लेने के दौरान साफ संकेत दिए दिया था कि पार्टी की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ही टिकट का वितरण किया जाएगा. वहीं योग्यता रखने वाले व्यक्ति और कार्यकर्ता पर ही पार्टी दांव लगाएगी. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने बहुत सारे ऐसे लंबे चौड़े मापदंड तय किए हैं. जिनको देखते हुए वार्ड पार्षद की टिकटों का वितरण किया जाएगा.

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मटोरिया की मानें तो टिकट के लिए पार्टी ने इस बार बागी और अपराधियों के लिए भी विशेष कॉलम डाला है. टिकट मांगने वाले ऐसे कार्यकर्ता पर कोई केस चल रहा है ,किसी थाना में एफआईआर दर्ज है या किसी प्रकार का कोई कोर्ट में केस विचाराधीन है तो उसको देखते हुए एक कॉलम डाला गया है. जिसमें बागी, दागी और जो अपराधिक रिकॉर्ड के आवेदन आएंगे. उनके ऊपर निश्चित रूप से पार्टी ने जो नीति अपनाई है. इसके तहत ही काम करते हुए पूरी गंभीरता से निर्णय किया जाएगा.

वहीं उन्होंने बताया कि टिकट वितरण में देरी का एक बड़ा कारण कई वार्डो से आए अधिक नाम आना है. प्रत्येक वार्ड में टिकट के लिए अधिक आवेदन आने से आवेदनों की छंटनी में होने वाली देरी है. भाजपा की टिकट के लिए कई वार्डों में 15 तक आवेदन आए हैं. जिनमें एक व्यक्ति को टिकट देना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है. साथ ही पार्टी ने यह भी तय किया है कि जो जिस वार्ड का है उसी वार्ड के उम्मीदवार को आरक्षण के हिसाब से प्राथमिकता दी जाएगी. मापदंडों को देखते हुए उम्मीदवारों को पार्टी टिकट देगी.

Intro:श्रीगंगानगर : निकाय चुनाव में टिकट वितरण पर सबकी नजरें टिकी हुई है.भाजपा के टिकट वितरण में देरी करने के पीछे पार्टी की गाइडलाइंस व मजबूत कार्यकर्ता तलाश करके नगर परिषद चुनाव जीतने की रणनीति नजर आ रही है.पार्टी टिकट वितरण से पहले लिए गए आवेदनों की जिस बारीकियों से स्क्रूटनी कर रही है उससे साफ जाहिर हो रहा है कि पार्टी टिकट वितरण के बाद कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना नहीं करना चाहती है. चुनाव प्रभारी अभिषेक मटोरिया ने कार्यकर्ताओ से टिकट के लिए आवेदन लेने के दौरान साफ संकेत दिए दिया था कि पार्टी की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ही टिकट का वितरण किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी ने निकाय चुनाव में टिकट वितरण करने के लिए जो गाइडलाइंस निर्धारित की है,उसमें पार्टी का कार्यकर्ता,युवा,पढ़ा-लिखा,पार्टी के प्रति दायित्व व पूर्व में पार्टी में रहे पदाधिकारी सहित तमाम प्रकार की योग्यता रखता हो। ऐसे व्यक्ति व कार्यकर्ता पर ही पार्टी दांव लगाएगी। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने बहुत सारे ऐसे लंबे चौड़े मापदंड तय किए हैं जिनको देखते हुए वार्ड पार्षद की टिकटों का वितरण किया जाएगा।


Body:चुनाव प्रभारी अभिषेक मटोरिया की मानें तो टिकट के लिए पार्टी ने इस बार बागी और अपराधियों के लिए भी विशेष कॉलम डाला है।टिकट मांगने वाले ऐसे कार्यकर्ता पर कोई केस चल रहा है ,किसी थाना में एफआईआर दर्ज है या किसी प्रकार का कोई कोर्ट में केस विचाराधीन है तो उसको देखते हुए एक कॉलम डाला गया है।बागी,दागी और जो अपराधिक रिकॉर्ड के आवेदन आएंगे उनके ऊपर निश्चित रूप से पार्टी ने जो नीति अपनाई है इसके तहत ही काम करते हुए पूरी गंभीरता से निर्णय किया जाएगा। चुनाव प्रभारी अभिषेक मटोरिया ने बताया कि टिकट वितरण में देरी का एक बड़ा कारण कई वार्डो से आए अधिक नाम आना है। प्रत्येक वार्ड में टिकट के लिए अधिक आवेदन आने से आवेदनों की छंटनी में होने वाली देरी है। भाजपा की टिकट के लिए कई वार्डों में 15 तक आवेदन आए हैं। जिनमें एक व्यक्ति को टिकट देना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है।पार्टी चुनाव प्रभारी कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के प्रति उत्साह दिखाता है कि टिकट मांगने वालों की संख्या नगर परिषद चुनाव में काफी अधिक है। वहीं अभिषेक मटोरिया ने कहा कि पार्टी ने यह भी तय किया है कि जो जिस वार्ड का है उसी वार्ड के उम्मीदवार को आरक्षण के हिसाब से प्राथमिकता दी जाएगी। मापदंडों को देखते हुए उम्मीदवारों को पार्टी टिकट देगी।पार्टी के आवेदन पत्र में सभी चीजें मेंशन करके प्रदेश की स्क्रीनिंग कमेटी तीन लेवल पर जांच करने के बाद टिकट का वितरण तय करेगी। वहीं भाजपा की टिकट मांगने वालों में युवाओं की संख्या अधिक है। युवाओं को पार्टी से काफी उम्मीद नजर आ रही है।उनकी मानें तो पार्टी उन्हें टिकट देगी क्योंकि पार्टी को जिताऊ कैंडिडेट चाहिए। भाजपा में रुचि रखने वाले व आवेदन करने वाले विकेश सेतिया कहते हैं कि पार्टी की रीति नीति में उनका विश्वास है और 20 सालों से पार्टी की सेवा की है। ऐसे में फिर भी पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वह वार्ड के लोगों से चर्चा करके चुनाव लड़ने का निर्णय करेगें। मतलब साफ है कि पार्टी ने अगर टिकट काटी तो निष्ठावान कार्यकर्ता भी बागी होकर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में पार्टी की मुश्किलें बढ़ना स्वाभाविक है।

बाइट : अभिषेक मटोरिया,पूर्व विधायक व भाजपा चुनाव प्रभारी।

बाइट : विकेश सेतिया,भाजपा कार्यकर्ता व टिकट आवेदन कर्ता।


Conclusion:भाजपा के टिकट वितरण में देरी क्यों।
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