श्रीगंगानगर. जिले में निकाय चुनाव के लिए टिकट वितरण पर सबकी नजरें टिकी हुई है. भाजपा के टिकट वितरण में देरी करने के पीछे पार्टी की गाइडलाइंस और मजबूत कार्यकर्ता तलाश करके नगर परिषद चुनाव जीतने की रणनीति नजर आ रही है. पार्टी टिकट वितरण से पहले लिए गए आवेदनों की जिस बारीकियों से स्क्रूटनी कर रही है, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि पार्टी टिकट वितरण के बाद कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना नहीं करना चाहती है.
वहीं चुनाव प्रभारी अभिषेक मटोरिया ने कार्यकर्ताओं से टिकट के लिए आवेदन लेने के दौरान साफ संकेत दिए दिया था कि पार्टी की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ही टिकट का वितरण किया जाएगा. वहीं योग्यता रखने वाले व्यक्ति और कार्यकर्ता पर ही पार्टी दांव लगाएगी. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने बहुत सारे ऐसे लंबे चौड़े मापदंड तय किए हैं. जिनको देखते हुए वार्ड पार्षद की टिकटों का वितरण किया जाएगा.
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मटोरिया की मानें तो टिकट के लिए पार्टी ने इस बार बागी और अपराधियों के लिए भी विशेष कॉलम डाला है. टिकट मांगने वाले ऐसे कार्यकर्ता पर कोई केस चल रहा है ,किसी थाना में एफआईआर दर्ज है या किसी प्रकार का कोई कोर्ट में केस विचाराधीन है तो उसको देखते हुए एक कॉलम डाला गया है. जिसमें बागी, दागी और जो अपराधिक रिकॉर्ड के आवेदन आएंगे. उनके ऊपर निश्चित रूप से पार्टी ने जो नीति अपनाई है. इसके तहत ही काम करते हुए पूरी गंभीरता से निर्णय किया जाएगा.
वहीं उन्होंने बताया कि टिकट वितरण में देरी का एक बड़ा कारण कई वार्डो से आए अधिक नाम आना है. प्रत्येक वार्ड में टिकट के लिए अधिक आवेदन आने से आवेदनों की छंटनी में होने वाली देरी है. भाजपा की टिकट के लिए कई वार्डों में 15 तक आवेदन आए हैं. जिनमें एक व्यक्ति को टिकट देना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है. साथ ही पार्टी ने यह भी तय किया है कि जो जिस वार्ड का है उसी वार्ड के उम्मीदवार को आरक्षण के हिसाब से प्राथमिकता दी जाएगी. मापदंडों को देखते हुए उम्मीदवारों को पार्टी टिकट देगी.