श्रीगंगानगर. जिले में भारत-पाक सीमा पर स्थित दो एफसी मूकन गांव में सरपंच के घर सीमा पार से एक सफेद कबूतर आने के बाद सुरक्षा एजेन्सियों में एकबारगी हड़कंप मच गया. ग्रामीणों ने कबूतर को पकड़कर बीएसएफ के हवाले किया है. कबूतर की पंखों पर उर्दू भाषा में कुछ लिखा हुआ था. जिससे कबूतर के सीमा पार पाकिस्तान से आने का अंदेशा लगाया जा रहा है.
हालांकि, बीएसएफ अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच पड़ताल में इस कबूतर के पालतू होने की संभावना जताई है. माना जा रहा है कि अधिक गर्मी में रास्ता भटक कर कबूतर सीमा पार कर भारत आ गया था. हालांकि यहां पकड़े जाने के करीब 2 घंटे बाद ही उस कबूतर की मौत हो गई. सरपंच के घर पहुंचा कबूतर गर्मी से बेहाल था. कबूतर ने यहां पानी नहीं पिया था. बाद में बीएसएफ जवानों के प्रयास के बावजूद कबूतर दाना-पानी नहीं खा रहा था. बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार बाद में उस कबूतर की मौत हो गई.
जांच क्यों जरूरी
सीमा पार से आए कबूतर की जांच पड़ताल इसलिए भी जरूरी थी, क्योंकि जासूसी के लिए ड्रोन, कुत्ता, बंदर, बाज, कबूतर आदि का भी उपयोग किया जाता है. पक्षियों के पैरों में या पंखों में कैमरे व उसमें कंप्यूटर चिप से जासूसी की जा सकती है. ऐसे में इस कबूतर को भी संदेह की दृष्टि से देखा गया. उसकी पूरी तरह से जांच की गई. करनपुर व रावला सहित कई जगह ऐसी घटनाएं हो चुकी है.
पंखों पर लगा था गुलाबी रंग
शुक्रवार को भी सफेद कबूतर के पंखों पर उर्दू भाषा में कुछ लिखा हुआ देखा तो उन्हें संदेह हुआ. पंख पीछे से गुलाबी रंग से रंगे हुए थे. पंखों पर उर्दू में कुछ शब्दों के साथ संख्या भी अंकित थी. सरपंच परिजनों ने तत्काल पुलिस व बीएसएफ अधिकारियों को सूचना दी. कबूतर को ठंडी हवा में दाना-पानी देने का प्रयास किया गया, लेकिन उसने कुछ नहीं खाया. इस बीच यह कबूतर बीएसएफ अधिकारियों के हवाले कर दिया गया. बीएसएफ अधिकारियों ने कबूतर की बारीकी से जांच की तो उसके पंखों पर उर्दू में कुछ लिखे होने के अलावा कुछ भी नहीं मिला है.