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5 महीने पहले ही बनी कांग्रेस सरकार से वोटर्स का हुआ मोह भंग, श्रीगंगानगर लोकसभा सीट के आंकड़ों से समझें

श्रीगंगानगर में 5 महीने पहले विधानसभा चुनाव में 2,18,000 मतों के अंतर से श्रीगंगानगर संसदीय क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में 3 पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस से, 5 महीने बाद ही जनता का मोहभंग हो गया है. विधानसभा आंकड़ों से इसे आसानी से समझा जा सकता है.

श्रीगंगानगर सीट के चुनावी आंकड़े
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Published : May 26, 2019, 11:28 PM IST

श्रीगंगानगर. 5 महीने पहले विधानसभा चुनाव में 2,18,000 मतों के अंतर से श्रीगंगानगर संसदीय क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में 3 पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस से 5 महीने बाद ही जनता का मोहभंग हो गया है. विधानसभा चुनाव में बागी होकर दमखम का एहसास करवाने वाले नेता भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नहीं जीता पाए.

विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर 5 लाख 82 हजार मत हासिल करने वाली कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में वोट बैंक में 92 हजार 640 मतों का नुकसान हुआ है. कांग्रेस का दामन थामने वाले बागियों के मतों को मिला लें तो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने, कांग्रेस के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई है. कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 3 लाख 13 हजार मतों का नुकसान हुआ है.

श्रीगंगानगर सीट के चुनावी आंकड़े

हालात यह रहे कि पार्टी के 3 विधायकों के अलावा समर्थन करने वाले चौथे निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ के क्षेत्र में भी कांग्रेस बुरी तरह हार गई. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मतों के आंकड़ों को देखें तो श्रीगंगानगर लोकसभा सीट की 6 सीटों गंगानगर, करणपुर, सादुलशहर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़ और कांग्रेसी प्रत्याशी भरतराम मेघवाल के गृह क्षेत्र पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को ज्यादा नुकसान हुआ है.

विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर कांग्रेसी उम्मीदवारों को 5,82,839 मत मिले थे. वहीं कांग्रेस के चार बागियों को 1,65,525 वोट मिले थे. जिन्होंने बाद में कांग्रेस को समर्थन दिया था. सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर 55,540 मत लेने वाले डूंगरराम गेदर भी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इससे कांग्रेस के जीते, हारे, बागियों व बसपा छोड़कर आए गेदर सहित 8 लाख 3 हजार मत लेने वाले नेता कांग्रेस के साथ थे. इसके विपरीत लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार भरतराम मेघवाल को 4 लाख 90199 मत ही मिले. वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 8 लाख 97,177 मत मिले. इस तरह भाजपा को लोकसभा चुनाव में 3 लाख 14 हजार मतों का फायदा हुआ है.

  • हनुमानगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के पदाधिकारी निष्क्रिय ही रहे. यहां 1 लाख 11,207 मत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले तो वहीं 77300 लोकसभा चुनाव में मिल पाए. ऐसे में यहां से कांग्रेस को 33,907 मतों का नुकसान हुआ. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कम मत मिलने के कई कारण रहे.जिसमें से कांग्रेस के पदाधिकारी निष्क्रिय रहे.
  • करणपुर विधानसभा से गुरमीत सिंह कुन्नर व पृथ्वी पाल संधू में खींचतान रहने के चलते कांग्रेस को यहां 1 लाख 19,416 मत विधानसभा चुनाव में मिले तो वहीं 56,952 मत ही लोकसभा चुनाव में मिल पाए. इस प्रकार यहां कांग्रेस को 62,464 मत का नुकसान हुआ. सन्धू की कांग्रेस में वापसी के बाद भी दोनों नेताओं में खींचतान बरकरार रही जिसका फायदा भाजपा को मिला.
  • रायसिंहनगर विधानसभा भाजपा प्रत्याशी का गृह क्षेत्र है. यहां कांग्रेस को 69,528 मत विधानसभा चुनाव में मिले तो वही 68,735 मत लोकसभा चुनाव में मिले हैं. यहां भी कांग्रेस को 793 मतों का नुकसान ही हुआ है.
  • सादुलशहर विधानसभा में कांग्रेस को 1,09,937 मत विधानसभा चुनाव में मिले थे जबकि 58,982 मत लोकसभा चुनाव में मिले हैं. यहां कांग्रेस को 50,955 मतों का नुकसान हुआ. यहां विधायक जगदीश जांगिड़, बागी नेता ओम बिश्नोई और डीसी अध्यक्ष संतोष सहारण के अलग रास्ते रहे. विधानसभा चुनाव में हुए बगावत को लेकर प्रत्याशी भरत राम से कुछ पदाधिकारियों ने सवाल जवाब भी किए थे.
  • सूरतगढ़ विधानसभा में 1 लाख 14,340 मत विधानसभा चुनाव में 54,030 मत लोकसभा चुनाव में मिले है. यहां भी कांग्रेस को 60,310 मतों का नुकसान हुआ. यहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा भी कांग्रेस को बढ़त नहीं दिलवा सकी.
  • संगरिया विधानसभा में कांग्रेस में सक्रियता का अभाव रहा. यहां 92,526 मत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले. जबकि 55,963 लोकसभा चुनाव में मिले. इस प्रकार 36,563 मतों का नुकसान रहा.
  • पीलीबंगा विधानसभा मे कांग्रेस प्रत्याशी का अंदरूनी विरोध रहा. यहां 1 लाख 6136 मत विधानसभा चुनाव में मिले तो 70,700 मत लोकसभा चुनाव में मिले. इस प्रकार 35,436 मतों का नुकसान कांग्रेस को पीलीबंगा विधानसभा में हुआ. भरतराम मेघवाल के गृह क्षेत्र में उनका अंदरूनी विरोध होने से यह नुकसान हुआ.

श्रीगंगानगर. 5 महीने पहले विधानसभा चुनाव में 2,18,000 मतों के अंतर से श्रीगंगानगर संसदीय क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में 3 पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस से 5 महीने बाद ही जनता का मोहभंग हो गया है. विधानसभा चुनाव में बागी होकर दमखम का एहसास करवाने वाले नेता भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नहीं जीता पाए.

विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर 5 लाख 82 हजार मत हासिल करने वाली कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में वोट बैंक में 92 हजार 640 मतों का नुकसान हुआ है. कांग्रेस का दामन थामने वाले बागियों के मतों को मिला लें तो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने, कांग्रेस के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई है. कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 3 लाख 13 हजार मतों का नुकसान हुआ है.

श्रीगंगानगर सीट के चुनावी आंकड़े

हालात यह रहे कि पार्टी के 3 विधायकों के अलावा समर्थन करने वाले चौथे निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ के क्षेत्र में भी कांग्रेस बुरी तरह हार गई. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मतों के आंकड़ों को देखें तो श्रीगंगानगर लोकसभा सीट की 6 सीटों गंगानगर, करणपुर, सादुलशहर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़ और कांग्रेसी प्रत्याशी भरतराम मेघवाल के गृह क्षेत्र पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को ज्यादा नुकसान हुआ है.

विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर कांग्रेसी उम्मीदवारों को 5,82,839 मत मिले थे. वहीं कांग्रेस के चार बागियों को 1,65,525 वोट मिले थे. जिन्होंने बाद में कांग्रेस को समर्थन दिया था. सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर 55,540 मत लेने वाले डूंगरराम गेदर भी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इससे कांग्रेस के जीते, हारे, बागियों व बसपा छोड़कर आए गेदर सहित 8 लाख 3 हजार मत लेने वाले नेता कांग्रेस के साथ थे. इसके विपरीत लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार भरतराम मेघवाल को 4 लाख 90199 मत ही मिले. वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को 8 लाख 97,177 मत मिले. इस तरह भाजपा को लोकसभा चुनाव में 3 लाख 14 हजार मतों का फायदा हुआ है.

  • हनुमानगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के पदाधिकारी निष्क्रिय ही रहे. यहां 1 लाख 11,207 मत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले तो वहीं 77300 लोकसभा चुनाव में मिल पाए. ऐसे में यहां से कांग्रेस को 33,907 मतों का नुकसान हुआ. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कम मत मिलने के कई कारण रहे.जिसमें से कांग्रेस के पदाधिकारी निष्क्रिय रहे.
  • करणपुर विधानसभा से गुरमीत सिंह कुन्नर व पृथ्वी पाल संधू में खींचतान रहने के चलते कांग्रेस को यहां 1 लाख 19,416 मत विधानसभा चुनाव में मिले तो वहीं 56,952 मत ही लोकसभा चुनाव में मिल पाए. इस प्रकार यहां कांग्रेस को 62,464 मत का नुकसान हुआ. सन्धू की कांग्रेस में वापसी के बाद भी दोनों नेताओं में खींचतान बरकरार रही जिसका फायदा भाजपा को मिला.
  • रायसिंहनगर विधानसभा भाजपा प्रत्याशी का गृह क्षेत्र है. यहां कांग्रेस को 69,528 मत विधानसभा चुनाव में मिले तो वही 68,735 मत लोकसभा चुनाव में मिले हैं. यहां भी कांग्रेस को 793 मतों का नुकसान ही हुआ है.
  • सादुलशहर विधानसभा में कांग्रेस को 1,09,937 मत विधानसभा चुनाव में मिले थे जबकि 58,982 मत लोकसभा चुनाव में मिले हैं. यहां कांग्रेस को 50,955 मतों का नुकसान हुआ. यहां विधायक जगदीश जांगिड़, बागी नेता ओम बिश्नोई और डीसी अध्यक्ष संतोष सहारण के अलग रास्ते रहे. विधानसभा चुनाव में हुए बगावत को लेकर प्रत्याशी भरत राम से कुछ पदाधिकारियों ने सवाल जवाब भी किए थे.
  • सूरतगढ़ विधानसभा में 1 लाख 14,340 मत विधानसभा चुनाव में 54,030 मत लोकसभा चुनाव में मिले है. यहां भी कांग्रेस को 60,310 मतों का नुकसान हुआ. यहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा भी कांग्रेस को बढ़त नहीं दिलवा सकी.
  • संगरिया विधानसभा में कांग्रेस में सक्रियता का अभाव रहा. यहां 92,526 मत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले. जबकि 55,963 लोकसभा चुनाव में मिले. इस प्रकार 36,563 मतों का नुकसान रहा.
  • पीलीबंगा विधानसभा मे कांग्रेस प्रत्याशी का अंदरूनी विरोध रहा. यहां 1 लाख 6136 मत विधानसभा चुनाव में मिले तो 70,700 मत लोकसभा चुनाव में मिले. इस प्रकार 35,436 मतों का नुकसान कांग्रेस को पीलीबंगा विधानसभा में हुआ. भरतराम मेघवाल के गृह क्षेत्र में उनका अंदरूनी विरोध होने से यह नुकसान हुआ.
Intro:5 महीने पहले विधानसभा चुनाव में 218000 मतों के अंतर से श्रीगंगानगर संसदीय क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में 3 पर जीत दर्ज करवाने वाली कांग्रेस से 5 महीने बाद ही जनता का मोहभंग हो गया विधानसभा चुनाव में बागी होकर अच्छे वोट जुटा कर दमखम का एहसास करवाने वाले नेता भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जीता नहीं पाए। विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर पांच लाख 82 हजार मत हासिल करने वाली कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में खुद के वोट बैंक में 92 हजार 640 मतों का नुकसान हुआ है।


Body:कांग्रेस का दामन थामने वाली बागियों के मतों को मिला लें तो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई है। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 3 लाख 13000 मतों का नुकसान हुआ है। हालात यह रहे कि पार्टी के 3 विधायकों के अलावा समर्थन करने वाले चौथे निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ के क्षेत्र में भी कांग्रेस बुरी तरह हार गई। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मतों के आंकड़ों को देखें तो श्रीगंगानगर जिले की 6 सीटों गंगानगर ,करणपुर ,सादुलशहर ,सूरतगढ़ हनुमानगढ़ और कांग्रेसी प्रत्याशी भरतराम मेघवाल के गृह क्षेत्र पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को ज्यादा नुकसान हुआ है।

निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ व विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे अशोक चांडक में लंबे समय तक तालमेल का अभाव रहा। गॉड व चांड़क के बीच लोकसभा चुनाव से थोड़ी दिन पहले ही समझौता हुआ,लेकिन प्रचार में दोनों ही नेता कहीं दिखाई नहीं दिए। विधानसभा चुनाव में 8 सीटों पर कांग्रेसी उम्मीदवारों को 582839 मत मिले थे वहीं कांग्रेस के चार बागियों को 165525 वोट मिले थे जिन्होंने कांग्रेस को समर्थन दिया था।

सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर 55540 मत लेने वाले डूंगरराम गेदर भी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इससे कांग्रेस के जीते,हारे, बागियों व बसपा छोड़कर आए गेदर सहित 8 लाख 3 हजार मत लेने वाले नेता कांग्रेस के साथ थे। इसके विपरीत लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार भरतराम मेघवाल को 4 लाख 90199 मत ही मिले। वहीं भाजपा उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव में 5 लाख 83000 वोट मिले थे जो लोकसभा चुनाव में बढकर 8 लाख 97177 मत हो गये। इस तरह भाजपा को लोकसभा चुनाव में 3 लाख 14000 मतों का फायदा हुआ है।

हनुमानगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के पदाधिकारी निष्क्रिय ही रहे यहां 111207 मत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले तो वही 77300 लोकसभा चुनाव में मिल पाए। ऐसे में यहां से कांग्रेस को 33907 मतों का नुकसान हुआ। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कम मत मिलने के कई कारण रहे।जिसमें से कांग्रेस के पदाधिकारी निष्क्रिय रहे, इनकी फिल्ड में ज्यादा मौजूदगी नहीं देखी गई। वहीं भाजपा के पदाधिकारी मोदी लहर की वजह से ज्यादा सक्रिय रहे इसका फायदा भाजपा के लिए बढ़त और कांग्रेस के लिए घटत दिलाने वाला साबित हुआ।

करणपुर विधानसभा से गुरमीत सिंह कुन्नर व पृथ्वी पाल संधू में खींचतान रहने के चलते कांग्रेस को यहां 119416 मत विधानसभा चुनाव में मिले तो वही 56952 मत ही लोकसभा चुनाव में मिल पाए। इस प्रकार यहां कांग्रेस को 62464 मत का नुकसान हुआ। नुकसान का कारण यहा कांग्रेस विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर व बागी होकर दूसरे स्थान पर रहे पृथ्वीपाल संधू के बीच दूरियां कम नहीं हुई। सन्धू की कांग्रेस में वापसी के बाद भी दोनों नेताओं में खींचतान बरकरार रही जिसका फायदा भाजपा को मिला।

रायसिंहनगर विधानसभा भाजपा प्रत्याशी का गृह क्षेत्र है।यहा कांग्रेस को 69528 मत विधानसभा चुनाव में मिले तो वही 68735 मत लोकसभा चुनाव में मिले हैं। यहां भी कांग्रेस को 793 मतों का नुकसान हुआ ही हुआ है। भाजपा प्रत्याशी निहालचंद का गृह क्षेत्र होने की वजह से कांग्रेस को यहां बढ़त नहीं मिली। यहां भी कांग्रेस से विधानसभा चुनाव में सोना देवी बावरी प्रत्याशी रही थी और बागी रहे सोहन नायक के बीच तालमेल का भाव रहा। इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ा।

सादुलशहर विधानसभा में कांग्रेस को 109937 मत विधानसभा चुनाव में मिले थे जबकि 58982 मत लोकसभा चुनाव में मिले हैं। यहां कांग्रेश को 50955 मतों का नुकसान हुआ। यहां विधायक जगदीश जांगिड़,बागी नेता ओम बिश्नोई और डीसी अध्यक्ष संतोष सहारण के अलग रास्ते रहे। विधानसभा चुनाव में हुए बगावत को लेकर प्रत्याशी भरत राम से कुछ पदाधिकारियों ने सवाल जवाब भी किए थे।

सूरतगढ़ विधानसभा में 114340 मत विधानसभा चुनाव में 54030 मत लोकसभा चुनाव में मिले हैं। यहां भी कांग्रेस को 60310 मतों का नुकसान हुआ। विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा था। लोकसभा चुनाव में भाजपा ज्यादा सक्रिय रही इससे यहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा भी बढत नहीं दिलवा सकी। कांग्रेसी भी एकजुट नहीं हो पाए।

संगरिया विधानसभा में कांग्रेस में सक्रियता का अभाव रहा। यहां 92526 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले। जबकि 55963 लोकसभा चुनाव में मिले।36563मतो का नुक्सान रहा। विधानसभा चुनाव में हार के बाद यहां कांग्रेसी सक्रिय नही रही। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट के दावेदार भी ज्यादा सक्रिय नही रहे। यहां भाजपा ज्यादा सक्रिय रही। जिससे कांग्रेस को बढ़त मिली.हालांकि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष का संगरिया विधानसभा गृह क्षेत्र भी है.



पीलीबंगा विधानसभा मे कांग्रेस प्रत्याशी का अन्दरूनी विरोध रहा। यहां 106136 मत विधानसभा चुनाव में मिले तो 70700 मत लोकसभा चुनाव में मिले। 35436 मतों का नुकसान कांग्रेस को पीलीबंगा विधानसभा में हुआ। भरतराम मेघवाल के गृह क्षेत्र में उनका अंदरूनी विरोध होने से यह नुकसान हुआ। यहां टिकट के अन्य दावेदार व विधानसभा चुनाव लड़े कांग्रेसी नेता विनोद गोठवाल भी भरतराम मेघवाल के साथ पटरी नहीं बिठा सकें। गोठवाल के चुनाव के दौरान भरतराम मेघवाल के समर्थकों ने सहयोग नहीं किया था।


Conclusion:सभी 8 विधानसभाओं में कांग्रेस को हुआ नुकसान।
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