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पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को सुनाई 2 साल कठोर कारावास की सजा

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Published : Aug 19, 2023, 6:51 PM IST

श्रीगंगानगर जिले में पॉक्सो कोर्ट ने छेड़छाड़ और दुष्कर्म के (attempting to rape a minor) प्रयास के मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए 2 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

POCSO court sentenced,  sentenced 2 years rigorous imprisonment
आरोपी को सुनाई 2 साल कठोर कारावास की सजा.

श्रीगंगानगर. जिले में नाबालिग से छेड़छाड़ और दुष्कर्म करने का प्रयास करने वाले आरोपी को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी मानते हुए 2 साल के कठोर कारावास से दंडित किया है. साथ ही आरोपी पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने की सूरत में दोषी को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. यह फैसला पॉक्सो कोर्ट संख्या एक के विशिष्ट न्यायाधीश सुरेंद्र खरे ने सुनाया.

विशिष्ट लोक अभियोजक गुरचरण सिंह रुपाणा के अनुसार घड़साना थाना पुलिस ने पीड़िता की ओर से अदालत में दायर किए गए इस्तगासे के आधार पर 9 अप्रैल 2015 को सुखबीर सिंह और ओंकार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. पीड़िता ने बताया कि 22 अप्रैल 2015 की रात्रि करीब 9:30 बजे वह और उसकी मां घर में अकेली थी. साथ ही उसका पिता होटल में काम करने के लिए गया हुआ था. इसी बीच आरोपियों ने उसके घर का दरवाजा खटखटाया. जब दरवाज खोला तो आरोपियों ने उसके साथ छेड़छाड़ की और दुष्कर्म करने की नीयत से सुखबीर सिंह के घर ले जाने लगे.

पढ़ेंः नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में परिवार सहित गवाह मुकरे, पीड़िता के बयान पर आरोपी को 20 साल का कारावास

पीड़िता ने शोर मचाया तो शोर सुनकर उसकी मां और पड़ोसी आ गए. इस पर आरोपी उसको छोड़ कर भाग गए. पुलिस ने इस्तगासा के आधार पर मुकदमा दर्ज किया, इसके बाद पीड़िता के धारा 164 के तहत बयान भी करवाए गए. जांच पड़ताल में पुलिस ने सुखबीर सिंह को दोषी मानते हुए उसको गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ-साथ अदालत में चालान भी पेश कर दिया. अदालत में 10 गवाह पेश किए गए. सबूतों और दस्तावेजों को ध्यान में रखकर अदालत ने सुखबीर सिंह को दोषी माना और उसको 2 साल के कठोर कारावास से दंडित किया. साथ ही 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

श्रीगंगानगर. जिले में नाबालिग से छेड़छाड़ और दुष्कर्म करने का प्रयास करने वाले आरोपी को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी मानते हुए 2 साल के कठोर कारावास से दंडित किया है. साथ ही आरोपी पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने की सूरत में दोषी को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. यह फैसला पॉक्सो कोर्ट संख्या एक के विशिष्ट न्यायाधीश सुरेंद्र खरे ने सुनाया.

विशिष्ट लोक अभियोजक गुरचरण सिंह रुपाणा के अनुसार घड़साना थाना पुलिस ने पीड़िता की ओर से अदालत में दायर किए गए इस्तगासे के आधार पर 9 अप्रैल 2015 को सुखबीर सिंह और ओंकार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. पीड़िता ने बताया कि 22 अप्रैल 2015 की रात्रि करीब 9:30 बजे वह और उसकी मां घर में अकेली थी. साथ ही उसका पिता होटल में काम करने के लिए गया हुआ था. इसी बीच आरोपियों ने उसके घर का दरवाजा खटखटाया. जब दरवाज खोला तो आरोपियों ने उसके साथ छेड़छाड़ की और दुष्कर्म करने की नीयत से सुखबीर सिंह के घर ले जाने लगे.

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पीड़िता ने शोर मचाया तो शोर सुनकर उसकी मां और पड़ोसी आ गए. इस पर आरोपी उसको छोड़ कर भाग गए. पुलिस ने इस्तगासा के आधार पर मुकदमा दर्ज किया, इसके बाद पीड़िता के धारा 164 के तहत बयान भी करवाए गए. जांच पड़ताल में पुलिस ने सुखबीर सिंह को दोषी मानते हुए उसको गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ-साथ अदालत में चालान भी पेश कर दिया. अदालत में 10 गवाह पेश किए गए. सबूतों और दस्तावेजों को ध्यान में रखकर अदालत ने सुखबीर सिंह को दोषी माना और उसको 2 साल के कठोर कारावास से दंडित किया. साथ ही 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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