श्रीगंगानगर. जिले में बुधवार को शाम को चुनाव प्रचार थमने से पहले निकाय चुनाव के लिए प्रचार चरम पर रहा. वहीं वार्ड में मतदाता पार्षद चुनने का अपने-अपने तरीके से मन बना चुके हैं. वहीं वार्ड 28 की बात करें, तो यहां पर चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. लेकिन, एक निर्दलीय बाकि सभी दलों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है.
वार्ड 28 में भाजपा को बगावत का डर है, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी का जनाधार कम होने से यहां निर्दलीय भारी पड़ता नजर आ रहा है. वार्ड के लोग भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रही मैना देवी के पक्ष में खुलकर खड़े हैं, तो वहीं भाजपा प्रत्याशी बाहरी होने के कारण लोगो में पार्टी के प्रति गुस्सा है.
वार्ड में जहां तक विकास कार्यों की बात करें, तो यहां पिछले 5 सालों में सड़के, पार्क, नालियां और वार्ड में कच्ची बस्तियों में घरों के पट्टे सहित कई अटके हुए हैं. हालांकि, सीवरेज से सम्बंधित कार्य अभी भी प्रगति पर है, जिससे बनी-बनाई सड़के भी तोड़ी जा रही हैं.
बता दें कि वार्ड़ों के विभाजन के पूर्व यह क्षेत्र वार्ड न. 19 में आता है, लेकिन, इस बार वार्ड 28 में हुआ है. क्षेत्र में करीब 2,544 मतदाता हैं, वहीं वार्ड में कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के लिए लोगों नाराजगी साफ नजर आ रही है. जिसका एक बड़ा कारण पार्टियों द्वारा गलत टिकट वितरण करना भी है.
वार्ड के लोगों का साफ कहना है कि पार्टियों ने मतदाताओं की भावनाओं का ख्याल ना करते हुए अपनी मर्जी से टिकट वितरण की है, ऐसे में मतदाता भी अपनी मर्जी से इस बार वोट डालकर पार्टियों के फैसले को स्वीकार नही करेंगे.
भाजपा से पार्षद रहे रामस्वरूप का कहना है कि उसने पांच साल के कार्यकाल में वार्ड में विकास के काफी कार्य करवाये हैं. जिसका फायदा भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रही उनकी पत्नी मैना देवी को मिलेगा. वहीं मैना देवी वार्ड में लोगों से वादा कर रही हैं, कि जो काम बाकी है उन्हें इस कार्यकाल में पूरे करवाएंगी.
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी की माने तो वार्ड में सड़कों का अच्छा कार्य हुआ है लेकिन, नालियां नहीं बनने से घरों के पानी निकासी की अब भी दिक्कत है. बहरहाल वार्ड 28 में निर्दलीय प्रत्याशी ने दोनों ही पार्टियों को कमजोर करने का काम किया है. ऐसे में देखना है कि चुनाव परिणाम किस पार्टी या निर्दलीय के पक्ष में जाते हैं.