श्रीगंगानगर. जिले के मनरेगा में मजदूरी का भुगतान को लेकर भले ही सरकार लाख दावे करें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. वहीं मनरेगा में मजदूरी व पूरा भुगतान नहीं होने से परेशान मनरेगा मजदूर अब अधिकारियों की चौखट पर गुहार लगाने लगे हैं. इसी क्रम में श्रीगंगानगर जिले के साहूवाला ग्राम पंचायत के मनरेगा श्रमिकों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
इसी के साथ मनरेगा में पूरी मजदूरी दिलाने, मजदूरी कार्य बढ़ाने व भुगतान पूरा कराने की मांग ज्ञापन में की गई है. जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने आए मनरेगा श्रमिकों ने बताया कि ग्राम पंचायत में मनरेगा मजदूरी 90 से लेकर 128 तक आई है, जो बहुत कम है. जबकि राज्य सरकार ने मजदूरी 220 प्रतिदिन का नियम बनाया है.
इसके साथ-साथ मनरेगा श्रमिकों को काम भी ग्राम पंचायत की तरफ से नाम मात्र का दिया जा रहा है. ऐसे में श्रमिकों को खाने के लाले पड़ने लगे हैं. वहीं श्रमिकों ने कहा कि कार्यस्थल पर पानी व दूसरी प्रकार की व्यवस्था नहीं है. श्रमिकों ने बताया कि कार्यस्थल पर 15×50 फीट का टास्क दिया जाता है.
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जिसको पूरा करने के बाद भी मनरेगा श्रमिकों को उनका भुगतान पूरा नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मनरेगा में कार्य का भुगतान 90 से लेकर 128 तक आए हैं. जबकि श्रमिकों ने कार्य पूरा किया था. बता दें कि श्रमिकों में बड़ी संख्या में महिलाओं ने जिला कलेक्टर को बताया कि उनके परिवार का गुजारा मनरेगा में मजदूरी मिलने से ही चल रहा है.
ऐसे में मनरेगा में मजदूरी कार्य कम मिलने व मजदूरी भुगतान पूरा नहीं मिलने से श्रमिकों का घर चलाना मुश्किल हो गया है. उधर मनरेगा श्रमिकों को पूरा काम, पूरा दाम देने के सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. ऐसे में मनरेगा श्रमिकों ने ज्ञापन देकर मनरेगा में चल रही व्यवस्थाओं को सुधार कर श्रमिकों को राहत देने की बात कही है.