श्रीगंगानगर. टिड्डियों ने जिले भर के किसानों की नींद उड़ा रखी है. एक तरफ टिड्डी दल के हमले से जहां किसान लगातार परेशान हैं. वहीं, दूसरी ओर कृषि विभाग अब तक हुए नुकसान को ज्यादा ना के बराबर बता रहा है. पाकिस्तान सहित अन्य पश्चिमी देशों की तरफ से आ रही टिड्डियां प्रजनन अवस्था में नहीं पहुंची हैं. लेकिन कुछ अधिकारियों का मानना है कि इस समय आ रही टिड्डियां अंडे पैदा करने में उपयुक्त है, लेकिन तापमान आड़े आ रहा है.
इसी बीच गुरुवार को भी पाकिस्तान की तरफ से श्रीकरणपुर के तरफ की टेलो और एफसी के चको धरिगावाली, गजसिंहपुर, पदमपुर मार्ग पर 7DD, 29, 30 BB, राय सिंह नगर के लिखमें वाला, खाटा, सादुलशहर के BNWU की टेलो के चको, किकरचक, रोटावाली, मंडी 365,घड़साना के 18 GD सहित अन्य जगहों में टिड्डियों के सघन दल देखने को मिले है. इसके अलावा पंजाब के गुमजाल, कलरखेड़ा, उस्मान खेड़ा, भंगरखेड़ा, पन्नीवाला तक टिड्डियां फैल गई है.
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जिले में केंद्रीय टिड्डी मंडल और कृषि विभाग की टीम किसानों के सहयोग से दवा का छिड़काव कर रही है. टिड्डी की उम्र 100 से 120 दिन होती है, इसमें यह कई देशों में तबाही मचा सकती है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गठित फूड एवं एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन संबंधित देशों को दवा उपलब्ध करवाने के अलावा सूचना और चेतावनी जारी करता है.
लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इस बार कोई जानकारी नहीं दी गई. इस बार प्रदेश में पाकिस्तान की तरफ से टिड्डी दल ने 25 मई को पहली बार हमला किया था. खरीफ फसल के दौरान टिड्डी दल तीन बार आया, लेकिन उस पर कंट्रोल कर लिया गया. रबी फसल के दौरान 7 जनवरी के बाद रोजाना टिड्डी का नया दल आने के साथ ही फसलों पर हमला कर रहा है.
कृषि विभाग, टिड्डी मंडल सूरतगढ़ के अलावा गाजियाबाद से डिप्टी डायरेक्टर डॉ. केएल गुर्जर अपनी पूरी टीम और वाहनों के साथ टिड्डियों के पड़ाव को कंट्रोल का प्रयास कर रहे हैं. इसके बावजूद टिड्डी पर पूरी तरह कंट्रोल नहीं हो पा रही है.