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श्रीगंगानगर में टिड्डियों से नुकसान को ना के बराबर बता रहा कृषि विभाग

श्रीगंगानगर जिले में केंद्रीय टिड्डी मंडल और कृषि विभाग की टीम किसानों के सहयोग से दवा का छिड़काव कर रही है. लेकिन कोई खास फायदा देखने को नहीं मिल रहा है. इसी बीच गुरुवार को जिले के कई क्षेत्रों में टिड्डियों का सघन दल नजर आया है.

टिड्डी दल का हमला, Locust attack in Sriganganagar
श्रीगंगानगर में आया टिड्डियों का सघन दल
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Published : Jan 24, 2020, 11:46 AM IST

श्रीगंगानगर. टिड्डियों ने जिले भर के किसानों की नींद उड़ा रखी है. एक तरफ टिड्डी दल के हमले से जहां किसान लगातार परेशान हैं. वहीं, दूसरी ओर कृषि विभाग अब तक हुए नुकसान को ज्यादा ना के बराबर बता रहा है. पाकिस्तान सहित अन्य पश्चिमी देशों की तरफ से आ रही टिड्डियां प्रजनन अवस्था में नहीं पहुंची हैं. लेकिन कुछ अधिकारियों का मानना है कि इस समय आ रही टिड्डियां अंडे पैदा करने में उपयुक्त है, लेकिन तापमान आड़े आ रहा है.

श्रीगंगानगर में आया टिड्डियों का सघन दल

इसी बीच गुरुवार को भी पाकिस्तान की तरफ से श्रीकरणपुर के तरफ की टेलो और एफसी के चको धरिगावाली, गजसिंहपुर, पदमपुर मार्ग पर 7DD, 29, 30 BB, राय सिंह नगर के लिखमें वाला, खाटा, सादुलशहर के BNWU की टेलो के चको, किकरचक, रोटावाली, मंडी 365,घड़साना के 18 GD सहित अन्य जगहों में टिड्डियों के सघन दल देखने को मिले है. इसके अलावा पंजाब के गुमजाल, कलरखेड़ा, उस्मान खेड़ा, भंगरखेड़ा, पन्नीवाला तक टिड्डियां फैल गई है.

श्रीगंगानगर में आया टिड्डियों का सघन दल

पढ़ें- बीकानेर : फिर लौटा टिड्डी दल, परेशान किसानों का गुस्सा फूटा

जिले में केंद्रीय टिड्डी मंडल और कृषि विभाग की टीम किसानों के सहयोग से दवा का छिड़काव कर रही है. टिड्डी की उम्र 100 से 120 दिन होती है, इसमें यह कई देशों में तबाही मचा सकती है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गठित फूड एवं एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन संबंधित देशों को दवा उपलब्ध करवाने के अलावा सूचना और चेतावनी जारी करता है.

लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इस बार कोई जानकारी नहीं दी गई. इस बार प्रदेश में पाकिस्तान की तरफ से टिड्डी दल ने 25 मई को पहली बार हमला किया था. खरीफ फसल के दौरान टिड्डी दल तीन बार आया, लेकिन उस पर कंट्रोल कर लिया गया. रबी फसल के दौरान 7 जनवरी के बाद रोजाना टिड्डी का नया दल आने के साथ ही फसलों पर हमला कर रहा है.

कृषि विभाग, टिड्डी मंडल सूरतगढ़ के अलावा गाजियाबाद से डिप्टी डायरेक्टर डॉ. केएल गुर्जर अपनी पूरी टीम और वाहनों के साथ टिड्डियों के पड़ाव को कंट्रोल का प्रयास कर रहे हैं. इसके बावजूद टिड्डी पर पूरी तरह कंट्रोल नहीं हो पा रही है.

श्रीगंगानगर. टिड्डियों ने जिले भर के किसानों की नींद उड़ा रखी है. एक तरफ टिड्डी दल के हमले से जहां किसान लगातार परेशान हैं. वहीं, दूसरी ओर कृषि विभाग अब तक हुए नुकसान को ज्यादा ना के बराबर बता रहा है. पाकिस्तान सहित अन्य पश्चिमी देशों की तरफ से आ रही टिड्डियां प्रजनन अवस्था में नहीं पहुंची हैं. लेकिन कुछ अधिकारियों का मानना है कि इस समय आ रही टिड्डियां अंडे पैदा करने में उपयुक्त है, लेकिन तापमान आड़े आ रहा है.

श्रीगंगानगर में आया टिड्डियों का सघन दल

इसी बीच गुरुवार को भी पाकिस्तान की तरफ से श्रीकरणपुर के तरफ की टेलो और एफसी के चको धरिगावाली, गजसिंहपुर, पदमपुर मार्ग पर 7DD, 29, 30 BB, राय सिंह नगर के लिखमें वाला, खाटा, सादुलशहर के BNWU की टेलो के चको, किकरचक, रोटावाली, मंडी 365,घड़साना के 18 GD सहित अन्य जगहों में टिड्डियों के सघन दल देखने को मिले है. इसके अलावा पंजाब के गुमजाल, कलरखेड़ा, उस्मान खेड़ा, भंगरखेड़ा, पन्नीवाला तक टिड्डियां फैल गई है.

श्रीगंगानगर में आया टिड्डियों का सघन दल

पढ़ें- बीकानेर : फिर लौटा टिड्डी दल, परेशान किसानों का गुस्सा फूटा

जिले में केंद्रीय टिड्डी मंडल और कृषि विभाग की टीम किसानों के सहयोग से दवा का छिड़काव कर रही है. टिड्डी की उम्र 100 से 120 दिन होती है, इसमें यह कई देशों में तबाही मचा सकती है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गठित फूड एवं एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन संबंधित देशों को दवा उपलब्ध करवाने के अलावा सूचना और चेतावनी जारी करता है.

लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इस बार कोई जानकारी नहीं दी गई. इस बार प्रदेश में पाकिस्तान की तरफ से टिड्डी दल ने 25 मई को पहली बार हमला किया था. खरीफ फसल के दौरान टिड्डी दल तीन बार आया, लेकिन उस पर कंट्रोल कर लिया गया. रबी फसल के दौरान 7 जनवरी के बाद रोजाना टिड्डी का नया दल आने के साथ ही फसलों पर हमला कर रहा है.

कृषि विभाग, टिड्डी मंडल सूरतगढ़ के अलावा गाजियाबाद से डिप्टी डायरेक्टर डॉ. केएल गुर्जर अपनी पूरी टीम और वाहनों के साथ टिड्डियों के पड़ाव को कंट्रोल का प्रयास कर रहे हैं. इसके बावजूद टिड्डी पर पूरी तरह कंट्रोल नहीं हो पा रही है.

Intro:श्रीगंगानगर : पाकिस्तान से लगातार आ रहा टिड्डी दल जिले के किसानों की नींद उड़ाए हुए हैं,लेकिन दुसरी तरफ कृषि विभाग टीडीओ से अब तक हुए नुकसान को ज्यादा गम्भीरता से नही लेते हुये नुकसान ना के बराबर ही बता रहा है।

टीडियो पर अगर अगले एक पखवाड़े में पूरी तरह नियंत्रण नहीं किया गया तो इसके खतरे बढ़ जाएंगे। अभी तक पाकिस्तान सहित अन्य पश्चिमी राष्ट्रों की तरफ से आने वाली टीडीयां प्रजनन अवस्था में नहीं पहुंची।हालांकि कुछ अधिकारियों का मानना है कि इस समय आ रही टीडीया अंडे पैदा करने में उपयुक्त है। लेकिन तापमान आड़े आ रहा है।


इस बीच गुरुवार को भी पाकिस्तान की तरफ से श्रीकरणपुर के एफ की टेलो एवं एफसी के चको,धरिगावाली,गजसिंहपुर, पदमपुर मार्ग पर 7dd,29,30 बीबी,रायसिंहनगर के लिखमेवाला,खाटा, सादुलशहर के बीएनडब्लयू की टेलो के चको, किकरचक,रोटावाली,मंडी 365,घड़साना के 18 जीडी आदि में टीडियो के कही सघन दल तो कहीं छितराई हुई टीडीया आई है। इसके अलावा पंजाब के गुमजाल,कलरखेड़ा,उस्मान खेड़ा,भंगरखेड़ा,पन्नीवाला तक टीड़िया फैल गई है। जिले में केंद्रीय टीडी मंडल एवं कृषि विभाग की टीम किसानों के सहयोग से दवा का छिड़काव कर रही है।




Body:टीडी की उम्र 100 से 120 दिन होती है। इसमें यह कई देशों में तबाही मचा सकती है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गठित फूड एवं एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन संबंधित देशों को दवा उपलब्ध करवाने के अलावा सूचना और चेतावनी जारी करता है। लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इस बार कोई जानकारी नहीं दी गई।एसे मे कयास इस बात के भी है की दुशमन देश भारत मे खेती पर नुकसान करवाने की मंसा मे रहा है।इस बार राज्य में पाकिस्तान की तरफ से टीडी दल ने 25 मई को पहली बार हमला किया था। खरीफ फसल के दौरान तीन बार दल आया,लेकिन उस पर कंट्रोल कर लिया गया। रबी फसल के दौरान 7 जनवरी के बाद रोजाना टीडी का नया दल आता है और फसलों पर हमला कर रहा है। कृषि विभाग,टीडी मंडल सूरतगढ़ के अलावा गाजियाबाद से डिप्टी डायरेक्टर डॉ केएल गुर्जर अपनी पूरी टीम और वाहनों के साथ टीडीयों के पड़ाव को कंट्रोल का प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद टीडी पूरी तरह कंट्रोल नहीं हो पा रही है। ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारी टीड़ियों के पाकिस्तान से आने की पाकिस्तान की चाल को भले ही हंसी में टाल रहे हैं लेकिन सीमा पर दुश्मन की हर बार की हरकत और नियति को देखें तो इसमें भी दुश्मन की कोई बड़ी साजिश हो सकती है।

121जीआर मटोरिया, कृषि उपनिदेशक श्रीगंगानगर


Conclusion:लगातार पाकिस्तान से आ रही टीडीया किसानो को डाल रही है खतरे में।
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