श्रीगंगानगर. सावन के आखरी सोमवार पर भक्त सुबह से ही मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए लगे हुए थे. सावन के आखिरी सोमवार और रक्षाबंधन के त्योहार का दुर्लभ संयोग भी बना. सोमवार को भगवान शिव की पूजा का फल दोगुना मिलता है. वहीं इस दिन किए गए दान पुण्य का बहुत अधिक महत्व बताया गया है.
सावन का आखिरी सोमवार होने से भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया. बता दें कि, सावन के आखिरी सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. सावन का अंतिम सोमवार पूर्णिमा के दिन है, और चंद्रमा को पूर्णिमा का देवता माना जाता है. इसलिए यह पूर्णिमा और सोमवार का अद्भुत संयोग है. इस दिन व्रत रखने रक्षाबंधन मनाने का कई गुना लाभ मिलता है.
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इस बार कोरोना महामारी के कारण पूरा सावन का महीना कोरोना की भेंट चढ़ गया. लेकिन भक्तों में भगवान शिव के प्रति आस्था कम नहीं हुई. भगवान शिव की आराधना में लीन भक्त सोमवार को विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा अर्चना में लगे रहे. अनेक श्रद्धालु भगवान शिव को रिझाने के लिए दही शहद और गुलाब जल सहित अन्य द्रव्य पदार्थों से अभिषेक भी किया और साथ ही साथ परिवार की सुख समृद्धि और विश्व कल्याण के लिए कोरोना वायरस को जल्द खत्म करने का वरदान भी मांगा.