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नसबंदी मौत मामलाः मेडिकल टीम ने शुरू की जांच, परिजनों के लिए बयान

श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में सरकारी अस्पताल में नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद हुई 2 महिलाओं की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए सोमवार को सूरतगढ़ पहुंची. इस दौरान 15 लोगों के बयान दर्ज किए.

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श्रीगंगानगर नसबंदी मामला...
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Published : Jul 6, 2020, 10:38 PM IST

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). सरकारी अस्पताल में नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद हुई 2 महिलाओं की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए सोमवार को सूरतगढ़ पहुंची. परिवार कल्याण प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. गिरीश द्विवेदी के नेतृत्व में टीम ने सरकारी अस्पताल के ब्लॉक कार्यालय में मृतकाओं के परिजनों, शिविर में ऑपरेशन के बाद भर्ती अन्य महिलाओं, नर्सिंग स्टाफ, एंबुलेंस चालक, एएनएम और आशा सहयोगिनी सहित 15 लोगों के बयान दर्ज किए.

श्रीगंगानगर नसबंदी मामला...

बता दें कि शिविर में ऑपरेशन के बाद वार्ड में भर्ती 5 महिलाओं से शिविर की व्यवस्था, घर से ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी ने बताया कि महिलाओं की मौत से पहले उनके घर से लाने में 2-3 घंटे का समय लगा था. इससे उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. वहीं, मेडिकल बोर्ड से हिस्ट्री पैथोलोजिकल जांच और बिसरा की रिपोर्ट भी भेजी गई है. यह सही है की अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही हैं. जिसकी कमेटी जांच रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेजेगी. यदि जांच में डॉक्टर की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. टीम में बीकानेर के अतिरिक्त डिप्टी सीएमएचओ डॉ. योगेंद्र तनेजा, डॉ. मुकेश मेहता, जिला प्रजनन अधिकारी डॉ. एचएस बराड़, ईएमओ डॉ. अनामिका और सर्जन डॉ. जसवीर सिंह गिल शामिल थे.

पढ़ें: नसबंदी के बाद महिलाओं की मौत मामले में जांच के आदेश, कलेक्टर बोले- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

मृतका के घर पहुंची टीम

जोन संयुक्त निदेशक डॉ. चौधरी ने बताया कि टीम ने बीसीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के साथ मृतका शारदा के घर जाकर उनके परिजनों से बात की. उन्होंने बताया कि गर्मी के कारण महिला की तबीयत खराब हो गई थी. ऐसे में उसे निजी एंबुलेंस में अस्पताल ले गए थे. वहीं, मृतका संतोष के घर उनके परिजन नहीं मिलने पर उनके बयान दर्ज नहीं हो पाए. दूसरी ओर मृतका के परिजनों ने बताया कि दोनों महिलाएं घर से स्वस्थ आई थी, लेकिन ऑपरेशन के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि महिला की मौत डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुई है.

पढ़ें: श्रीगंगानगर: नसबंदी के बाद 2 महिलाओं की हुई मौत, परिजनों का हंगामा

डॉक्टर के खिलाफ हुई FIR दर्ज

पुलिस के अनुसार दोनों मृतक के पति आत्माराम भाट और पतराम ने डॉक्टर दर्शन सिंह के खिलाफ ऑपरेशन में लापरवाही करने पर धारा 336 और 307ए में केस दर्ज करवाया है. वहीं, सीएमएचओ के निर्देश पर वरिष्ठ डॉक्टर और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय भादू को अस्पताल प्रभारी नियुक्त किया है. इस दौरान जनता मोर्चा और अन्य समाज सेवी संस्थाओं ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर प्रोजेक्ट डायरेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). सरकारी अस्पताल में नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद हुई 2 महिलाओं की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए सोमवार को सूरतगढ़ पहुंची. परिवार कल्याण प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. गिरीश द्विवेदी के नेतृत्व में टीम ने सरकारी अस्पताल के ब्लॉक कार्यालय में मृतकाओं के परिजनों, शिविर में ऑपरेशन के बाद भर्ती अन्य महिलाओं, नर्सिंग स्टाफ, एंबुलेंस चालक, एएनएम और आशा सहयोगिनी सहित 15 लोगों के बयान दर्ज किए.

श्रीगंगानगर नसबंदी मामला...

बता दें कि शिविर में ऑपरेशन के बाद वार्ड में भर्ती 5 महिलाओं से शिविर की व्यवस्था, घर से ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी ने बताया कि महिलाओं की मौत से पहले उनके घर से लाने में 2-3 घंटे का समय लगा था. इससे उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी. वहीं, मेडिकल बोर्ड से हिस्ट्री पैथोलोजिकल जांच और बिसरा की रिपोर्ट भी भेजी गई है. यह सही है की अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही हैं. जिसकी कमेटी जांच रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेजेगी. यदि जांच में डॉक्टर की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. टीम में बीकानेर के अतिरिक्त डिप्टी सीएमएचओ डॉ. योगेंद्र तनेजा, डॉ. मुकेश मेहता, जिला प्रजनन अधिकारी डॉ. एचएस बराड़, ईएमओ डॉ. अनामिका और सर्जन डॉ. जसवीर सिंह गिल शामिल थे.

पढ़ें: नसबंदी के बाद महिलाओं की मौत मामले में जांच के आदेश, कलेक्टर बोले- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

मृतका के घर पहुंची टीम

जोन संयुक्त निदेशक डॉ. चौधरी ने बताया कि टीम ने बीसीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के साथ मृतका शारदा के घर जाकर उनके परिजनों से बात की. उन्होंने बताया कि गर्मी के कारण महिला की तबीयत खराब हो गई थी. ऐसे में उसे निजी एंबुलेंस में अस्पताल ले गए थे. वहीं, मृतका संतोष के घर उनके परिजन नहीं मिलने पर उनके बयान दर्ज नहीं हो पाए. दूसरी ओर मृतका के परिजनों ने बताया कि दोनों महिलाएं घर से स्वस्थ आई थी, लेकिन ऑपरेशन के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि महिला की मौत डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुई है.

पढ़ें: श्रीगंगानगर: नसबंदी के बाद 2 महिलाओं की हुई मौत, परिजनों का हंगामा

डॉक्टर के खिलाफ हुई FIR दर्ज

पुलिस के अनुसार दोनों मृतक के पति आत्माराम भाट और पतराम ने डॉक्टर दर्शन सिंह के खिलाफ ऑपरेशन में लापरवाही करने पर धारा 336 और 307ए में केस दर्ज करवाया है. वहीं, सीएमएचओ के निर्देश पर वरिष्ठ डॉक्टर और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय भादू को अस्पताल प्रभारी नियुक्त किया है. इस दौरान जनता मोर्चा और अन्य समाज सेवी संस्थाओं ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर प्रोजेक्ट डायरेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

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