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Swine Flu से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए विशेष निर्देश

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Published : Sep 26, 2019, 2:44 PM IST

श्रीगंगानगर में इस बार स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने खास दिशा-निर्देश जारी किए है. इस निर्देश में यह बताया गया है कि अगर कोई भी मरीज निजी अस्पताल में भर्ती होने के लिए आता है तो उसका नमूना प्रबंधक खुद लेकर पीबीएम बीकानेर जाएंगे और जांच करवाएंगे.

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श्रीगंगानगर. जिले में स्वाइन फ्लू के ऑउट ब्रेक को देखते हुए इस बार जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने विशेष इंतजाम किए हैं. बता दें कि पिछले साल स्वाइन फ्लू के 335 टेस्ट किए गए थे. जिसमें से 100 के करीब पॉजिटिव पाए गए थे और पांच स्वाइन फ्लू रोगियों की मौत भी हुई थी.

स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए विशेष निर्देश

क्षेत्र में इस बार मौसम में बदलाव को देखते हुए चिकित्सा और स्वास्थ्य ने तय किया है कि शहरी और ग्रामीण अंचल में से अगर कोई भी रोगी निजी अस्पताल में भर्ती होने के लिए आता है. तो उसका नमूना राजकीय जिला चिकित्सालय जांच के लिए बीकानेर नहीं भेजा जाएगा. इस बार चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल के प्रबंधकों को पाबंद किया है कि वह अब स्वाइन फ्लू रोगी का नमूना खुद लेकर पीबीएम बीकानेर जाएंगे और जांच करवाएंगे.

चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को एक खास निर्देश दिया गया है कि वह स्वाइन फ्लू को लेकर मरीजों में डर या फिर किसी भी प्रकार का भय पैदा ना करें. इसके लिए निजी अस्पतालों को विशेष निर्देश देकर स्वाइन फ्लू को तीन कैटेगरी में निर्धारित करते हुए जांच करने और इलाज करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

पढ़े: चाकसू में अवैध निर्माण तोड़ने से जुड़ा मामला, अधिशाषी अधिकारी बृजेश गोयल और विकास अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज

विभाग ने इन अस्पतालों को निर्देशित किया है कि स्वाइन फ्लू के नाम पर अनावश्यक रुप से स्वाइन फ्लू का टेस्ट न करवाएं. बल्कि स्वाइन फ्लू के संदेह होने पर बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू का नमूना लेकर जांच के लिए भेजें. वहीं विभाग ने जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू आईसॉलेसन वार्ड बनाया है. जिसमें तमाम प्रकार की व्यवस्था मौजूद है.

उल्लेखनीय है कि स्वाइन फ्लू का प्रकोप दिसंबर, जनवरी और फरवरी में आता है. लेकिन पिछले साल अप्रैल, मई और जून में भी इसके रोगी मिले थे. जनवरी से लेकर अभी तक गंगानगर जिले में स्वाइन फ्लू के करीब 100 रोगियों की पुष्टि हो चुकी है. यह अधिकांश रोगी जनवरी, फरवरी और मार्च माह में आए थे. वहीं निजी अस्पताल के प्रबंधकों को पाबंद किया गया है कि निजी अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर टेमीफ्लू की दवा भी रखनी होगी.

पढ़े: जयपुर के चाकसू में दो बाइक चोर गिरफ्तार, बाइक भी बरामद

इससे पहले स्वाईन फ्लू रोगी मिलने पर राजकीय जिला चिकित्सालय का स्टाफ संभावित रोगी का नमूना लेकर जांच के लिए बीकानेर पीबीएम अस्पताल में भेजता था और स्वाइन फ्लू रोगी के लिए दवा की व्यवस्था चिकित्सालय से करवाता था. लेकिन इस बार जयपुर में हुई मीटिंग में विभाग ने सीएमएचओ को दिशा-निर्देश जारी किए है. जिसमें निजी अस्पताल में संभावित स्वाइन फ्लू की जांच के लिए नमूना लेने की वजह से राजकीय जिला चिकित्सालय स्टाफ पर अतिरिक्त भार हो जाता था, अब नई व्यवस्था से रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी.

श्रीगंगानगर. जिले में स्वाइन फ्लू के ऑउट ब्रेक को देखते हुए इस बार जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने विशेष इंतजाम किए हैं. बता दें कि पिछले साल स्वाइन फ्लू के 335 टेस्ट किए गए थे. जिसमें से 100 के करीब पॉजिटिव पाए गए थे और पांच स्वाइन फ्लू रोगियों की मौत भी हुई थी.

स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए विशेष निर्देश

क्षेत्र में इस बार मौसम में बदलाव को देखते हुए चिकित्सा और स्वास्थ्य ने तय किया है कि शहरी और ग्रामीण अंचल में से अगर कोई भी रोगी निजी अस्पताल में भर्ती होने के लिए आता है. तो उसका नमूना राजकीय जिला चिकित्सालय जांच के लिए बीकानेर नहीं भेजा जाएगा. इस बार चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल के प्रबंधकों को पाबंद किया है कि वह अब स्वाइन फ्लू रोगी का नमूना खुद लेकर पीबीएम बीकानेर जाएंगे और जांच करवाएंगे.

चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को एक खास निर्देश दिया गया है कि वह स्वाइन फ्लू को लेकर मरीजों में डर या फिर किसी भी प्रकार का भय पैदा ना करें. इसके लिए निजी अस्पतालों को विशेष निर्देश देकर स्वाइन फ्लू को तीन कैटेगरी में निर्धारित करते हुए जांच करने और इलाज करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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विभाग ने इन अस्पतालों को निर्देशित किया है कि स्वाइन फ्लू के नाम पर अनावश्यक रुप से स्वाइन फ्लू का टेस्ट न करवाएं. बल्कि स्वाइन फ्लू के संदेह होने पर बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू का नमूना लेकर जांच के लिए भेजें. वहीं विभाग ने जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू आईसॉलेसन वार्ड बनाया है. जिसमें तमाम प्रकार की व्यवस्था मौजूद है.

उल्लेखनीय है कि स्वाइन फ्लू का प्रकोप दिसंबर, जनवरी और फरवरी में आता है. लेकिन पिछले साल अप्रैल, मई और जून में भी इसके रोगी मिले थे. जनवरी से लेकर अभी तक गंगानगर जिले में स्वाइन फ्लू के करीब 100 रोगियों की पुष्टि हो चुकी है. यह अधिकांश रोगी जनवरी, फरवरी और मार्च माह में आए थे. वहीं निजी अस्पताल के प्रबंधकों को पाबंद किया गया है कि निजी अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर टेमीफ्लू की दवा भी रखनी होगी.

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इससे पहले स्वाईन फ्लू रोगी मिलने पर राजकीय जिला चिकित्सालय का स्टाफ संभावित रोगी का नमूना लेकर जांच के लिए बीकानेर पीबीएम अस्पताल में भेजता था और स्वाइन फ्लू रोगी के लिए दवा की व्यवस्था चिकित्सालय से करवाता था. लेकिन इस बार जयपुर में हुई मीटिंग में विभाग ने सीएमएचओ को दिशा-निर्देश जारी किए है. जिसमें निजी अस्पताल में संभावित स्वाइन फ्लू की जांच के लिए नमूना लेने की वजह से राजकीय जिला चिकित्सालय स्टाफ पर अतिरिक्त भार हो जाता था, अब नई व्यवस्था से रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी.

Intro:श्रीगंगानगर : जिले में स्वाइन फ्लू के ऑउटब्रेक को देखते हुए इस बार जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने विशेष इंतजाम किए हैं। पिछले वर्ष स्वाइन फ्लू के 335 टेस्ट गए थे।जिसमें 100 के करीब पॉजिटिव पाए गए थे। जिनमें 5 स्वाइन फ्लू रोगियों की मौत भी हुई थी। क्षेत्र में मौसम के बदलाव को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने इस बार तय किया गया है कि शहरी व ग्रामीण अंचल में से कोई रोगी निजी अस्पताल में भर्ती होने पर उसका स्वाइन फ्लू की जांच के लिए राजकीय जिला चिकित्सालय का डॉक्टर नमूना लेकर जांच के लिए बीकानेर नहीं भेजेगा.इस बार चिकित्सा एवम स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल के प्रबंधकों को पाबंद किया है कि वे अब स्वाइन फ्लू रोगी की जांच चिकित्सालय प्रबंधन की खुद के स्तर पर स्वान का नमूना लेकर खुद ही पीबीएम बीकानेर से जांच करवाये।


Body:चिकित्सा एवम स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि स्वाइन फ्लू को लेकर मरीजों में डर व भय पैदा ना करें। इसके लिए निजी अस्पतालो को विशेष निर्देश देकर स्वाइन फ्लू को तीन कैटेगरी में निर्धारित करते हुए जांच करने और इलाज करने के निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग ने इन अस्पतालों को निर्देशित किया है की स्वाइन फ्लू के नाम पर अनावश्यक रुप से स्वाइन फ्लू का टेस्ट नहीं करवाए,बल्कि स्वाइन फ्लू के संदेह होने पर बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में स्वाइन फ्लू का नमूना लेकर जांच के लिए भेजे।वही विभाग ने जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू आईसॉलेसन वार्ड बनाया है। जिसमें तमाम प्रकार की व्यवस्था की है। उल्लेखनीय है कि स्वाइन फ्लू का प्रकोप दिसंबर,जनवरी और फरवरी में आता है। लेकिन पिछले साल अप्रैल,मई व जून में में भी स्वाइन फ्लू के रोगी मिले थे। जनवरी से लेकर अभी तक गंगानगर जिले में स्वाइन फ्लू के करीब 100 रोगियों की पुष्टि हो चुकी है।यह अधिकांश रोगी जनवरी,फरवरी और मार्च माह में आए थे। इसके अलावा निजी अस्पताल के प्रबंधकों को पाबंद किया गया है कि निजी अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर टेमीफ्लू की दवा भी रखनी होगी। इससे पहले स्वाईन फ्लू रोगी मिलने पर राजकीय जिला चिकित्सालय का स्टाफ ही संभावित रोगी का नमूना लेकर जांच के लिए बीकानेर पीबीएम अस्पताल भेजता था। और स्वाइनफ्लू रोगी के लिए दवा की व्यवस्था चिकित्सालय से करवाता था,लेकिन इस बार जयपुर में हुई मीटिंग में विभाग ने सीएमएचओ को दिशा-निर्देश जारी किये है। निजी अस्पताल में संभावित स्वाइन फ्लू की जांच के लिए नमूना लेने की वजह से राजकीय जिला चिकित्सालय स्टाफ पर अतिरिक्त भार हो जाता था,अब नई व्यवस्था से रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। बाइट : गिरधारीलाल मेहरड़ा, सीएमएचओ


Conclusion:स्वाइन फ्लू का डर ना करें पैदा।
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