श्रीगंगानगर. जिले में तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. अब किसान नेताओं ने गांव-गांव, ढाणी-ढाणी जाकर खेतों में काम करने वाले किसानों को जागृत करने के लिए रणनीति बनाई है. किसान नेताओं ने आने वाली 21 दिनों का कार्यक्रम जारी करते हुए जागृति की बात कर रहे हैं.
इसी क्रम में किसानों ने 6 से 26 जनवरी तक अलग-अलग रूपों में कार्यक्रम करने के लिए प्लान बनाया है. जिसके तहत किसानों ने 6 जनवरी को देश के कोने-कोने में जागृति का कार्यक्रम शुरू किया है. जागृति कार्यक्रम के तहत गांव-गांव, ढाणी-ढाणी किसान को आंदोलन के बारे में बताया जाएगा. वहीं, आंदोलन से जुड़ने के लिए किसानों को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ा जाएगा.
बता दें कि 13 जनवरी को लोहड़ी का पर्व पंजाबी बहुल क्षेत्र में खुशहाली के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, लेकिन किसान नेता इस बार इसे काला दिवस के रूप में मनाने की बात कह रहे हैं. किसान नेताओं कि माने तो जब देश का अन्नदाता इतनी ठंड में धरने पर बैठे हैं तो किसान खुशियों के पर्व लोहडी को कैसे मना सकते हैं. ऐसे में किसान लोहड़ी को काला दिवस के रूप में मनाएंगे.
इसी के तहत किसान लोहड़ी पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध प्रकट करेंगे. इसी तरह महिला दिवस के दिन भी किसान विरोध प्रकट करेंगे. वहीं, 24 जनवरी को किसान नेता सुभाष चंद्र जयंती पर किसान आजाद किसान दिवस मनाएंगे. उसके बाद किसान वाहन रैली निकालकर दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन प्रकट करेंगे.