श्रीगंगानगर. घड़साना की धरती किसान आंदोलन के लिए जानी जाती रही है. यहां के किसानों ने पानी के लिए आंदोलन करके सरकार को झुकाने का काम किया है. यहां किसानों, व्यापारियों और मजदूरों ने जब-जब एक साथ होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाया है, तब-तब सरकार इनकी मांगो के सामने झुकी है. अब एक बार फिर घड़साना के किसान, मजदूर और व्यापारी आंदोलन की राह पर जाने के तैयार है. इस बार ये किसान मजदूर और व्यापारियों का आन्दोलन केन्द्र की सरकार के खिलाफ है. दरअसल, इनका आरोप है कि केंद्र सरकार किसान-मजदूर और व्यापारी विरोधी 3 अध्यादेश लाने की कोशिश कर रही है.
बता दें कि, अध्यादेश का विरोध कर रहे हरियाणा के पीपली में सैकड़ों किसानों के ऊपर हरियाणा सरकार ने जो लाठीचार्ज कर दिया था. उसके विरोध स्वरूप घड़साना उपखंड कार्यालय क्षेत्र में किसान, मजदूर और व्यापारीयों की बैठक रखी गई. जिसमें सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पास किया गया है कि, जो किसान अपने हक के लिए लड़ेगा उस पर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करनी चाहिए.
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किसानों ने कहा कि, 15 सितंबर को अध्यादेश के खिलाफ प्रधानमंत्री का पुतला फूंका जाएगा. 21 सितम्बर को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्री का घेराव कर जब तक आंदोलन किया जाएगा, तब तक केंद्र सरकार ये तीनों अध्यादेश वापिस न ले ले. वहीं, इस दौरान अखिल भारतीय किसान सभा के सदस्य श्योपत सिंह मेघवाल, किसान नेता कालू थोरी और पूर्व विधायक पवन दुग्गल सहित कई वक्ताओं ने काले कानून के बारे में विस्तार से बताते हुए सरकार को घड़साना में 2004 में हुए किसान आंदोलन को याद दिलाया है.