श्रीगंगानगर. देर रात अचानक बदले मौसम के बाद आए तूफान ने जैसे तबाही मचा कर रख दी. मंगलवार तड़के तेज हवाओं के साथ हुई बारिश के बाद जहां फसलों को भारी नुकसान हुआ है वहीं अनेक नहरे भी टूट गई. नहरों के टूट जाने के कारण कई बीघा कृषि भूमि में पानी भर गया. इससे खेतों में खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है.
मौसम विभाग ने बारिश और ओलावृष्टि होने की पहले ही चेतावनी दी थी. मंगलवार सुबह पाक सीमा की तरफ से तेज हवाएं चलना शुरू हुई. सुबह लगभग 2 बजे तेज हवाएं देखते ही देखते तूफान में तब्दील हो गई. किसानों के लिए तूफान मुसीबत का पहाड़ बनकर आया है. तेज हवाएं चलने के कारण खेतों में खड़ी सरसों, चना और गेहूं की फसल में नुकसान हुआ है. तेज अंधड़ से फसले चद्दर की तरह जमीन पर बिछ गई.
इसके अलावा खेत खलियानों में काटी गई फसल भी तेज हवाओं के कारण खेतों में बिखर गई. तूफान की गति इतनी तेज थी कि अनेक विशालकाय पेड़ उखड़ गए. श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय सहित आसपास की मंडियों में ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में छोटे बड़े पेड़ों के टूट जाने की सूचना आई हैं. तूफान से जिले की अनेक नहरों में भी कटाव आया है. तूफान के चलते जैतसर थाना क्षेत्र के गांव एक एलसी में लगभग 40 फीट का कटाव आ गया है. जिसके चलते कई बीघा भूमि जलमग्न हो गई. वहीं श्री विजयनगर के निकट भी नहर में कटाव आने की सूचना है.
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तूफान शुरू होने के कुछ ही देर के बाद बारिश भी शुरू हो गई. इसके बाद तूफान ने तबाही मचाना शुरू कर दिया. जिला मुख्यालय के अलावा केसरीसिंहपुर, रायसिंहनगर, पदमपुर, श्रीविजयनगर, रामसिंहपुर, सूरतगढ़, राजियासर, सादुलशहर के अलावा हनुमानगढ़ जिले में भी बारिश के साथ साथ तेज हवाएं चलने के कारण खेतों में खडी फसलों में भारी नुकसान हुआ है.
अकेले श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय की बात करें तो यहां तड़के आए तूफान के कारण शहर में जगह-जगह लगे होर्डिंग उखड़ गए. कहीं फलैक्स फट कर सड़क पर आ गिरे तो कहीं फ्लैक्स के साथ-साथ उनके लोहे के फ्रेम भी टूट कर दूर जा गिरे. गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई. जिला मुख्यालय पर दर्जनों पेड़ भी टूट कर गिर गए. इसके अलावा अनेक दुकानों के आगे लगे टिन शेड भी खुल गए. मौसम विभाग का मानना है कि फिलहाल मौसम इसी तरह से बना रह सकता है.