श्रीगंगानगर. राजस्व अदालतों में लंबे समय से पेंडिंग पड़े मामलों का निस्तारण और किसानों को सस्ता सुलभ न्याय दिलाने के लिए अब गहलोत सरकार किसानों से जुड़े मामलों का डिजिटलाइजेशन करेगी. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्व मुकदमों की पेंडेंसी कम करने के लिए, जमीन बंटवारे के समय तुरंत रास्ते का समाधान हो. इसको लेकर किसानों के मामलों का निस्तारण सरलीकरण के द्वारा किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सीमांत काश्तकारों की समस्याओं को देखते हुए कानून में सरलीकरण किया जाएगा और व्यवहारिक तौर पर जो संभव होगा, उसे लागू किया जाएगा. किसानों को रास्ता देने के लिए लंबा समय बीत जाता है. इस पर उन्होंने कहा कि जमीन के बदले जमीन का प्रावधान होने के बाद भी रास्ता न मिलना परेशानी है. इसको देखते हुए एक्ट में संशोधन किया जाएगा.
मंत्री चौधरी ने कहा कि एससी-एसटी की जमीन को किराए पर देने के प्रावधान में भी सरकार संशोधन करेगी. चकबंदी और बाराबंदी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में किसान हैं. ऐसे में किसानों के लिए जल्द ही नए कानून लाए जाएंगे. कृषि कानून के विरोध करने पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नए कृषि कानून से किसानों का भला करने की बात कह रही है. लेकिन कानून लागू होने से किसानों का न केवल शोषण होगा, बल्कि किसान की दुर्दशा हो जाएगी.
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कृषि कानूनों के विरोध में राजस्थान सरकार के मंत्री जनता के बीच पहुंचकर जहां कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. वहीं राजस्थान सरकार द्वारा मंडी टैक्स के नाम पर 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की बात पर मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि व्यवहारिक तौर पर जो परिस्थितियां होती हैं, उन पर फैसले लेने पड़ते हैं. सरकार ने किसान कल्याण कोष के नाम पर 2 प्रतिशत टैक्स में जो बढ़ोतरी की है. वह कोविड- 19 से पहले की परिस्थितियां देखते हुए लिए गया था. उन्होंने कहा कि किसान के लिए सबसे महत्वपूर्ण डिजिटलाइजेशन जरूरी है. इसको ऑनलाइन करने के लिए राजस्व विभाग लगातार कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए जो नियम बने हुए हैं, उन एक्ट में सरलीकरण किया जाएगा.