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श्रीगंगानगर: रक्षाबंधन पर कोरोना की मार, दुकानों पर राखी लेने नहीं पहुंच रहे खरीददार - Rakshabandhan News Sriganganagar

कोरोना वायरस का असर अब धीरे-धीरे त्योहारों पर भी पड़ने लगा है. यही कारण है की, भाई-बहन के स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन भी इस साल कोरोना काल में समाते जा रहा है. 3 अगस्त को राखी का त्योहार मनाया जाने वाला है. लेकिन अब तक बाजार सूने ही नजर आ रहे हैं.

Rakshabandhan News Sriganganagar, रक्षाबंधन न्यूज श्रीगंगानगर
भाई-बहन के स्नेह पर कोरोना की मार
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Published : Aug 1, 2020, 7:22 PM IST

श्रीगंगानगर. रक्षाबंधन के त्योहार पर कोरोना महामारी का असर साफ दिखाई दे रहा है. इस बार का रक्षाबंधन अन्य सालों की अपेक्षा में बहुत ही फीका नजर आ रहा है. बाजार में पहले की तुलना में राखियों की दुकानें कम सजी हैं, और खरीदार भी ना के बराबर हैं.

3 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार है. त्योहार में सिर्फ 2 ही दिन शेष हैं. लेकिन बाजारों में ग्राहकों की भीड़ बिल्कुल नहीं है. दुकानदारों का कहना है कि लोग राखी खरीद तो रहे है, लेकिन जिस तरह महंगी और आकर्षक राखियों की मांग हर साल रहती थी, इस बार ऐसी कुछ मांग नहीं है. वहीं कोरोना संक्रमण के कारण लोग भीड़ में जाने से बच रहे हैं.

भाई-बहन के स्नेह पर कोरोना की मार

रक्षाबंधन के त्योहार पर लगभग 15 दिन पहले ही रंग-बिरंगी राखियों से बाजार सजना शुरू हो जाता है. लेकिन इस बार ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. बाजारों में पर्व की रंगत फीकी पड़ रही है. एक तरफ तो बाजारों में राखियों की दुकानें पिछले साल के मुकाबले कम सजी हैं, तो वहीं खरीदारों की चहल-पहल भी ना के बराबर हो गई है.

पढ़ें- श्रीगंगानगर में सामने आए 16 नए कोरोना मरीज, 244 पर पहुंचा आंकड़ा

दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार काम बिल्कुल ना के बराबर हैं. इस कारण दुकानदारों के चेहरे मुरझाए हुए हैं. वहीं चीन के साथ चल रहे तनाव का असर भी, राखियों के बाजार पर पड़ रहा है. पहले जब चाइनीज सामान के आयात पर कोई बंदिश नहीं थी, तो तरह-तरह की राखियां आकर्षण का केंद्र हुआ करती थी. लेकिन इस बार चीन से राखियों की आवक कम हो गई है. और स्वदेशी राखियां ही बाजार में दिखाई दे रही है.

श्रीगंगानगर. रक्षाबंधन के त्योहार पर कोरोना महामारी का असर साफ दिखाई दे रहा है. इस बार का रक्षाबंधन अन्य सालों की अपेक्षा में बहुत ही फीका नजर आ रहा है. बाजार में पहले की तुलना में राखियों की दुकानें कम सजी हैं, और खरीदार भी ना के बराबर हैं.

3 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार है. त्योहार में सिर्फ 2 ही दिन शेष हैं. लेकिन बाजारों में ग्राहकों की भीड़ बिल्कुल नहीं है. दुकानदारों का कहना है कि लोग राखी खरीद तो रहे है, लेकिन जिस तरह महंगी और आकर्षक राखियों की मांग हर साल रहती थी, इस बार ऐसी कुछ मांग नहीं है. वहीं कोरोना संक्रमण के कारण लोग भीड़ में जाने से बच रहे हैं.

भाई-बहन के स्नेह पर कोरोना की मार

रक्षाबंधन के त्योहार पर लगभग 15 दिन पहले ही रंग-बिरंगी राखियों से बाजार सजना शुरू हो जाता है. लेकिन इस बार ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. बाजारों में पर्व की रंगत फीकी पड़ रही है. एक तरफ तो बाजारों में राखियों की दुकानें पिछले साल के मुकाबले कम सजी हैं, तो वहीं खरीदारों की चहल-पहल भी ना के बराबर हो गई है.

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दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार काम बिल्कुल ना के बराबर हैं. इस कारण दुकानदारों के चेहरे मुरझाए हुए हैं. वहीं चीन के साथ चल रहे तनाव का असर भी, राखियों के बाजार पर पड़ रहा है. पहले जब चाइनीज सामान के आयात पर कोई बंदिश नहीं थी, तो तरह-तरह की राखियां आकर्षण का केंद्र हुआ करती थी. लेकिन इस बार चीन से राखियों की आवक कम हो गई है. और स्वदेशी राखियां ही बाजार में दिखाई दे रही है.

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