ETV Bharat / state

श्रीगंगानगरः मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पिलाया जड़ी-बूटियों से बना काढ़ा

श्रीगंगानगर के सादुलशहर में लालगढ़ जाटान के मुख्य बस स्टैंड पर यात्रियों को मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए देशी जड़ी-बूटियों से बना आयुर्वेद का काढ़ा पिलाया गया. वहीं वरिष्ठ चिकित्सक वैध डॉ ओम पारिक ने बताया, कि 6 प्रकार का आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है, जिससे मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है.

श्रीगंगानगर की खबर, सादुलशहर की खबर,  News of Sri Ganganagar, News of sadulshahar
मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पिलाया काढ़ा
author img

By

Published : Dec 26, 2019, 12:22 PM IST

सादुलशहर (श्री गंगानगर). भगवती कन्या महाविद्यालय और शांति पंचकर्म आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र द्वारा मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए लालगढ़ जाटान के मुख्य बस स्टैंड पर देशी जड़ी-बूटियों से बना आयुर्वेद का काढ़ा पिलाया गया. जिसमें आने जाने वाले हर व्यक्ति और यात्रियों को काढ़ा पिलाया गया.

मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पिलाया काढ़ा

राजकीय जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक वैध डॉ ओम पारिक ने बताया, कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए 6 प्रकार का आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है. जो 40 देशी जड़ी-बूटियों से बनाया गया है. इस काढ़े के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है.

इसके साथ ही राजकीय चुना देवी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की सैकड़ों छात्राओं को भी काढ़ा पिलाया गया. इस मौके पर कॉलेज स्टाफ और कई ग्रामीण मौजूद रहे. इस दौरान डॉ. ओम पारिक ने बताया, कि आयुर्वेद विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है. इसकी आवश्यकता और महत्व आज भी प्रासंगिक है. इसके कई लाभ हैं.

पढ़ेंः अरुंधति के विवादित बोल, कहा- एनपीआर के लिए कोई नाम पूछे तो रंगा-बिल्ला बताएं

लोगों में वर्तमान समय में इसकी ओर रूझान बढ़ा है. एलोपैथी के स्थान पर लोग आयुर्वेद को अपना रहे हैं. इस चिकित्सा पद्धति में उपचार के दौरान परहेज जरूर बरतना पड़ता है, लेकिन कई रोगों को यह जड़ से समाप्त करने में सक्षम है. इस उपचार के दौरान बस रोगी को अनुशासित रहने की आवश्यकता होती है.

सादुलशहर (श्री गंगानगर). भगवती कन्या महाविद्यालय और शांति पंचकर्म आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र द्वारा मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए लालगढ़ जाटान के मुख्य बस स्टैंड पर देशी जड़ी-बूटियों से बना आयुर्वेद का काढ़ा पिलाया गया. जिसमें आने जाने वाले हर व्यक्ति और यात्रियों को काढ़ा पिलाया गया.

मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पिलाया काढ़ा

राजकीय जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक वैध डॉ ओम पारिक ने बताया, कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए 6 प्रकार का आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है. जो 40 देशी जड़ी-बूटियों से बनाया गया है. इस काढ़े के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है.

इसके साथ ही राजकीय चुना देवी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की सैकड़ों छात्राओं को भी काढ़ा पिलाया गया. इस मौके पर कॉलेज स्टाफ और कई ग्रामीण मौजूद रहे. इस दौरान डॉ. ओम पारिक ने बताया, कि आयुर्वेद विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है. इसकी आवश्यकता और महत्व आज भी प्रासंगिक है. इसके कई लाभ हैं.

पढ़ेंः अरुंधति के विवादित बोल, कहा- एनपीआर के लिए कोई नाम पूछे तो रंगा-बिल्ला बताएं

लोगों में वर्तमान समय में इसकी ओर रूझान बढ़ा है. एलोपैथी के स्थान पर लोग आयुर्वेद को अपना रहे हैं. इस चिकित्सा पद्धति में उपचार के दौरान परहेज जरूर बरतना पड़ता है, लेकिन कई रोगों को यह जड़ से समाप्त करने में सक्षम है. इस उपचार के दौरान बस रोगी को अनुशासित रहने की आवश्यकता होती है.

Intro:सादुलशहर ( श्री गंगानगर )

मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पिलाया काढ़ा

भगवती कन्या महाविद्यालय व शांति पंचकर्म आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र द्वारा मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए लालगढ़ जाटान के मुख्य बस स्टैंड पर देशी जड़ी बूटियों से बना आयुर्वेद का काढ़ा पिलाया गया...जिसमे आने जाने वाले हर व्यक्ति व यात्रियों को काढ़ा पिलाया राजकीय जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक वैध ड़ॉ ओम पारीक ने बताया है की मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए 6 प्रकार का आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है जो की 40 देशी जड़ी बूटियों से बनाया गया है..इस काढ़े के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है...इसके साथ ही राजकीय चुना देवी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की सेंकडो छात्राओ को भी काढा पिलाया इस मौके पर कॉलेज स्टाफ व अनेक ग्रामीण मौजूद रहे l

Body:बाइट : ड़ॉ ओम पारिक, वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सकConclusion:ड़ॉ ओम पारीक ने बताया है की आयुर्वेद विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है.. इसकी आवश्यकता तथा महत्व आज भी प्रासंगिक है..इसके अनगिनत लाभ हैं..लोगों में वर्तमान समय में इसकी ओर रूझान बढ़ा है । एलोपैथी के स्थान पर लोग आयुर्वेद को अपना रहे हैं । इस चिकित्सा पद्धति में उपचार के दौरान परहेज जरूर बरतना पड़ता है, लेकिन कई रोगों को यह जड़ से समाप्त करने में सक्षम है। इस उपचार के दौरान बस रोगी को अनुशासित रहने की आवश्यकता होती है...
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.