श्रीगंगानगर. जिले के सूरतगढ़ में नसबंदी शिविर में डॉक्टर की लापरवाही के चलते गत शनिवार को नसबंदी ऑपरेशन के बाद दो महिलाओं की मौत हो गई. जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने घटना के बाद जिले भर में लगाए जाने वाली नसबंदी शिविर रद्द कर दिए हैं.
कोरोना संक्रमण के दौरान जब अस्पतालों में सर्जरी पर रोक लगी हुई थी, ऐसे में आनन-फानन में नसबंदी शिविर लगाकर नसबंदी ऑपरेशन करने की इतनी जल्दबाजी क्यों की गई. इसकी जांच शुरू की जा रही है. दोनों महिलाओं की मौत के कारणों की जांच 4 डॉक्टरों की कमेटी करेगी. महिलाओं की मौत के बाद उपजे आक्रोश को देखते हुए सूरतगढ़ के सर्जन डॉक्टर दर्शन सिंह को एपीओ कर दिया गया है.
महिलाओं की मौत की सूचना मिलने पर जिला कलेक्टर ने पूरे मामले की जानकारी लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेकर जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि नसबंदी शिविर में क्या खामियां रहीं और कोरोना संकट के दौरान नसबंदी शिविर लगाने की क्यों जरूरत पड़ी, इसकी जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि शिविर लगाने के आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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वहीं, एसीएमएचओ डॉ. मुकेश मेहता के अनुसार एतिहात की दृष्टि से श्रीविजयनगर, डूंगरसिंहपुरा और सुखचैनपुरा, सादुलशहर, केसरीसिंहपुर, 365 हेड और सरदारगढ़ में आयोजित होने वाले नसबंदी शिविरों पर रोक लगा दी गई है.
क्या है मामला...
श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गत शनिवार को आयोजित नसबंदी शिविर के बाद तबीयत बिगड़ने से दो महिलाओं की मौत हो गई थी. शनिवार को चिकित्सालय प्रशासन मामले को दबाने में जुटा रहा, लेकिन रविवार सुबह मृतक महिलाओं के परिजनों ने नसबंदी प्रभारी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया. जिसके बाद कलेक्टर ने मामले में जांच के निर्देश दिए हैं.