श्रीगंगानगर. महाशिवरात्रि पर्व गुरुवार को पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है. श्रीगंगानगर के प्राचीन शिवालय में शिव भक्तों की प्रातः काल से ही भीड़ देखी जा रही है. शहर के प्राचीन शिवालय में गुरुवार सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए जुटी हुई है. हर हर महादेव की गूंज के साथ शिव भगत भोले बाबा को खुश करने में लगे हुए हैं.
श्रीगंगानगर का ये प्राचीन शिवालय करीब 100 साल पुराना है. जिसकी नीवं बाबा शुक्र नाथ गिरी जी महाराज ने कठोर तपस्या करके रखी थी. शिवालय में पिछले 60 साल से धूना लगा हुआ है. शिव भक्तों का मानना है कि महाशिवरात्रि पर प्राचीन शिवालय में आकर बाबा भोलेनाथ से जो भगत मन्नत मांगते हैं उनकी मनोकामना पूरी होती है.
प्राचीन शिवालय में महाशिवरात्रि पर भारी भीड़ होती है. शिवालय में आने वाले भक्तों को बाबा का प्रसाद भी ग्रहण करवाया जाता है. बाबा की आरती के साथ ही भजन कीर्तन शुरू होता है जो रातभर तक चलता रहता है. लम्बे समय से यहां आकर बाबा की सेवा करने वाले भक्त बताते हैं कि शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ किसी न किसी रूप में प्रकट होते हैं. कोरोना संकट के बाद भी मेले में भक्तों की लगी लंबी लाइन यह बताती है कि प्राचीन शिवालय में लोगों का भोलेनाथ में कितना गहरा विश्वास है.
पढ़ें- श्रीगंगानगर में अचानक बस में आग लगने से मचा हड़कंप, कोई हताहत नहीं
वहीं बाबा के सेवादार शिव भक्तों को दूध खीर सहित अनेक प्रकार का प्रसाद वितरण कर रहे हैं. केसरिया दूध वाले के नाम से मशहूर बाबा भोलेनाथ के भगत बिट्टू प्रधान और बलजीत केसरिया भक्तों के लिए करीब 10 क्विंटल दूध से खीर बनाकर प्रसाद वितरण कर रहे हैं. ये भक्त पिछले 20 सालों से महादेव की सेवा में समर्पित होकर महाशिवरात्रि पर दूध और खीर का प्रसाद वितरण करते हैं.