श्रीगंगानगर. जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए चिकित्सा विभाग एवं जिला प्रशासन लगातार सर्वे करवाने में लगा हुआ है. अब तक जिले में प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच हो चुकी है. बता दें कि उनमें एक भी रोगी कोरोना संक्रमण जैसी स्थिति में नजर नहीं आया है.
जिले में 22 लाख लोगों पर दो बार हुए सर्वे में कोरोना संक्रमण के लक्षण वाला एक भी व्यक्ति नहीं मिला है. चिकित्सा विभाग द्वारा करवाए गए पहले सर्वे में करीब 30 हजार आईएलआई वाले मरीज सामने आए. वहीं जिला प्रशासन द्वारा बीएलओ व आशा सहयोगिनियों द्वारा करवाए गए सर्वे में करीब 7 हजार खांसी जुखाम व आईएलआई लक्षण वाले रोगी सामने आए हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है.
प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गिरधारी लाल मेहरड़ा ने बताया कि श्रीगंगानगर जिले में दो बार सर्वे हो चुका है. पहली बार स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा सर्वे किया गया था. जिसमें जिले के लगभग 22 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी. उसमें करीब 30 हजार आईएलआई वाले मरीज मिले. चिकित्सा अधिकारियों द्वारा परीक्षण के बाद उनका इलाज शुरू किया गया.
वहीं जिला प्रशासन द्वारा बीएलओ से करवाए गए सर्वे में लगभग 7 हजार खांसी, जुकाम व आईएलआई वाले रोगी मिले हैं. जिनमें एक-एक का चिकित्सा अधिकारियों ने स्वास्थ्य परीक्षण किया. इसमें से जो गंभीर प्रकार के आईएलआई वाले रोगी मिले हैं. उनको तुरंत प्रभाव से जिला अस्पताल में जांच के बाद भर्ती कर इलाज शुरू किया गया है.
पढ़ेंः राज्यों की सहमति से प्रवासी और श्रमिक जा सकेंगे घर, प्रशासन पुख्ता व्यवस्था करे: CM गहलोत
जिला प्रशासन द्वारा करवाए गए सर्वे में मिले सभी संदिग्धों को रेफर करने से पहले उनकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी स्क्रीनिंग की गई है. जहां तमाम प्रकार की रिपोर्ट तैयार करके एसिंप्टोमेटिक वाले मरीजों को रेफर किया गया है. जिला अस्पताल के पीएमओ द्वारा भी एआरटी टीम स्क्रीनिंग करके उनका सैंपल लिया जा रहा है. जिले में अब तक 300 सैंपल लिये गये हैं जो नेगेटिव आए हैं.