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विवादस्पद बनी सीएमएचओ की कुर्सी,आम आदमी से लेकर सरकारी कर्मचारी हो रहे प्रभावित

श्रीगंगानगर जिले में सत्ता,पावर और कुर्सी हथियाने के लिए लगाए जाने वाले दांव-पेंच अक्सर राजनीति में देखने को मिलते हैं.लेकिन कुर्सी का मोह अब सरकारी अधिकारियों पर भी हावी होने लगा है जिससे आम आदमी से लेकर विभाग के सरकारी कर्मचारी भी प्रभावित हो रहे हैं

विवादस्पद बनी सीएमएचओ की कुर्सी,आम आदमी से लेकर सरकारी कर्मचारी हो रहे प्रभावित
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Published : Jul 23, 2019, 3:16 PM IST

श्रीगंगानगर.जिले में सत्ता,पावर और कुर्सी हथियाने के लिए लगाए जाने वाले दांव पेच अक्सर राजनीति में देखने को मिलते हैं.लेकिन कुर्सी का मोह अब सरकारी अधिकारियों पर भी हावी होने लगा है.जी हां,श्रीगंगानगर के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.

विवादस्पद बनी सीएमएचओ की कुर्सी,आम आदमी से लेकर सरकारी कर्मचारी हो रहे प्रभावित


जहां सीएमएचओ पद के लिए डॉक्टर गिरधारी लाल मेहरडा और डॉक्टर नरेश कुमार बंसल के बीच शुरू हुई खींचतान लगातार जारी है.पिछले एक सप्ताह में सीएमएचओ की कुर्सी के लिए दो डॉक्टरों के बीच चल रही लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है.एक हफ्ते में सीएमएचओ पद का चार्ज चार बार बदल चुका है.


दरअसल,12 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग ने 52 डॉक्टर्स के स्थानांतरण किए, जिसमें डॉक्टर गिरधारी लाल को श्रीगंगानगर जिला अस्पताल से सीएमएचओ व सीएमएचओ डॉ नरेश बंसल को जिला अस्पताल के डीसी पद पर स्थानांतरित किया गया.जिसके बाद 13 जुलाई शनिवार के अवकाश के दिन डॉक्टर गिरधारी लाल ने सीएमएचओ पद का चार्ज लिया.
लेकिन 20 जुलाई को हाई कोर्ट से स्थानांतरण आदेश पर स्टे-ऑर्डर लेकर डॉक्टर नरेश बंसल ने रातों-रात चार्ज ले लिया.लेकिन 21 जुलाई रविवार सुबह डॉक्टर गिरधारी ने दोबारा चार्ज लिया.दोनों डॉक्टरों द्वारा चार्ज लेने का चल रहा ये खेल किसी बड़ी लालसा को दिर्शाता है.


अवकाश के दिन दोनों अधिकारियों द्वारा चार्ज लेने के पीछे मकसद विभाग में अच्छी सेवाएं देने का नहीं बल्कि केवल सत्ता, ताकत और कुर्सी हथियाने का है जो की शर्मनाक है.यही वजह है कि पिछले 6 साल से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी पर बैठे डॉ नरेश बंसल को कोई और कुर्सी रास नहीं आ रही है.


तभी सरकार के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाकर रिटायरमेंट होने के छह माह पहले ही स्टे ले लिया.शायद ये कुर्सी का ही नशा है जिसकी वजह से 6 साल तक सीएमएचओ के पद पर रहने के बाद भी डॉ नरेश बंसल की लालसा खत्म नहीं हुई और सरकार के आदेश को धता बताकर कुर्सी पर बैठने के लिए कोर्ट से आदेश ले आए.


उधर 2 दिन के सरकारी अवकाश के बाद कार्यालय खुलने के बाद सोमवार को भी ऊहापोह की स्थिति बनी रही कि सीएमएचओ गिरधारीलाल होंगे या फिर हाई कोर्ट से स्टे आर्डर प्राप्त करने वाले डॉक्टर नरेश बंसल सीएमएचओ होंगे.

हालांकि,सोमवार को डॉक्टर गिरधारी लाल ने कार्यालय में उपस्थित होकर सीएमएचओ का कार्य संपादित किया.लेकिन डॉक्टर बंसल न ही दफ्तर आये और ना ही किसी का फोन उठाया.अब 24 जुलाई मंगलवार को डॉक्टर बंसल की ओर से लगाई याचिका और डॉक्टर गिरधारी की कैवियट की हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.सुनवाई के बाद कोर्ट क्या आदेश देता है इसका इंतजार है.इसी संज्ञान में कर्मचारी यूनियन के नेता राम कुमार सिहाग ने बताया कि ऐसी इस्तिथि में सरकारी योजनाओं का आम आदमी के कार्य नहीं होने से नुकसान हो रहा है.बहरहाल,दो डॉक्टरों की कुर्सी की इस लड़ाई में आम आदमी से लेकर विभाग के सरकारी कर्मचारी भी प्रभावित हो रहे हैं.

श्रीगंगानगर.जिले में सत्ता,पावर और कुर्सी हथियाने के लिए लगाए जाने वाले दांव पेच अक्सर राजनीति में देखने को मिलते हैं.लेकिन कुर्सी का मोह अब सरकारी अधिकारियों पर भी हावी होने लगा है.जी हां,श्रीगंगानगर के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.

विवादस्पद बनी सीएमएचओ की कुर्सी,आम आदमी से लेकर सरकारी कर्मचारी हो रहे प्रभावित


जहां सीएमएचओ पद के लिए डॉक्टर गिरधारी लाल मेहरडा और डॉक्टर नरेश कुमार बंसल के बीच शुरू हुई खींचतान लगातार जारी है.पिछले एक सप्ताह में सीएमएचओ की कुर्सी के लिए दो डॉक्टरों के बीच चल रही लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है.एक हफ्ते में सीएमएचओ पद का चार्ज चार बार बदल चुका है.


दरअसल,12 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग ने 52 डॉक्टर्स के स्थानांतरण किए, जिसमें डॉक्टर गिरधारी लाल को श्रीगंगानगर जिला अस्पताल से सीएमएचओ व सीएमएचओ डॉ नरेश बंसल को जिला अस्पताल के डीसी पद पर स्थानांतरित किया गया.जिसके बाद 13 जुलाई शनिवार के अवकाश के दिन डॉक्टर गिरधारी लाल ने सीएमएचओ पद का चार्ज लिया.
लेकिन 20 जुलाई को हाई कोर्ट से स्थानांतरण आदेश पर स्टे-ऑर्डर लेकर डॉक्टर नरेश बंसल ने रातों-रात चार्ज ले लिया.लेकिन 21 जुलाई रविवार सुबह डॉक्टर गिरधारी ने दोबारा चार्ज लिया.दोनों डॉक्टरों द्वारा चार्ज लेने का चल रहा ये खेल किसी बड़ी लालसा को दिर्शाता है.


अवकाश के दिन दोनों अधिकारियों द्वारा चार्ज लेने के पीछे मकसद विभाग में अच्छी सेवाएं देने का नहीं बल्कि केवल सत्ता, ताकत और कुर्सी हथियाने का है जो की शर्मनाक है.यही वजह है कि पिछले 6 साल से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी पर बैठे डॉ नरेश बंसल को कोई और कुर्सी रास नहीं आ रही है.


तभी सरकार के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाकर रिटायरमेंट होने के छह माह पहले ही स्टे ले लिया.शायद ये कुर्सी का ही नशा है जिसकी वजह से 6 साल तक सीएमएचओ के पद पर रहने के बाद भी डॉ नरेश बंसल की लालसा खत्म नहीं हुई और सरकार के आदेश को धता बताकर कुर्सी पर बैठने के लिए कोर्ट से आदेश ले आए.


उधर 2 दिन के सरकारी अवकाश के बाद कार्यालय खुलने के बाद सोमवार को भी ऊहापोह की स्थिति बनी रही कि सीएमएचओ गिरधारीलाल होंगे या फिर हाई कोर्ट से स्टे आर्डर प्राप्त करने वाले डॉक्टर नरेश बंसल सीएमएचओ होंगे.

हालांकि,सोमवार को डॉक्टर गिरधारी लाल ने कार्यालय में उपस्थित होकर सीएमएचओ का कार्य संपादित किया.लेकिन डॉक्टर बंसल न ही दफ्तर आये और ना ही किसी का फोन उठाया.अब 24 जुलाई मंगलवार को डॉक्टर बंसल की ओर से लगाई याचिका और डॉक्टर गिरधारी की कैवियट की हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.सुनवाई के बाद कोर्ट क्या आदेश देता है इसका इंतजार है.इसी संज्ञान में कर्मचारी यूनियन के नेता राम कुमार सिहाग ने बताया कि ऐसी इस्तिथि में सरकारी योजनाओं का आम आदमी के कार्य नहीं होने से नुकसान हो रहा है.बहरहाल,दो डॉक्टरों की कुर्सी की इस लड़ाई में आम आदमी से लेकर विभाग के सरकारी कर्मचारी भी प्रभावित हो रहे हैं.

Intro:श्रीगंगानगर : सत्ता,पावर व कुर्सी हथियाने के लिए लगाए जाने वाले दांव पेच अक्सर राजनीति में देखने को मिलते हैं। लेकिन कुर्सी का मोह अब सरकारी अधिकारियों पर भी हावी होने लगा है। श्रीगंगानगर के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। जहां सीएमएचओ पद के लिए डॉक्टर गिरधारी लाल मेहरडा और डॉक्टर नरेश कुमार बंसल के बीच शुरू हुई खींचतान जारी है। पिछले एक हफ्ते में सीएमएचओ की कुर्सी के लिए दो डॉक्टरों के बीच चल रही लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। एक हफ्ते में सीएमएचओ पद का चार्ज चार बार बदल चुका है।


Body:12 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग ने 52 डॉक्टर्स के स्थानांतरण किए। इसमें डॉक्टर गिरधारी लाल को श्रीगंगानगर जिला अस्पताल से सीएमएचओ व सीएमएचओ डॉ नरेश बंसल को जिला अस्पताल के डीसी पद पर लगाया। 13 जुलाई शनिवार के अवकाश के दिन डॉक्टर गिरधारी लाल ने सीएमएचओ पद का चार्ज लिया। मगर 20 जुलाई को हाई कोर्ट से स्थानांतरण आदेश पर स्टे ऑर्डर लेकर डॉक्टर नरेश बंसल ने रातों-रात चार्ज ले लिया। लेकिन 21 जुलाई रविवार सुबह डॉक्टर गिरधारी ने फिर चार्ज लिया।दोनों डॉक्टरों द्वारा चार्ज लेने का चल रहा ये खेल किसी बड़ी लालसा को दिखाता है। अवकाश के दिन दोनों अधिकारियों द्वारा चार्ज लेने के पीछे मकसद कोई विभाग में अच्छी सेवाएं देने का नहीं है बल्कि किस्सा केवल सत्ता, ताकत और कुर्सी हथियाने का है। यही वजह है कि पिछले 6 साल से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी पर बैठे डॉ नरेश बंसल को कोई और कुर्सी रास नहीं आ रही है। तभी सरकार के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाकर रिटायरमेंट होने के छह माह पहले स्टे ले लिया। शायद ये कुर्सी का ही नशा है जिसकी वजह से 6 साल तक सीएमएचओ के पद पर रहने के बाद भी डॉ नरेश बंसल की लालसा खत्म नहीं हुई और सरकार के आदेश को धता बताकर कुर्सी पर बैठने के लिए कोर्ट से आदेश ले आए। उधर 2 दिन के सरकारी अवकाश के बाद कार्यालय खुलने के बाद सोमवार को भी ऊहापोह की स्थिति बनी रही की सीएमएचओ गिरधारीलाल होंगे या फिर हाई कोर्ट से स्टे आर्डर प्राप्त करने वाले डॉक्टर नरेश बंसल सीएमएचओ होंगे। हालांकि सोमवार को डॉक्टर गिरधारी लाल ने कार्यालय में उपस्थित होकर सीएमएचओ का कार्य संपादित किया।लेकिन डॉक्टर बंसल दफ्तर आये और ना ही किसी का फोन उठाया। अब 24 जुलाई मंगलवार को डॉक्टर बंसल की ओर से लगाई याचिका और डॉक्टर गिरधारी की कैवियट की हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। सुनवाई के बाद कोर्ट क्या आदेश देता है इसका इंतजार है। उधर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में मचे घमासान से कर्मचारी भी इस बात से परेशान है कि किस का आदेश माने और किसका नहीं माने। कर्मचारी यूनियन के नेता राम कुमार सिहाग बताते हैं कि ऐसी इस्तिथि में सरकार की योजनाओं का आम आदमी के कार्य नही होने से नुकसान हो रहा है।बहरहाल दो डॉक्टरों की कुर्सी की इस लड़ाई में आम आदमी से लेकर विभाग के सरकारी कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं। बाइट : डॉक्टर गिरधारीलाल, सीएमएचओ बाइट : रामकुमार सिहाग,कर्मचारी नेता नोट : डॉक्टर नरेश बंसल से बात करने व बाइट देने से मना कर दिया है।


Conclusion:सीएमएचओ की कुर्सी बनी विवाद का कारण।
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