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श्रीगंगानगर: रिश्वतखोर ASI मोहर सिंह को हुई जेल - bribery ASI

श्रीगंगानगर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सदर थाने के एएसआई को रिश्वतखोरी के मामले में ACB कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने एएसआई को आरोपी मानते हुए 14 दिन के लिए जेल भेज दिया.

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रिश्वतखोर एएसआई को हुई जेल
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Published : Jul 16, 2020, 4:21 PM IST

श्रीगंगानगर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) हनुमानगढ़ की टीम ने सदर थाने के ASI को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था. ACB टीम ने आरोपी एएसआई को एसीबी कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए रिश्वतखोर एएसआई मोहर सिंह को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है. वहीं आरोपी की तरफ से लगाई गई जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है.

रिश्वत के इस खेल में क्या आरोपी अकेला रिश्वतखोरी का खेल-खेल रहा था या पुलिस के अधिकारी भी इसमें शामिल थे. इस बात को लेकर एसीबी टीम जांच तो कर रही है. लेकिन जिस गति के साथ, जिन सबूतों पर जांच होनी चाहिए. शायद उसमें एसीबी टीम दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. सदर थाने में तैनात रहे एएसआई मोहर सिंह जिस मुकदमे की जांच कर रहा था, उसमें परिवादी से तीन लोगों ने 12 लाख रुपए की ठगी कर विदेश भाग गए. यह मुकदमा 15 फरवरी को दर्ज किया गया था, जबकि परिवादी ने इसका परिवाद दिसंबर में ही एसपी को दिया था.

रिश्वतखोर एएसआई को हुई जेल

यह भी पढ़ेंः कोटा: 50 से ज्यादा लोगों से धोखाधड़ी कर 2 करोड़ ठगने वाली मां-बेटी गिरफ्तार

परिवादी महावीर सोनी ने बताया कि पूजा कॉलोनी निवासी रविंद्र सिंह पुत्र जसवंत सिंह, उसकी मां परमजीत कौर और पत्नी हरसिमरत कौर ने पूर्व नियोजित साजिश के तहत परिवादी से 12 लाख रुपए की ठगी करने के बाद तीनों आरोपी विदेश चले गए. इसके बाद फोन पर कई बार संपर्क किया, लेकिन आरोपी रुपए लौटाने से साफ इनकार कर दिए. मामले की जांच कर रहे एएसआई मोहर सिंह ने आरोपियों को विदेश से यहां आकर अथवा डाक से जवाब पेश करने के लिए इंटरपोल के मार्फत रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाना था. इस बात के लिए ही एएसआई परिवादी महावीर सोनी से रुपए मांग रहा था. परिवादी ने बताया कि उसने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने के बदले एक लाख रुपए मांगे थे. परिवादी ने आरोपी एएसआई को 30 हजार रुपए तक देने का ऑफर दिया था, लेकिन आरोपी एएसआई मोहर सिंह मामले की जांच को पांच माह से लटकाए हुए थे.

यह भी पढ़ेंः जमीन धोखाधड़ी मामला: CID के ASI को उदयपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार

बता दें कि महावीर सोनी को आरोपी ने 27 सितंबर 2019 को करीब ढाई एकड़ जमीन का 20 लाख रुपए में सौदा किया था. उसी दिन 12 लाख रुपए देकर इकरारनामा लिखवाया गया. 25 नवंबर 2019 को रजिस्ट्री तारीख थी, लेकिन इससे दो दिन पहले आरोपी रविंद्र सिंह अपनी मां परमजीत कौर को साथ लेकर परिवादी के घर आया और कहा कि रजिस्ट्री करवाने में एक माह का समय लगेगा. उसके बाद 16 दिसंबर को संपर्क किया, तब तक आरोपी विदेश जा चुका था. बाद में पता चला कि जमीन 6 दिसंबर 2018 को ही किसी अन्य व्यक्ति को बेची जा चुकी थी.

रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार एएसआई मोहर सिंह को हनुमानगढ़ एसीबी टीम ने मंगलवार को अदालत में पेश किया. अदालत ने आरोपी एएसआई को 28 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए. एसीबी टीम ने आरोपी एएसआई को कोविड- 19 जांच के लिए जिला अस्पताल से सैंपल करवाकर जवाहर नगर थाना पुलिस की हिरासत में छोड़ दिया. श्रीगंगानगर एसीबी चौकी के सीआई आनंद गिल ने आरोपी मोहर सिंह के रामदेव कॉलोनी स्थित आवास पर सर्च ऑपरेशन किया, लेकिन उसके मकान में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला.

श्रीगंगानगर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) हनुमानगढ़ की टीम ने सदर थाने के ASI को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था. ACB टीम ने आरोपी एएसआई को एसीबी कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए रिश्वतखोर एएसआई मोहर सिंह को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है. वहीं आरोपी की तरफ से लगाई गई जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है.

रिश्वत के इस खेल में क्या आरोपी अकेला रिश्वतखोरी का खेल-खेल रहा था या पुलिस के अधिकारी भी इसमें शामिल थे. इस बात को लेकर एसीबी टीम जांच तो कर रही है. लेकिन जिस गति के साथ, जिन सबूतों पर जांच होनी चाहिए. शायद उसमें एसीबी टीम दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. सदर थाने में तैनात रहे एएसआई मोहर सिंह जिस मुकदमे की जांच कर रहा था, उसमें परिवादी से तीन लोगों ने 12 लाख रुपए की ठगी कर विदेश भाग गए. यह मुकदमा 15 फरवरी को दर्ज किया गया था, जबकि परिवादी ने इसका परिवाद दिसंबर में ही एसपी को दिया था.

रिश्वतखोर एएसआई को हुई जेल

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परिवादी महावीर सोनी ने बताया कि पूजा कॉलोनी निवासी रविंद्र सिंह पुत्र जसवंत सिंह, उसकी मां परमजीत कौर और पत्नी हरसिमरत कौर ने पूर्व नियोजित साजिश के तहत परिवादी से 12 लाख रुपए की ठगी करने के बाद तीनों आरोपी विदेश चले गए. इसके बाद फोन पर कई बार संपर्क किया, लेकिन आरोपी रुपए लौटाने से साफ इनकार कर दिए. मामले की जांच कर रहे एएसआई मोहर सिंह ने आरोपियों को विदेश से यहां आकर अथवा डाक से जवाब पेश करने के लिए इंटरपोल के मार्फत रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाना था. इस बात के लिए ही एएसआई परिवादी महावीर सोनी से रुपए मांग रहा था. परिवादी ने बताया कि उसने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने के बदले एक लाख रुपए मांगे थे. परिवादी ने आरोपी एएसआई को 30 हजार रुपए तक देने का ऑफर दिया था, लेकिन आरोपी एएसआई मोहर सिंह मामले की जांच को पांच माह से लटकाए हुए थे.

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बता दें कि महावीर सोनी को आरोपी ने 27 सितंबर 2019 को करीब ढाई एकड़ जमीन का 20 लाख रुपए में सौदा किया था. उसी दिन 12 लाख रुपए देकर इकरारनामा लिखवाया गया. 25 नवंबर 2019 को रजिस्ट्री तारीख थी, लेकिन इससे दो दिन पहले आरोपी रविंद्र सिंह अपनी मां परमजीत कौर को साथ लेकर परिवादी के घर आया और कहा कि रजिस्ट्री करवाने में एक माह का समय लगेगा. उसके बाद 16 दिसंबर को संपर्क किया, तब तक आरोपी विदेश जा चुका था. बाद में पता चला कि जमीन 6 दिसंबर 2018 को ही किसी अन्य व्यक्ति को बेची जा चुकी थी.

रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार एएसआई मोहर सिंह को हनुमानगढ़ एसीबी टीम ने मंगलवार को अदालत में पेश किया. अदालत ने आरोपी एएसआई को 28 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए. एसीबी टीम ने आरोपी एएसआई को कोविड- 19 जांच के लिए जिला अस्पताल से सैंपल करवाकर जवाहर नगर थाना पुलिस की हिरासत में छोड़ दिया. श्रीगंगानगर एसीबी चौकी के सीआई आनंद गिल ने आरोपी मोहर सिंह के रामदेव कॉलोनी स्थित आवास पर सर्च ऑपरेशन किया, लेकिन उसके मकान में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला.

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